टीवी और बॉलीवुड में हाल ही में, विशेष तौर पर मी टू मूवमेंट के बाद आई यौन शोषण की घटनाओं ने सभी को आहत किया। इसकी चपेट में कई बड़े एक्टर, डायरेक्टर और प्रोड्यूसर के नाम सामने आए। कई लोगों को इस मामले में क्लिन चिट मिल गई है, तो कई लोग अब भी इसका सामना कर रहे हैं। ऐसे में स्क्रीनराइटर्स एसोसिएशन (SWA) और सिने एंड टेलीविजन आर्टिस्ट एसोसिएशन (CINTAA) ने एक कड़ा कदम उठाया है। टीवी और बॉलीवुड में यौन शोषण सहित कई मुद्दों पर लड़ने की तैयारी कर रहे हैं।
इन मुद्दों से निपटने के लिए इन दोनों एसोसिएशन ने एक समझौता पत्र साइन किया है। मीटू मूवमेंट के तहत राइटर-डायरेक्टर विंटा नंदा ने आलोक नाथ (Alok Nath Me Too Movement)पर आरोप रेप का आरोप लगाया था, तो इंडियन फिल्म और टेलीविजन डायरेक्टर एसोसिएशन ने एक्टर से एक लिखित जवाब मांगा, जिस पर आलोक नाथ ने कोई प्रतिक्रिया नहीं दी। इसके बाद दोनों एसोसिएशन ने ऐसे लोगों से लड़ने और ऐसी समस्याओं को दूर करने के लिए यह कदम उठाया है।
अब चल रहे हैं प्रोड्यूसर के साथ कई लोगों के विवाद
सिने एंड टेलीविजन आर्टिस्ट एसोसिएशन (Cine and Television Artistes Association) के महासचिव सुशांत सिंह ने कहा कि दोनों एसोसिएशन फिल्म इंडस्ट्री की रीढ़ की हड्डी हैं और एक साथ अधिक प्रभावी ढंग से काम कर सकती हैं। उन्होंने कहा, ‘स्क्रीनराइटर्स एसोसिएशन और सिने एंड टेलीविजन आर्टिस्ट एसोसिएशन के काफी मेंबर के प्रोड्यूसर के साथ ऐसे विवाद होने की संभावना है। सिनटा शिकायतों को सुलझाने के लिए संयुक्त समिती बनाने पर विचार कर रही है। इसे और पॉवर मिलेगी, लोग डरेंगे और हमें पहले से ज्यादा सम्मान मिलेगा।’
एक्शन लेने के लिए बनाई ज्वाइंट कमेटी
स्क्रीनराइटर्स एसोसिएशन (Screenwriters Association) के महासचिव सुनील सालगिया ने कहा कि समझौते पत्र के मुताबिक, संयुक्त समिति सभी तरह की गैर जिम्मेदाराना गतिविधियों की देखरेख करेगा, चाहे वो यौन शोषण का मामला हो, कॉपीराइट का मामला हो या फिर कॉन्ट्रैक्ट के अनुसार पैमेंट नहीं मिलने का मामला हो। समिति सभी तरह के मसले सुलझाएगी। इसके पीछे का मकसद यही है कि इंडस्ट्री में कुछ भी गलत करने वालों के खिलाफ एक्शन लिया जाए और लड़ा जाए।
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