करण जौहर को लग रहा है डर..कहीं उनके बच्चों का पहला शब्द मलयालम में न हो

करण जौहर ने अपने बच्चों को एक ओपन लेटर लिखा

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करण जौहर को लग रहा है डर..कहीं उनके बच्चों का पहला शब्द मलयालम में न हो
करण जौहर ने अपने बच्चों को एक ओपन लेटर लिखा

करण जौहर जुड़वाँ बच्चों यश और रूही के पिता है| उन्होंने 2017 की शुरुआत में अपने बारे में ये बड़ी घोषणा की और सभी को अपने पिता बनने के बारे में खबर दी|

हाल ही में, करण ने अपने बच्चों के लिए एक प्रमुख अख़बार में एक लेटर लिखा है, जिसे पढने का चांस आप मिस नहीं करना चाहेंगे| उन्होंने कहा, “मैं 44 साल का था जब तुम मेरे लिए पैदा हुए थे, और लगभग तुरंत तुम लोगों ने मुझे एक हॉलमार्क ग्रीटिंग कार्ड के तरह भावुक बना दिया था। मुझे विश्वास नहीं होता कि आप दोनों कितने जादुई, मेरे जीवन को भरने वाले और मेरे घर में हो, लेकिन यह सच है। ”

करण ने कहा, “आपने मेरा जीवन पूरी तरह से बदल दिया है, और मैं शिकायत नहीं कर रहा हूं। मुझे बहुत अधिक चिंता है-मेरे बीमा प्रीमियम, मेरी वील, यहां तक ​​कि मेरी परिसंपत्तियों के विभाजन के बारे में, कभी कभी मैं रात को जागकर ये सोचता हूँ कि अगर मुझे कुछ हो गया तो मैं आपका गार्जियन किसे बनाऊंगा?

फिल्म निर्माता ने बताया कि उनके जन्म के बाद उन्होंने जिम की शुरुआत की थी ताकि वो अपने बच्चों के लिए स्वस्थ रह सकें| उन्होंने कहा, “क्या आप जानना चाहते हैं कि जब आप पैदा हुए तो मैंने कौनसी चीज शुरू की थी? पहली बार मैंने जिम में जाना शुरू कर दिया और खुद के लिए पोषण प्राप्त किया।” ताकि मैं आस-पास रह सकूँ, मुझे पता है कि एक चीज मैं आपको दे सकता हूं, कि मैं आपका ऋणी हूं, ये मेरा जीवन है। इसलिए जब मैं सोचता हूं कि आपके लिए क्या सपने और आकांक्षाएं हैं, मेरा पहला सपना है कि मैं वहां रहूँ!”

उन्होंने कहा, “ज्यादातर लोग इस संसार में बच्चे को लाने के फैसले को गंभीरता से नहीं लेते| यह नियमित जीवन का एक हिस्सा माना जाता है – आप शादी करते हैं और प्रजनन करते हैं, यह सिर्फ काम है, लेकिन आज के दिन और उम्र में, शहरी चिंतन और क्रेजी बिजी शेड्यूल के बीच जहाँ आप खुद अपने लाइफ को नहीं संभल पाते ऐसे में दुसरे जीवन को लाना एक बड़ा फैसला है। लेकिन मैंने दिल से महसूस किया| मैं सिर्फ इतना जानता था कि मैं तैयार हूं-जितने अच्छे से मैं आपको पल सकता हूँ उसके लिए!

करन ने यह भी कहा कि उन्होंने स्कूल में उनके पहले दिन, पहले शब्द और सबके बारे में सोचना शुरू कर दिया है| उन्होंने कहा, “मैंने पहले से ही स्कूल में आपके पहले दिन जैसी चीजों की कल्पना शुरू कर दी है, आपके पहले शब्द और यहां तक ​​कि आपकी पहली स्वीकृति। आपको सच बताऊँ तो मैं रोज़ आपे कान में पापा पापा पापा कहता हूँ क्योंकि मुझे दर है कि आपका पहला शब्द मलयालम में होगा| (क्योंकि चारों नर्स केरला की हैं)

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Story Author: श्रेया दुबे

खबरें तो सब देते हैं, लेकिन तीखे खबरों को मजेदार अंदाज़ में आपतक पहुंचाना मुझे बहुत अच्छा लगता है। पिछले चार साल से पत्रकारिता के क्षेत्र में हूं। कुछ नया सीखने की कोशिश कर रही हूं। फिलहाल इंटरनेट को और एंटरटेनिंग बना रही हूं।

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