मालदीव के भावी राष्ट्रपति इब्राहिम मोहम्मद सोलिह के वकालत से लेकर राजनीति का शानदार सफर

मालदीव के नए राष्ट्रपति का भारत-अमेरिका ने स्वागत किया है, मौजूदा राष्ट्रपति अब्दुल्ला यामीन को चुनाव में कारारी शिकस्त मिली है

मालदीव में राष्ट्रपति चुनाव संपन्न हो चुका है। इसके साथ ही मालदीव को नया राष्ट्रपति मिल गया है। मालदिवियन डेमोक्रैटिक पार्टी (MDP) के उम्मीदवार इब्राहिम मोहम्मद सोलिह ने रविवार को राष्ट्रपति चुनाव में जीत हासिल कर ली। तो वहीं चीन के साथ खड़े रहने वाले मौजूदा राष्ट्रपति अब्दुल्ला यामीन को चुनाव में हार मिल गई है। हालांकि अब्दुल्ला यामीन ने चुनाव में गड़बड़ी को लेकर आरोप भी लगाए हैं।

प्राप्त जानकारी के मुताबिक सोलिह को कुल 92 प्रतिशत में से 58.3 प्रतिशत मत हासिल हुए हैं। इस बड़ी जीत पर इब्राहिम मोहम्मद सोलिह ने अपने पहले भाषण में कहा, ‘यह खुशी, उम्मीद और इतिहास का पल है।’ इतना ही नहीं इस जीत पर भारत और अमेरिका ने खुशी जाहिर की है और इब्राहिम मोहम्मद सोलिह को बधाई दिया है।

किसको कितने वोट
मालदीव चुनाव आयोग के द्वारा शेयर की गई जानकारी के अनुसार सोलिह को 1,33,808 वोट और अब्दुल्ला यामीन को 95,526 वोट प्राप्त हुए हैं। इस बार मालदीव के 4 लाख नागरिकों में से 2.60 लाख से ज्यादा लोगों ने वोट किए। यानी कि कुल मिलाकर करीब 58 फीसद लोगों ने इब्राहिम मोहम्मद सोलिह को वोट किया है। एक प्रकार से देखी जाए तो अब्दुल्ला यामीन की करारी हार है।

नए राष्ट्रपति की वकालत
इब्राहिम मोहम्मद सोलिह ने अपनी जिंदगी में काफी संघर्ष किया है तब जाकर आज मालदीव के राष्ट्रपति के तौर पर जीत हासिल कर पाए। अपने शुरुआती दिनों में उन्होंने वकालत भी की। शायद इनकी वकालत के कारण ही जब 2004 में मालदीव को आधुनिक लोकतांत्रिक ढंग से चलाने के लिए नए कानून बनाए जा रहे थे तो मालदीव के तत्कालीन राष्‍ट्रपति अब्‍दुल गयूम के साथ मिलकर संविधान बनाने में शामिल रहे। इनकी भूमिका अहम रही। गयूम ने साल 1978 से 2008 तक मालदीव पर शासन किया था।

इब्राहिम मोहम्मद का ‘ब्लैक फ्राइडे’
वकालत के साथ-साथ सोलिह मालदीव के लिए अभियान भी चलाते रहते थे। अगस्त 2004 में ‘ब्लैक फ्राइडे’ नामक अभियान चलाकर सोलिह और इनके वकील साथियों ने राजनीतिक आजादी और तत्कालीन राष्‍ट्रपति अब्‍दुल गयूम के इस्तीफे की मांग की थी। इस अभियान का नतीजा रहा कि पूर्व राष्‍ट्रपति अब्‍दुल गयूम को इसी साल 19 माह के जेल की सजा सुनाई गई।

इब्राहिम मोहम्मद सोलिह की राजनीति
इब्राहिम मोहम्मद सोलिह 1994 में ल्हावियानी (Faadhihpolhu) चुनाव क्षेत्र से सांसद का चुनाव जीतकर पहली बार मालदीव संसद पहुंचे। उस वक्त उनकी आयु 30 साल की थी। ल्हावियानी से ये दो बार सांसद रह चुके हैं। इब्राहिम मोहम्मद सोलिह ने अपने क्षेत्र के लिए काफी काम किया है जिसके लिए उनको लोग बेहद पसंद करते हैं।

सोलिह का जीवन
-इब्राहिम मोहम्मद सोलिह ‘इबू’ के नाम से प्रसिद्ध हैं।
-ये कुल 13 भाई बहन हैं।
-सोलिह की पत्नी का नाम फजना अहमद है।
-सोलिह को एक बेटा और बेटी है।

रवि गुप्ता :पत्रकार, परिंदा ही तो है. जैसे मैं जन्मजात बिहारी, लेकिन घाट-घाट ठिकाने बनाते रहता हूं. साहित्य-मनोरंजन के सागर में गोते लगाना, खबर लिखना दिली तमन्ना है जो अब मेरी रोजी रोटी है. राजनीति तो रग-रग में है.