बॉक्सर मैरी कॉम ने बनाया वर्ल्ड रिकॉर्ड, देश भर में बधाइयों की हो रही है बौछार

भारत की दिग्गज मुक्केबाज एम.सी. मैरी कॉम ने शनिवार को अपना छठा विश्व चैम्पियनशिप खिताब अपने नाम कर लिया है। इस मौके पर उन्हें पीएम मोदी...

भारत की दिग्गज मुक्केबाज एम.सी. मैरी कॉम ने शनिवार को अपना छठा विश्व चैम्पियनशिप खिताब अपने नाम कर लिया है। इस मौके पर उन्हें पीएम मोदी समेत कई बॉलीवुड की हस्तियों ने शुभकामनाएं दी हैं। मैरी कॉम इंदिरा गांधी स्टेडियम के के.डी जाधव हॉल में जारी 10वीं आईबा A महिला विश्व चैम्पियनशिप के 48 किलोग्राम भारवर्ग के फाइनमल में यूक्रेन की हना ओखोटा को 5-0 से मात देकर स्वर्ण पदक पर कब्जा जमाया।

इससे पहले पांच विश्वखिताब जीत चुकीं 35 वर्षीय मैरीकॉम ने 8 साल लंबे अंतराल के बाद विश्व खिताब जीता है। वो छह बार विश्वचैंपियन बनने वाली दुनिया की पहली महिला बॉक्सर हैं। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने ट्वीट किया, ये भारतीय खेलों के लिए गर्व का पल है। मैरीकॉम को महिला विश्व बॉक्सिंग चैंपियनशिप में गोल्ड मेडल जीतने पर बधाई।

निर्देशक उमंग कुमार ने मैरी कॉम पर एक फिल्म बनाई थी। इसमें प्रियंका चोपड़ा ने शानदार प्रर्दशन किया था। इस फिल्म को लोगों ने खूब पसंद किया। फिल्म में दिखाया गया था कि कैसे दुनिया की तमाम बाधाएं आपके रास्ते पर आएंगी, लेकिन यदि जिद पक्की हो तो कोई आपका रास्ता नहीं रोक सकता।

मैरी कॉम की जिंदगी पर बनी इस फिल्म को देखकर ऐसा ही प्रतीत होता है। मैरी भारत के उस हिस्से में रहने वाली हैं जहां आजादी के सालों बाद भी वहां लोगों को बताना पड़ता है कि वो भारतीय हैं। मैरी कॉम ने एक ऐसा खेल चुना जिसमें महिला बॉक्सिंग में महिला खिलाड़ी ढूंढे नहीं मिलती हैं। मैरी कॉम को भी अपने स्तर पर इससे लड़ना पड़ा।

वहीं फिल्म के एक सीन में लड़के से बॉक्सिंग का मुकाबला करने के बाद मैरी कॉम को पूछा जाता है कि क्या उसे डर नहीं लगा? जवाब मिलता है कि ‘डर क्या होता है।’ रात को सुनसान सड़क पर अपने बॉयफ्रेंड को मैरी कहती है डरो मत, मेरे साथ तुम सेफ हो। मैरी पर बनी फिल्म लोगों को इसलिए पसंद आती है क्योंकि मैरी का संघर्ष सीधे दिल को छूता है। मैरी के दु:ख में आप उसके साथ रोते हैं और उसकी खुशी में भी शामिल होते हैं।

 

सोशल मीडिया पर मैरी कॉम को मिली बधाईयां…

कविता सिंह :विवाह के लिए 36 गुण होते हैं, ऐसा फ़िल्मों में दिखाते हैं, पर लिखने के लिए 36 गुण भी कम हैं। पर लेखन के लिए थोड़े बहुत गुण तो है हीं। बाकी उम्र के साथ-साथ आ जायेंगे।