#MeToo: द्रौपदी जैसी घटना की शिकार साउथ एक्ट्रेस श्रुति हरिहरन ने खोली अर्जुन सरजा की पोल

#MeToo अभियान साउथ सिनेमा की पोल भी खोल रहा है। साउथ एक्ट्रेस श्रुति हरिहरन ने साउथ के एक्टर अर्जुन सरजा पर यौन उत्पीड़न के आरोप लगाए हैं।

#MeToo अभियान साउथ सिनेमा की पोल भी खोल रहा है। साउथ एक्ट्रेस श्रुति हरिहरन (Sruthi Hariharan) ने साउथ के एक्टर अर्जुन सरजा (Arjun Sarja) पर यौन उत्पीड़न के आरोप लगाए हैं। श्रुति हरिहरन ने आरोप लगाते हुए कहा कि एक फिल्म में वह अर्जुन सरजा की पत्नी का रोल कर रही थीं। रिहर्सल के दौरान अर्जुन उसको कसकर पकड़ रहे थे और बार-बार उनके बॉडी के पीछे वाले हिस्से को सहला रहे थे। इस घटना के बाद वे सिनेमा के रियल फेश को देखकर असहज महसूस कर रही थीं। वैसे श्रुति हरिहरन ने इससे पहले कास्टिंग काउच के बारे में भी देश को बताया था। जिसमें उनको पांच प्रोड्यूसर ने बांटने की बात कही थी।

जानकारी के मुताबिक, साउथ की मशहूर फिल्म अभिनेत्री श्रुति ने मी टू पर आवाज बुलंज करते हुए फेसबुक पर लिखा है, ‘यह घटना 2016 की है। मैं और अर्जुन एक फिल्म शूट कर रहे थे। मैं पत्नी का रोल कर रही थी। हालांकि कुछ दिन तक सब ठीक ठाक चला लेकिन बाद में अर्जुन गंदी-गंदी हरकत करने लगे। वह मुझे कभी जकड़ लेते तो कभी मेरे बॉडी के संवेदनशील हिस्सों को छूते थे। यहां तक की रिहर्सल के दौरान वह मेरे पीछे वाले हिस्से को सहलाते थे। मेरे साथ 50 लोग सेट पर थे। वर्कप्लेस पर ऐसा काम करना बिलकुल गलत है। अर्जुन पूरी तरह से अनप्रोफेशनल हैं।’ इस घटना के बाद अर्जुन ने किसी प्रकार की सफाई पेश नहीं की है। वहीं, अर्जुन की मुश्किल थोड़ी बढ़ गई है।

पांच प्रोड्यूसर ने बांटना चाहा
ये श्रुति के साथ कोई पहली बार नहीं हुआ है। इससे पहेल भी वह कास्टिंग काउच के बारे में बता चुकी हैं। इसी साल जनवरी में उन्होंने पांच प्रोड्यूसर की घटिया हरकत को उजागर किया था। श्रुति ने इंडिया टुडे कॉन्क्लेव साउथ 2018 में ‘सेक्स‍िज्म इन सिनेमा: टाइम टू एंड पेट्रीआर्की’ पर राय रखते हुए अपनी दास्तान सुनाई थी। श्रुति ने इस मुद्दे पर अपने अनुभव शेयर करते हुए बताया था, ‘अधिकतर फिल्मों में लड़कियों को बतौर कमोडिटी शूट किया जाता है, जिससे वह दिखने में सुन्दर और सेक्सी लगें। इससे फिल्म को बेचने का काम आसानी से हो सके। इसके साथ ही फिल्म के चलने की संभावना बढ़ जाए अधिकतर फिल्मों में लड़कियां ऑब्जेक्ट। एक प्रोड्यूसर ने फिल्म देने के लिए कहा था कि फिल्म में 5 प्रोड्यूसर हैं और वह किसी भी तरह से मेरा इस्तेमाल कर सकते हैं।’

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रवि गुप्ता :पत्रकार, परिंदा ही तो है. जैसे मैं जन्मजात बिहारी, लेकिन घाट-घाट ठिकाने बनाते रहता हूं. साहित्य-मनोरंजन के सागर में गोते लगाना, खबर लिखना दिली तमन्ना है जो अब मेरी रोजी रोटी है. राजनीति तो रग-रग में है.