बॉलीवुड एक्टर कार्तिक आर्यन (Kartik Aaryan) इन दिनों सोशल मीडिया पर काफी एक्टिव रहने लगे हैं। वह अपने चैट शो ‘कोकी पूछेगा’ (Koki Poochega) को लेकर सुर्ख़ियों में बने रहते हैं। वहीं अब कार्तिक अपने इस शो का नया एपिसोड लेकर आए हैं। कार्तिक ने अपने शो में इस बार डिप्रेशन को लेकर बात की। एपिसोड में कार्तिक आर्यन ने मनोचिकित्सक डॉ. गीता जयराम के साथ मेंटल हेल्थ और डिप्रेशन के मुद्दों पर बात की है।
कार्तिक ने अपने शो में जॉन हॉपकिंस अस्पताल, बाल्टीमोर की मनोचिकित्सक डॉक्टर गीता जयराम से डिप्रेशन पर चर्चा की। कार्तिक आर्यन ने अपने इस वीडियो को यूट्यूब चैनल पर शेयर किया है।
कार्तिक आर्यन ने अपने इस एपिसोड में शुरुआत में कहते हुए नजर आ रहे हैं कि जागरूकता फैलाने में कुछ भी गलत नहीं है। वे मानसिक स्वास्थ्य के महत्व के बारे में बताते हैं। इसके बाद उन्होंने डॉक्टर गीता जयराम से मिलवाया और उन्हें कहा कि वे डी शब्द का उपयोग न करके इसे देवदास कहेंगे। जिस पर डॉक्टर कहा कि डिप्रेशन का नाम लेना कोई गलत बात नहीं है। इस बारे में बात होना जरूरी भी है और उसके लिए डिप्रेशन का नाम लेना भी उतना ही जरूरी है।
कार्तिक ने डॉक्टर गीता से अपने सवाल में पूछा कि डिप्रेशन में होने के वास्तविक लक्षण क्या होते हैं? मेरा एक दोस्त इसको लेकर कहता है कि बीयर पीने से डिप्रेशन ठीक हो जाता है। क्या शराब डिप्रेशन के लिए एक वास्तविक इलाज है? क्या डिप्रेशन और आत्महत्या सह-संबंधित हैं? कार्तिक आर्यन ने इन सवालों को न केवल अपनी समझ के लिए बल्कि यह सुनिश्चित करने के लिए भी पूछा कि जो दर्शक इसे देख रहे हैं वे इसके बारे में जागरूक हों सकें।
इन सभी सवालों के जवाब डॉक्टर गीता ने कहा कि लोग डिप्रेशन के लक्षण अन्य बीमारियों की तरह ही होते हैं बस हमें नजर नहीं आते बल्कि महसूस होते हैं। आपका बातों को लेकर परेशान होना, ये समझना कि आपके परिवार को आपकी जरूरत नहीं है और जो भी बुरा हो रहा है आपकी वजह से है ये सब डिप्रेशन की निशानी है। डिप्रेशन और आत्मह्त्या को अक्सर साथ में जोड़ा जाता है और काफी हद तक ये दोनों जुड़े हुए भी हैं। शराब या किसी अन्य तरह के ड्रग्स के सेवन से कोई लाभ नहीं होता है। इससे आपकी बीमारी और खराब होती जाती है।
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