राज ठाकरे की पार्टी एमएनएस ने की सेंसर बोर्ड के चीफ प्रसून जोशी के इस्तीफे की मांग, वजह है ‘पीएम नरेंद्र मोदी’

राज ठाकरे की पार्टी 'महाराष्ट्र नवनिर्माण सेना' (एमएनएस) ने सेंसर बोर्ड के चेयरमैन प्रसून जोशी के इस्तीफे की मांग की है। प्रसून जोशी पर फिल्म पीएम नरेंद्र मोदी को स्पेशल ट्रीटमेंट देने का आरोप लगा है।

सेंसर बोर्ड के चीफ प्रसून जोशी पर पीएम नरेंद्र मोदी फिल्म को स्पेशल ट्रीटमेंट देने का आरोप है। (फोटो- इंस्टाग्राम)

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की बायोपिक ‘पीएम नरेंद्र मोदी’ ट्रेलर रिलीज होने के बाद से लगातार विवादों में घिरी हुई है। यह फिल्म पहले रिलीज डेट को लेकर सुर्खियों में रही तो अब इस फिल्म को लेकर सेंट्रल बोर्ड ऑफ फिल्म सर्टिफिकेशन (CBFC) के चेयरमैन प्रसून जोशी घिरे हुए नजर आ रहे हैं। जोशी पर फिल्म को स्पेशल ट्रीटमेंट देने का आरोप लगा है। राज ठाकरे की पार्टी ‘महाराष्ट्र नवनिर्माण सेना’ (एमएनएस) ने उनके इस्तीफे की मांग की है।

एमएनएस की चित्रपट कर्मचारी सेना के अध्यक्ष अमेय खोपकर ने कहा, ‘नियमों के मुताबिक, किसी भी फिल्म के प्रोड्यूसर को फिल्म का फाइनल कॉपी फिल्म की रिलीज डेट से 58 दिनों पहले सेंसर बोर्ड के पास जमा करनी होती है। ऐसे में पीएम नरेंद्र मोदी के मेकर्स को स्पेशल ट्रीटमेंट क्यों दिया जा रहा है।’ खोपकर ने आरोप लगाते हुए आगे कहा, ‘सेंसर बोर्ड ने नियमों को ताक पर रखकर बायोपिक को सर्टिफिकेट दिया है। हम सेंसर बोर्ड के इस व्यवहार की कड़े शब्दों में निंदा करते हैं और बोर्ड के चेयरमैन प्रसून जोशी के तत्काल अपने पद से इस्तीफा देने की मांग करते हैं।’

गौरतलब है कि पीएम मोदी की बायोपिक पीएम नरेंद्र मोदी में विवेक ओबेरॉय लीड रोल में हैं। ओमंग कुमार ने फिल्म का निर्देशन किया है। संदीप सिंह और सुरेश ओबेरॉय फिल्म के निर्माता हैं। यह फिल्म पहले 12 अप्रैल को रिलीज होने वाली थी। आरोप है कि मेकर्स ने लोकसभा चुनाव को देखते हुए फिल्म की रिलीज डेट 5 अप्रैल कर दी। फिल्म को लेकर विवाद शुरू हुआ तो एक बार फिर इसकी रिलीज की तारीख बदल दी गई। अब यह फिल्म 11 अप्रैल को रिलीज हो रही है और इसी दिन लोकसभा चुनाव के पहले चरण के लिए मतदान होगा। 23 मई को आम चुनाव के नतीजे घोषित किए जाएंगे।

कैसा है प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का लाइफ स्टाइल, देखिए यह वीडियो…

राहुल सिंह :उत्तराखंड के छोटे से शहर हल्द्वानी से ताल्लुक रखता हूं। वैसे लिखने को बहुत कुछ है अपने बारे में, लेकिन यहां शब्दों की सीमा तय है। पत्रकारिता का छात्र रहा हूं। सीख रहा हूं और हमेशा सीखता रहूंगा।