Mirzapur Trailer: कालीन भइया और गुड्डू पंडित का ‘डिजिटल डर’

मिर्जापुर के कालीन भईया पंकज त्रिपाठी के दहशत और गुड्डू पंडित के गैंगवार ने गैंग्स ऑफ वासेपुर की याद ताजा कर दी है। ट्रेलर में देसी गैंग का खौफ दिख रहा है।

पंकज त्रिपाठी की मिर्जापुर ने डिजिटल प्लेटफॉर्म पर गरदा उड़ा दिया है। मिर्जापुर के कालीन भइया के दहशत और गुड्डू पंडित के गैंगवार ने गैंग्स ऑफ वासेपुर की याद ताजा कर दी है। एबीसी… से शुरू होती ट्रेलर में गोलियों की ठांय-ठांय और देसी शब्दों ने होश उड़ा दिया है। मिर्जापुर में कालीन भइया बनें पंकज त्रिपाठी ने सोशल मीडिया पर लिखा था, ‘Hamara आदेश hai ki kal aapko #MirzapurTrailer dekhna hai. क़ालीन भइया।’ इनके फैंस और दोस्त भोजपुरिया अंदाज में ‘जी हूजूर, जी साहब, जी भैया जरूर देखब…’ ऐसा लिख रहे हैं। इससे साफ जाहिर हो रहा है कि कालीन भईया का ‘डिजिटल डर’ कायम है।

पंकज त्रिपाठी की मिर्जापुर का ट्रेलर अमेजन प्राइम और यूट्यूब पर आ गया है। इस वेब सीरीज को 16 नवंबर को रिलीज किया जाएगा। ट्रेलर में कालीन भइया का डायलॉग ‘ये इज्जत नहीं डर है लेकिन डर की एक ही दिक्कत है कि कभी भी खत्म हो सकती है।’ तो वहीं गुड्डू पंडित के रोल में अली फजल का डायलॉग ‘मैंने ये काम भले ही मजबूरी में शुरू किया था लेकिन अब बहुत मजा आ रहा है। दूसरा डायलॉग ठोकने के नियम होते हैं। मारने वाले के बारे में जितना कम जानोगे मारना उतना आसान होगा।’ इसी बीच पंकज त्रिपाठी का गरमागरम रोमांस भी दिखाया गया है लेकिन वहां पर कालीन भइया की गरमी कम होती दिख रही है। इस तरह खौफ और रोमांस की ये कहानी मिर्जापुर को अमेरिका बनाने का काम कर रही है।

श्वेता त्रिपाठी और शीबा चड्ढा
इस सीरीज में मसान की श्वेता त्रिपाठी और शीबा चड्ढा का भी अंदाज बेहद अलग दिख रहा है। यहां पर केवल पंकज त्रिपाठी और अली फजल ही नहीं बल्कि मिर्जापुर गर्ल्स भी बंदूक थामें दिख रही हैं। फिल्मों के ये सीन दर्शकों को लुभाने का काम कर रहे हैं। फिलहाल ट्रेलर देखकर लगता है कि वेब सीरीज धमाल मचाने वाली है। इससे पहले भी गैंग्स ऑफ वासेपुर से लेकर तमाम फिल्मों में हम पंकज त्रिपाठी का भयानक लुक देख चुके हैं। हालांकि पकंज त्रिपाठी वैसे कलाकार हैं जो कि हर रोल में फीट बैठते हैं। फिल्म न्यूटन के लिए इनको बेस्ट एक्टर के नेशनल अवार्ड से सम्मानित किया जा चुका है।

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रवि गुप्ता :पत्रकार, परिंदा ही तो है. जैसे मैं जन्मजात बिहारी, लेकिन घाट-घाट ठिकाने बनाते रहता हूं. साहित्य-मनोरंजन के सागर में गोते लगाना, खबर लिखना दिली तमन्ना है जो अब मेरी रोजी रोटी है. राजनीति तो रग-रग में है.