फिल्ममेकर मधुर भंडारकर क्या बनाने जा रहे हैं फिल्म ‘मैं भी चौकीदार’? जानिए इस बात की असली सच्चाई

हाल ही में संपन्न हुए लोकसभा चुनाव 2019 से पहले प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने सोशल मीडिया पर एक कैंपेन शुरू किया गया था, जिसे 'मैं भी चौकीदार' नाम दिया गया था। इस कैंपेन का मकसद बीजेपी को आम जनता से जोड़ना था।

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के साथ फिल्ममेकर मधुर भंडारकर ( फोटो ; इंस्टाग्राम )

मधुर भंडारकर बॉलीवुड के उन फिल्ममेकर्स में से एक हैं जो रियलिस्टिक फिल्में बनाने के लिए जाने जाते हैं। उनकी ज्यादातर फिल्में गंभीर विषयों पर होती हैं, जो समाज की एक अलग हकीकत को दर्शाती हैं। उनकी पिछली फिल्में ‘चांदनी बार’, ‘पेज 3’, ‘फैशन’ और ‘हिरोइन’ इसका उदाहरण कही जा सकती हैं। हाल ही में एक खबर आई थी कि भंडारकर अपनी अगली फिल्म बनाने की प्लानिंग कर रहे हैं, जिसका नाम ‘मैं भी चौकीदार’ होगा।

हाल ही में संपन्न हुए लोकसभा चुनाव 2019 से पहले प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने सोशल मीडिया पर एक कैंपेन शुरू किया गया था, जिसे ‘मैं भी चौकीदार’ नाम दिया गया था। इस कैंपेन का मकसद बीजेपी को आम जनता से जोड़ना था।

इस कैंपेन के शुरू होने के बाद मोदी सरकार के मंत्री, भारतीय जनता पार्टी (बीजेपी) के अधिकतर नेता और बीजेपी समर्थक इससे जुड़ने लगे। सभी ने ट्विटर पर अपने नाम के आगे चौकीदार शब्द जोड़ लिया था।

जिसके बाद ऐसी रिपोर्ट्स मिल रही थीं कि फिल्ममेकर मधुर भंडारकर इस टाइटल (मैं भी चौकीदार) पर फिल्म बनाने जा रहे हैं और उन्होंने इसकी स्टोरी पर काम शुरू कर दिया है। अब मधुर भंडारकर के प्रवक्ता ने इन खबरों का खंडन किया है।

हमारी अंग्रेजी वेबसाइट ‘पिंकविला’ से एक्सक्लूसिव बातचीत करते हुए मधुर भंडारकर के प्रवक्ता ने कहा, ‘इस खबर में कोई सच्चाई नहीं है। कोई झूठी खबर फैला रहा है। जो इस तरह की अफवाहों को फैला रहे हैं मैं उनसे गुजारिश करता हूं कि एक बार इस खबर को हमसे कंफर्म कर लें।’

फिलहाल तो यह साफ हो गया है कि पीएम मोदी के सोशल कैंपेन ‘मैं भी चौकीदार’ नाम से कोई बॉलीवुड फिल्म नहीं बन रही है। गौरतलब है कि मधुर भंडारकर फिल्ममेकिंग के अलावा सामाजिक मुद्दों पर भी खुलकर अपनी बात रखते हैं। वह सोशल मीडिया पर काफी सक्रिय रहते हैं।

रत्नेश मिश्रा :बचपन से ही इंजीनियर बनने का सपना था. इसे पूरा करने के लिए इंजीनियरिंग की पढ़ाई की, लेकिन खबरों के प्रति ललक ने जर्नलिस्ट बना दिया. बीटेक के बाद जर्नलिज्म किया. उसके बाद अब पत्रकारिता में ही मन रम गया है.