मीटू मूवमेंट के केस में फंसे आलोक नाथ (Alok Nath) को अग्रिम जमानत मिल गई है। प्रोड्यूसर विंटा नंदा की ओर से लगाए गए रेप केस आरोप में आलोक नाथ को कोर्ट की तरफ से राहत मिली है। इस मसले में 26 दिसंबर को सुनवाई की गई थी। लेकिन इसको लेकर कोई भी फैसला नहीं आया था। इसका फैसला दिंडोशी सेशल कोर्ट द्वारा आज सुनाया गया है।
आलोक नाथ ने 13 दिसंबर को अग्रिम जमानत की याचिका दायर की थी। इसका विरोध विंटा नंदा के वकील ने किया था। इस मामले में आलोक नाथ के वकील ने विंटा नंदा के सभी आरोपों को गलत ठहराया था। इसी के चलते विंटा नंदा के वकील ने सवाल उठाया था कि यदि लगाए गए सभी आरोप गलत हैं तो आलोक नाथ फिर कानूनी कार्रवाई में क्यों डर रहे हैं।
पिछले महीने की 21 तारीख को मुंबई पुलिस ने आलोक नाथ (Alok Nath) के खिलाफ आईपीसी की धारा 376 के तहत केस दर्ज किया था। इस मामले में पुलिस ने आलोक नाथ को समन जारी किए थे लेकिन जब पुलिसकर्मी समन लेकर उनके घर पहुंचे तो घर पर कोई मौजूद नहीं था। इसी के चलते पुलिस का कहना था कि वह आलोक नाथ (Alok Nath) को ट्रेस नहीं कर पा रहे हैं।
उस दौरान आलोक नाथ (Alok Nath) के करीबी कहे जाने वाले अशोक सारौगी ने कहा था, ‘आलोक नाथ (Alok Nath) मेरे संपर्क में हैं। वो अपने परिवार संग किसी जरूरी काम से कुछ दिनों के लिए शहर से बाहर गए हैं। मुंबई पुलिस की ओर से उन्हें समन जरूर जारी किया गया है लेकिन अब तक उन्हें सौंपा नहीं गया है। अभिनेता इस हफ्ते मुंबई वापस आ जाएंगे और पुलिस के साथ पूरा सहयोग करेंगे।’
गौरतलब है कि #MeToo अभियान के तहत राइटर विंटा नंदा ने आलोक नाथ पर आरोप लगाया था कि उन्होंने ना केवल बलात्कार किया बल्कि मार-पीट भी की। विंटा ने आलोक नाथ पर इल्जाम लगाते अपने फेसबुक अकाउंट पर एक पोस्ट शेयर किया था। इस पोस्ट के बाद ही आलोक नाथ ने विंटा नंदा पर मानहानि का दावा किया और विंटा ने आलोक नाथ के खिलाफ पुलिस में शिकायर दर्ज की।