इन 5 चीजों की बदौलत तनुश्री दत्ता ने नाना पाटेकर को ललकारा, बॉलीवुड में मचाया बवाल

नाना पाटेकर का तख्त हिलाने वाली तनुश्री दत्ता 2008 में हॉर्न ओके प्लीज की घटना के बाद दस साल भटकीं। कोयंबटूर, लद्दाख, मानसरोवर फिर अमेरिका चली गई।

तनुश्री दत्ता का नाम लेती ही दो बातें दिमाग में झन्न से आती हैं। पहले तो नाना पाटेकर पर आरोपों की झड़ी लगाती तनुश्री और दूसरा आशिक बनाया आपने का सीन, जिसके जरिए इनको पहचान मिली। लेकिन एक सवाल है जो सबको परेशान कर रहा है। क्या ये वही तनुश्री दत्ता है जो 2008 में नाना पाटेकर के अत्याचार और मनसे कार्यकर्ताओं के मारपीट को अबला नारी की तरह सह कर खामोश रही। लेकिन जैसे ही 10 साल के बाद लौटी तो मर्दानी बन गई। जिसको नाना का डर नहीं, ना ही परिवार की परवाह और ना किसी गुंडे-मवाली का खौफ! आखिर इन दस सालों में तनुश्री को ऐसी कौन सी संजीवनी मिल गई, ऐसा कौन सा एनर्जी ड्रींक पी लिया या ऐसा कौन सा मंत्र जाप कर लिया। जिसके कारण आज धमाके पर धमाके किए जा रही हैं और सत्ता से लेकर सितारें तक सब के सब खामोश हैं।

इसके पीछे एक रहस्य है जिसे हम बताने जा रहे हैं। 10 साल पहले और आज की तनुश्री को बनने में इतना लंबा समय कैसे लगा? आखिर कैसे खुद को तैयार किया तनुश्री ने ? 10 साल तक तनुश्री कोयंबटूर, लद्दाख व मानसरोवर की पहाड़ियों से लेकर अमेरिका तक क्या-क्या कीं? इस सफर में ना परिवार साथ दिया, ना ब्वॉयफ्रेंड और एक समय ऐसा आया कि तनुश्री के बालों ने भी साथ छोड़ दिया। इसके बाद क्या था समय की मारी-खुद से हारी तनुश्री तनाव को साथ लेकर निकल पड़ी ऐसे सफर में जिसकी मंजिल तय नहीं थी। सफर लंबा रहा लेकिन जब आईं तो ज्वालामुखी बनकर जिसने बॉलीवु़ड में त्राहि माम मचा दिया है।

2004 में फेमिना मिस इंडिया का ताज जीतने वाली तनुश्री ‘आशिक बनाया आपने’ के साथ अपनी पहचान पा ली। इसके तनुश्री को दो फिल्मों का ऑफर मिला। विवेक अग्निहोत्री की ‘चॉकलेट’ और आदित्य दत्त की ‘आशिक बनाया आपने’। इसके साथ ही तनुश्री का फिल्म डायरेक्टर आदित्य दत्त से भी अफेयर की खबरें छा गईं थीं। दोनों ने करीब 7 महीने तक एक-दूसरे को डेट किया था। आदित्य दत्त कवि आनंद बख्शी के पोते हैं। वैसे हिंदी सिनेमा में तनुश्री को सुंदर और कामुक नहीं माना जाता था। फिर भी आदित्य ने प्यार करके तनुश्री का दिल जीत लिया। इन सबके बावजूद भी आदित्य इनके मुश्किल घड़ी में कहीं साथ नहीं दिखे।

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बिखर गईं तनुश्री दत्ता

2008 में हॉर्न ओके प्लीज की घटना ने तनुश्री को तोड़ कर रख दिया जिसमें उनका सबकुछ लूट गया। वैसे तो बहुत कम लोग ही नाम-इज्जत, शोहरत खोने के बाद जी पाते हैं लेकिन तनुश्री मरने वालों में से नहीं थी। तनुश्री टूटी जरूर थीं पर हारी नहीं थीं। फिर उन्होंने पांच रास्ते अपनाए और उसमें भी धोखा ही मिला। अब समझिए कि तनुश्री किन हालातों से गुजर रही थी। तो आइए जानते हैं कि उन्होंने दस साल में क्या-क्या किया क्या-क्या सहा…

आश्रम का सफर

इसके बाद अमेरिकन लेखकों की किताबों को पढ़कर दिल बहलाने लगी। हालांकि वे किताबें उनका साथ देतीं लेकिन बाहरी वातावरण उनकी चेतना को तोड़ देते थे। इसके बाद मन शांति यानी मोक्ष की प्राप्ति के लिए तनुश्री सदगुरु जग्गी वासुदेव के ईशा फाउंडेशन कोयंबटूर आश्रम चली गईं। वहां जाने के बाद कहा गया कि उनको करीब डेढ़ साल में मोक्ष मिल जाएगा। लेकिन तनुश्री ने देखा कि वहां पर 15 साल से लोग पड़े हुए हैं और उसी तरह परेशान हैं। वहां पर किसी ने मानसरोवर जाने की सलाह दी। फिर वह हारी थकी घर आईं लेकिन उनकी बहन ने कहा कि पापा से पैसा आदि ना मांगे। इस तरह घर वाले भी मदद नहीं किए।

बुद्ध के शरण में

इसके बाद मानसरोवर का सपना टूटा तो लद्दाख की योजना बनाईं। तनुश्री ने मुंडन कराया और फिर लद्दाख के बुद्ध आश्रम की ओर निकलीं। वहां पर उनको बहुत अच्छा लगा। वहां पर तनुश्री रूकना चाहती थीं लेकिन किसी कारणवश वह रह ना पाईं। लद्दाख से भी कुछ हाथ ना लग पाया तो फिर अमेरिका चली आईं। यहां पर उन्होंने न्यूयॉर्क अकादमी में शॉर्ट टर्म का कोई कोर्स किया।

क्रिश्चन विचारधारा

अब तनुश्री को एक आजाद वातावरण मिलने लगा था। इस बीच वह इसाई समुदाय के संपर्क में आई। हालांकि वह खुद ही बतातीं हैं कि उनको क्रिश्चन कम्यूनिटी बहुत ही प्रभावित किया। यहां तो हम निःसंकोच कह सकते हैं कि इनके जीवन पर बाइबल का प्रभाव पड़ा होगा। अमेरिकन कल्चर ने तनुश्री को बनाने में काफी मदद किया। अब तनुश्री पूरी तरह तैयार हो चुकी थीं। भले ही भारत में बोल्ड सीन कर के हिट हुईं लेकिन वाकई में बोल्ड तो वह अमेरिका जाकर बनीं। इसके अलावा आपको याद दिला दूं कि ये वहीं धरती है जहां से 2006 में मी टू आंदोलन का जन्म हुआ। इसी मी टू ने हॉलीवुड को हिला दिया था और अमेरिका सरकार को कड़े कानून बनाने को विवश कर दिया।

भारत वापसी

इसके बाद क्या था तनुश्री पहुंची अपनी धरती पर और नाना पाटेकर के तख्त को हिला दिया। अब एक क्या सैकड़ों तनुश्री निकल कर बाहर आई हैं। जिधर देखिए तनुश्री जैसी महिलाएं नाना जैसे लोगों को बेनकाब कर रही हैं। सिनेमा, राजनीतिक गलियारों, मीडिया से लेकर क्रिकेट में मी टू हंगामा खड़ा किए है। अब तनुश्री की ये बात भी आपके दिमाग को झन्ना गई ना।

रवि गुप्ता :पत्रकार, परिंदा ही तो है. जैसे मैं जन्मजात बिहारी, लेकिन घाट-घाट ठिकाने बनाते रहता हूं. साहित्य-मनोरंजन के सागर में गोते लगाना, खबर लिखना दिली तमन्ना है जो अब मेरी रोजी रोटी है. राजनीति तो रग-रग में है.