Kangana Ranaut sexually harassed by Vikas Bahl: Film Queen की शूटिंग के दौरान घटी घटना पर कंगना रनौत ने चुप्पी तोड़ी है। कंगना ने निर्देशक विकास बहल पर यौन शोषण का आरोप लगाया है। तनुश्री दत्ता और नाना पाटेकर केस के बाद कंगना और विकास की कहानी ने #MeToo आंदोलन को हवा दिया है। हालांकि 2015 में विकास बहल पर फैंटम पिक्चर की एक महिला कर्मचारी ने भी इस तरह के आरोप लगाए और फिर कंपनी छोड़ दी। इस घटना के खुलासे के बाद कंगना ने समर्थन में यह बात रखी है।
जानकारी के मुताबिक, कंगना रनौत ने कहा, ‘क्वीन की शूटिंग के दौरान विकास बहल मुझे कसकर पकड़ लेते थे। इसके बाद वह अपना चेहर मेरे गर्दन पर रगड़ते और मेरे बालों को सूंघते। वह इतना कसकर पकड़ते थे कि उनसे छुड़ा पाना मुश्किल होता था। इस दौरान वह सेक्स की बातें किया करते थे। इतना ही नहीं वह बताते थे कि हर दिन नई लड़कियों के साथ संबंध बनाते हैं… हालांकि इन बातों से मैं बहुत डर चुकी थी। फिर वह हर दिन मेरे साथ ऐसा करते थे। विकास कहते थे कि कंगना के बालों की खुशबू उनको अच्छी लगती है।’
पीड़िता को किया सपोर्ट
आगे कंगना ने कहा कि महिला के द्वारा लगाए गए आरोप सही हो सकते हैं। विकास को मैंने करीब से देखा है। इसलिए मैं उस महिला कर्मचारी की बात पर यकीन कर रही हूं। बताते चलें कि पिछले साल उस महिला ने आरोप लगाया था कि विकास बहल उसके साथ गोवा की यात्रा के दौरान अनुचित ढंग से व्यवहार किए। इस घटना के बाद विकास बहल की मुश्किल बढ़ती दिख रही है। हालांकि इन आरोपों पर विकास बहल की ओर से कोई बयान नहीं आया है। हालांकि इस घटना के बाद फिल्म निर्माता और लेखक हंसल मेहता ने विकास की कड़ी निंदा की है।
तनुश्री के साथ कंगना
इससे पहले कंगना रनौत तनुश्री के समर्थन में भी बोल चुकी हैं। उन्होंने कहा, ‘मैं कोई फैसला नहीं सुना रही हूं। इसके लिए मेरे पास कोई जगह नहीं। लेकिन मैं तनुश्री के साहस को सलाम करती हूं कि वह अपने साथ हुए घटना का जिक्र किया। यह उनका और आरोपी का अधिकार है कि वह अपनी बातों को रखें। ऐसे मुद्दों पर खुलकर बात होनी चाहिए ताकि समाज में जागरूकता फैले। दुर्भाग्य की बात है कि हममें आज भी शिष्टाचार की कमी है।’ यहां पर कंगाना रनौत एक प्रकार से मां और बेटे के संबंध व शिष्टाचार के बारे में भी जिक्र करती दिखीं। इसको लेकर काफी कुछ कहा।
कोई एक्सपायरी डेट नहीं
आगे उन्होंने कहा, ‘राजा बेटा को अब अच्छी तरह से बताना होगा कि ‘नो’ का मतलब क्या होता है। जो शिक्षा उनके माता-पिता नहीं दे पाए हैं अब हमारा समाज उनको सीखाएगा। महिला और पुरुष के लिए एक ही तरह के मानवाधिकार बनाए गए हैं जो कि उनको बताना पड़ेगा। इससे बाकि लोगों को भी सबक मिलेगा। हम लोग अक्सर रेप, यौन उत्पीड़न जैसी घटनाओं के बारे में खबर पढ़ते हैं तो ऐसा लगता है कि किस तरह के दानव, मानव वेश में रह रहे हैं। हमें एकजुट होकर अपनी बात रखनी चाहिए। हम अपनी बातों को कभी भी रख सकती हैं। हम लड़कियों के साथ घटी घटना का कोई एक्सपायरी डेट नहीं है।’
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