अमिताभ बच्‍चन यूं ही नहीं बन गए सदी के महानायक, इन 8 गुणों की वजह से बुलंदियों पर है उनका सितारा

सदी के महानायक जैसे भारी-भरकम खिताब से जाने-जाने वाले मेगास्टार अमिताभ बच्चन (Amitabh Bachchan) जैसी सफलता कि चाहत आज के दौर में हर कोई करता है। लेकिन क्या आपको पता है कि इस सफलता के पीछे अमिताभ बच्चन ने कितना संघर्ष किया है।

सदी के महानायक अमिताभ बच्चन (फोटो-ट्विटर)

सदी के महानायक अमिताभ बच्‍चन (Amitabh Bachchan) को फिल्मी दुनिया का सबसे बड़ा सम्मान दादा साहेब फाल्के पुरस्कार मिलने जा रहा है। सूचना एवं प्रसारण मंत्री प्रकाश जावड़ेकर (Prakash Javadekar) ने ट्वीट के जरिए इसकी जानकारी दी है। दादा साहेब फाल्के पुरस्कार मिलना किसी भी हस्ती के लिए बड़ी बात है। ऐसे में बिग बी ने भी ट्वीट के जरिए इसके लिए आभार जताया है।

अमिताभ बच्चन को मिले इस सम्मान पर एक तरफ जहां आम दर्शक खुश हैं, वहीं फिल्मी हस्तियां भी अपने बधाई प्रेषित कर रही हैं। बिग बी बॉलीवुड का एक बड़ा नाम है, लेकिन क्या ये उपलब्धि हासिल करना सबके बस की बात है। जी नहीं, अमिताभ बच्चन यूं ही नहीं कामयाबियों की बुलंदियों पर हैं। उनमें 8 ऐसे गुण हैं, जिनकी बदौलत वो आज भी शिखर पर बने हुए हैं। आइए इन गुणों के बारे में विस्तार से जानते हैं…

1- पाबंदी
5 दशक के फिल्मी सफर में अमिताभ बच्चन एक रोज भी कभी सेट पर लेट नहीं हुए। हमेशा तय वक्त से पहले सेट पर पहुंचे। एक किस्सा अनुपम खेर बयां करते हैं। आखिरी रास्ता की शूटिंग चल रही थी। अनुपम खेर दो घंटे देरी से आउटडोर शूटिंग पर पहुंचे। एसी कार से निकले, गरमी में डायरेक्टर पर बरस पड़े कि टेबल फैन का कोई इंतजाम नहीं है। अचानक उनकी नजर पड़ी अमिताभ बच्चन पर, जो उनसे दूर कुर्सी पर लंबी-लंबी दाढ़ी और बड़े-बड़े बाल लगाए हुए शॉल ओढ़कर बैठे थे। अनुपम खेर ने पूछा-बच्चन साहब कब आए। डायरेक्टर ने कहा-वो तो दो घंटे से मेक अप करवाकर तैयार बैठे हैं, बस आपका इंतजार कर रहे हैं।

2- कमिटमेंट
अमिताभ बच्चन में अपने काम को लेकर जबरदस्त जुनून है। काम ही उनके लिए गीता, बाइबिल और कुरान है। जो रोल चुना, उसमें घुस गए, उसे आत्मसात कर लिया। जब वे संघर्षरत थे, तब किसी से काम मांगने में शर्म नहीं दिखाई। सुनील दत्त की फिल्म रेशमा और शेरा में तो उन्होंने गूंगे का रोल स्वीकार कर लिया था। जब सुपरस्टार बने तब भी उन्हें काम को लेकर कभी घमंड नहीं आया, जब दूसरी पारी में काम मिलना बंद हो गया तो वे बिना किसी संकोच के यश चोपड़ा के पास गए, काम मांगा। ये तक कहा कि न तो मेरे पास काम है और न ही पैसे। उस वक्त यश चोपड़ा ने उन्हें मोहब्बतें फिल्म में भूमिका दी, जिसके बाद अमिताभ की दूसरी पारी शुरू हुई और पहली पारी से कहीं ज्यादा कामयाब और अब तक नाबाद।

3- कर्मयोग
अमिताभ बच्चन के बारे में जयप्रकाश चौकसे ने कभी लिखा था कि वे रोटी दाल से कहीं ज्यादा दवाइयां खाते हैं। कई बीमारियों से लड़ रहे हैं, लेकिन काम का उनमें जुनून है। आज भी जरूरत पड़ने पर दो-दो शिफ्ट में काम करते हैं। काम ही उनके लिए सबसे बड़ी पूजा है। उनकी उमर बढ़ती रही, लेकिन उनका अंदाज नहीं बदला। कौन बनेगा करोड़पति में आज भी अमिताभ बच्चन उसी अंदाज में नजर आते हैं, जिस अंदाज में वो बरसों पहले पहली बार नजर आए थे। प्रतियोगी को अपने हाथ से पानी पिलाते हैं, जिस टिश्यू पेपर से वो मुंह पोंछता है, अमिताभ उसे अपनी जेब में रख लेते हैं।

4- प्रोफेशनलिज्म
अमिताभ खांटी प्रोफेशनल हैं। डायरेक्टर के अभिनेता हैं। 50 साल में कभी भी उन्होंने डायरेक्टर के काम में दखल नहीं दिया। कभी भी अपनी भूमिका या डॉयलॉग पर बहस नहीं की। अगर डायरेक्टर ने उनसे कुछ पूछा तो अपनी राय दी, फिर उसे करके भी दिखाया। जैसे सत्ते पे सत्ता में शराब पीकर अमजद खान से बातचीत करने वाला ऐतिहासिक सीन। वो एक ही टेक में फाइनल हो गया था, उसकी डबिंग नहीं हुई थी, सीधे रिकॉर्ड हुआ था। प्रकाश मेहरा ने कई फिल्मों में उनसे कई सीन ऐसे ही डिस्कस करके करवाए थे।

5- काम से काम
अमिताभ बच्चन बॉलीवुड के शहंशाह हैं, लेकिन उनके गिने चुने लोगों से ही अंतरंग रिश्ते हैं। बॉलीवुड की रंगीन पार्टियों में जाने से वे परहेज करते हैं। यारबाजी और पार्टीबाजी से बचते हैं, हां अवॉर्ड फंक्शन में जरूर जाते हैं। कामयाब हैं, लेकिन कामयाबी का ढिंढोरा नहीं पीटते।

6- विनम्रता
अमिताभ बच्चन की जब भी किसी ने प्रशंसा की, तो वे बस शरमाकर रह गए, सामने वाले को चुप कराने में जुट गए। आज भी कौन बनेगा करोड़पति में अक्सर ऐसी स्थिति आती रहती है। अमिताभ ने हमेशा अपने सुपरस्टार बनने का श्रेय पटकथा, डयलॉग लिखने वाले और डायरेक्टर को दिया। कभी भी उन्होंने कोई ऐसी बात नहीं की, जिसमें उनका अहंकार छलका हो। कौन बनेगा करोड़पति के पहले सीजन के दौरान एक बार एक इंटरव्यू में उनसे पूछा गया कि आप अपनी कामयाबी का श्रेय किसे देना चाहेंगे। अमिताभ बोले- जनता के प्यार, बाबूजी के आशीर्वाद और अपनी किस्मत को।

7- ना काहू से बैर
अमिताभ बच्चन की अगर इंडस्ट्री में किसी से ज्यादा दोस्ती नहीं है तो किसी से दुश्मनी भी नहीं है। उन्हें अच्छी तरह पता था कि उनकी बहू ऐश्वर्या के रिश्ते अभिषेक बच्चन से पहले विवेक ओबेरॉय और सलमान खान से रहे हैं, लेकिन अमिताभ ने इन दोनों के साथ फिल्में करने में गुरेज नहीं किया। स्टेज शेयर किए। विवेक ओबेरॉय के साथ फिल्म ‘शूटआउट एट लोखंडवाला’ की तो सलमान के साथ ‘बाबुल’ और ‘गॉड तुस्सी ग्रेट हो’ जैसी फिल्में कीं।

8- धीरज
अमिताभ बच्चन भले ही एंग्री यंगमैन की भूमिका में नजर आते रहे हों, लेकिन निजी जिंदगी में गजब का धीरज है। पहले उन्होंने अभिनय को अपना करियर बनाने की नहीं सोची थी, जब सोचा तो फिर पलटे नहीं। शुरुआत में उनकी दर्जन भर फिल्में फ्लॉप हुईं, लेकिन उन्होंने हार नहीं मानी, बस चलते रहे। उनकी कंपनी एबीसीएल डूब गई, उस घाटे से उबरने के लिए उन्होंने खुद को काम में खटा दिया, ऐसे किरदार भी निभाए, जो उन पर बिल्कुल फब नहीं रहा था। विवाद हुए तो चुप रहे। वक्त को जवाब देने दिया।

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तृप्ति शर्मा :दो साल से मीडिया जगत में काम कर रही हूं। हर दिन कुछ नया करने की जिद है। वीडियो एडिटिंग के साथ ही फिल्मी खबरें लिखना मुझे बहुत अच्छा लगता है। कुछ और बेहतर होगा इसी उम्मीद के साथ मैं हिन्दी रश डॉट कॉम के साथ जुड़ी हूं।