मौत से पहले महेश आनंद ने इस फिल्म प्रोड्यूसर को किया था 3 बार फोन, लेकिन इस वजह से नहीं हो पाई थी बात

शनिवार को बॉलीवुड अभिनेता महेश आनंद निधन के निधन की खबर आई। महेश का शव उनके यारी रोड स्थित घर से सड़ी-गली हालत में बरामद किया गया था। फिल्म प्रोड्यूसर पहलाज निहलानी ने बताया है कि कुछ दिन पहले महेश ने उन्हें फोन किया था।

महेश आनंद का शव शनिवार को उनके यारी रोड स्थित घर से बरामद हुआ। (फोटो- फेसबुक)

80-90 के दशक में बॉलीवुड की कई फिल्मों में हीरो पर भारी पड़ने वाले एक विलेन को हमेशा याद किया जाता है। उस विलेन का किरदार निभाने वाले शख्स का नाम था महेश आनंद। शनिवार को महेश आनंद की मौत की खबर ने सभी को सकते में डाल दिया। उनके यारी रोड स्थित घर से सड़ी-गली हालत में उनका शव मिला। बताया जा रहा है कि उनकी मौत करीब 2 से 3 दिन पहले हो गई थी। पड़ोसियों को जब उनके फ्लैट से दुर्गंध आई तो उन्होंने पुलिस को इसकी सूचना दी। महेश की मौत को लेकर फिल्म प्रोड्यूसर पहलाज निहलानी ने एक चौंकाने वाला खुलासा किया है।

महेश आनंद पिछले 18 वर्षों से बेरोजगार थे। वह फिल्मों में काम करना चाहते थे, लेकिन उन्हें काम मिलना बंद हो गया था। महेश ने आखिरी बार फिल्म प्रोड्यूसर पहलाज निहलानी की फिल्म ‘रंगीला राजा’ में काम किया था। महेश ने निहलानी को फोन कर फिल्म में काम मांगा था। उनके निधन के बाद पहलाज निहलानी ने बताया कि कुछ दिन पहले महेश ने उन्हें तीन बार फोन किया था, लेकिन उन्हें महेश के फोन का पता नहीं चला। बाद में उन्होंने महेश को कॉल बैक किया तो महेश ने फोन नहीं उठाया।

पहलाज निहलानी ने महेश आनंद को ‘रंगीला राजा’ में लेने के बारे में बताते हुए कहा कि महेश को काम की बहुत जरूरत थी। उसने उन्हें फोन कर काम मांगा था। फिल्म लगभग पूरी हो चुकी थी, लेकिन क्लाइमैक्स पार्ट रह गया था। उसने कहा कि वह क्लाइमैक्स के लिए फिट रहेगा। निहलानी ने महेश का रोल तैयार करवाया। वह कहते हैं कि फिल्म के सेट पर महेश अपनी दुनिया में खोया रहता था। काम पर उसका बिल्कुल ध्यान नहीं था। निहलानी कहते हैं, ‘मुझे हमेशा से महेश आनंद बहुत पसंद था। एक समय ऐसा भी था कि जब महेश का शरीर देखकर बॉलीवुड हीरो उससे जलते थे। महेश जब फिल्मों में अपनी शर्ट उतारता था तो बहुत से हीरो को उससे कॉम्प्लैक्स फील होने लगता था। मुझे उसका फोन न उठा पाने का बहुत दुख है।’

CINTAA के सचिव सुशांत सिंह ने महेश आनंद की मौत पर दुख जताते हुए बताया कि महेश आत्महत्या के बारे में सोचते थे। एसोसिएशन की सदस्य नुपूर उनके संपर्क में थीं। सुशांत ने कहा, ‘ये हमारी जिम्मेदारी है कि संगठन से जुड़े जिन कलाकारों के पास काम नहीं है, उन्हें काम दिलाया जाए। महेश आर्थिक रूप से भी काफी परेशान थे। मुझे नहीं लगता कि किसी ने उनकी मदद की होगी, अगर ऐसा होता तो शायद आज वह जिंदा होते।’

देखें यह वीडियो…

राहुल सिंह :उत्तराखंड के छोटे से शहर हल्द्वानी से ताल्लुक रखता हूं। वैसे लिखने को बहुत कुछ है अपने बारे में, लेकिन यहां शब्दों की सीमा तय है। पत्रकारिता का छात्र रहा हूं। सीख रहा हूं और हमेशा सीखता रहूंगा।