कार्तिक आर्यन और कृति सेनन की फिल्म ‘लुका छुपी’ 1 मार्च को रिलीज होने के लिए तैयार है। फिल्म की कहानी एक ऐसे रिश्ते पर आधारित है, जिसे आज भी समाज तिरछी नजरों से देखता है। जी हां, फिल्म की कहानी लिव इन रिलेशनशिप पर बेस्ड है। इस फिल्म में लिव इन को सपरिवार जोड़ा गया है जोकि इस फिल्म की यूएसपी है। बुधवार को फिल्म की कास्ट और डायरेक्टर-प्रोड्यूसर इसके प्रमोशन के लिए दिल्ली आए थे। हिंदीरश.कॉम के मुकेश कुमार गजेंद्र के साथ बातचीत में उन्होंने लिव इन रिलेशनशिप पर अपनी राय रखी।
कार्तिक आर्यन ने कहा, ‘मुझे लगता है कि हम उस पेस में रहते हैं जिसमें एक फ्रीडम ऑफ स्पीच होती है। एक सोचने का तरीका है कि हम लोग किसी को फोर्स अगर नहीं कर रहे हैं और दो लोग अगर चाहते हैं एक साथ रहना और कंपैटिबिलिटी टेस्ट करना चाहते हैं तो ये ठीक है क्योंकि शादी एक बहुत बड़ा डिसीजन है, वो डिसीजन बहुत जरूरी है। शादी के पहले अगर कंपैटिबिलिटी टेस्ट करनी है और लिव इन में अगर दो लोग रहना चाहते हैं तो मुझे उसमें कुछ नुकसानदायक नहीं लगता है।’
कपल को उनके फैसले खुद लेने चाहिए
कृति सेनन ने कहा, ‘मुझे लगता है कि दो लोगों के बीच जो रिश्ता होता है, उसमें प्यार होता है। उसके सारे फैसले उन दो लोगों को ही लेने चाहिए। हम बहुत बार इन चीजों को कंफ्यूज कर देते हैं क्योंकि हम सौ तरह से फैसले लेने की कोशिश करते हैं, सबकी सुनने की कोशिश करते हैं तो कभी-कभी मुझे लगता है कि ‘लिव इन लेट लिव’ वाला फंडा अप्लाई करना चाहिए।’ फिल्म में कार्तिक और कृति को सलाह देने वाले अभिनेता अपारशक्ति खुराना इस बारे में कहते हैं, ‘लिव इन के बारे में तो हर किसी का अपना विचार होगा। मुझे लगता है कि ये ठीक है।’
इतना आसान नहीं है लिव इन रिलेशनशिप
फिल्म के डायरेक्टर लक्ष्मण उतेकर लिव इन रिलेशनशिप के बारे में कहते हैं, ‘लिव इन के ऊपर काफी फिल्में आईं हैं। लिव इन पर बहुत सारी फिल्में बन सकती हैं क्योंकि लिव इन इतना आसान नहीं है। हम लोग बोलते हैं, अब दिल्ली, मुंबई जैसे मेट्रो सिटीज़ में भी अगर आपकी शादी नहीं हुई है और एक लड़का-लड़की घर देखना चाहते हैं तो उन्हें घर नहीं मिलता, सर्टिफिकेट मांगते हैं शादी का। हमारे लिए कहानी थी कि एक ऐसा कपल जो स्मॉल टाउन में रहता है और कंजर्वेटिव सोच हैं। उनको लिव इन में रहना है तो उनके साथ क्या होगा।’
‘लुका छुपी’ फिल्म में लिव इन रिलेशनशिप सिर्फ एक एंगल है
प्रोड्यूसर दिनेश विजन कहते हैं, ‘इस फिल्म में सिर्फ लिव इन एक एंगल है। अगर आप फिल्म को देखें तो जैसे हमारा जो कल्चर है, हम जैसे सब एक दूसरे की लाइफ में घुसे हुए हैं कि जैसे सब जानना चाहते हैं कि इनके लिव इन में क्या होने वाला है। अगर आप जॉइंट फैमिली में रह रहे हैं तो मम्मी अभी भी पूछेंगी कि तुमने खाना खाया कि नहीं, भले ही तुमने तीन शादियां कर ली हैं। ऐसे टाइम पर अगर आप अपनी फैमिली से कुछ छुपाए और कुछ नहीं बताए तो एक कॉमेडी से जुड़ी लुका छुपी खेलनी पड़ती है, ये फिल्म वो कहानी है। लिव इन विद फैमिली तो इससे पहले बॉलीवुड में नहीं आया ना, तो आप इसलिए आइए फिल्म देखने।’
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