देश चुनावी साल में है और लोकसभा चुनाव 2019 की तारीखों का ऐलान होने के बाद अब बस सभी राजनीतिक दल कुर्सी की जंग लड़ रहे हैं। इस बार 7 चरणों में आम चुनाव होंगे। 11 अप्रैल को पहले चरण का चुनाव है और अंतिम फेस की वोटिंग 19 मई को है। 23 मई को जनादेश की घोषणा की जाएगी। 26, मई 2014 में जब बीजेपी सत्ता में आई थी तो नरेंद्र मोदी सरकार ने सरकारी दफ्तरों में हिंदी भाषा को बढ़ावा देने की बात कही थी। हालांकि सरकार की यह कोशिश महज कोशिश ही रह गई। अब सरकार देश में उर्दू भाषा को बढ़ावा देने की बात कह रही है। शाहरुख खान, सलमान खान और कैटरीना कैफ उर्दू भाषा को प्रमोट करने में सरकार की मदद करेंगे।
पीएम नरेंद्र मोदी इसी साल बॉलीवुड फिल्ममेकर्स और एक्टर्स से दो दफा मुलाकात कर चुके हैं। फिल्ममेकर्स ने टैक्स में सुधार संबंधी मांग को लेकर पीएम मोदी से मुलाकात की थी और बॉलीवुड के यंग एक्टर्स को पीएम मोदी ने दिल्ली बुलाया था। इस मुलाकात में पीएम मोदी ने कलाकारों से समाज में फिल्मों के तालमेल पर चर्चा की थी और पूछा था कि फिल्म इंडस्ट्री राष्ट्र निर्माण में कैसे योगदान दे सकती है। ‘द प्रिंट’ की खबर के अनुसार, अब मोदी सरकार उर्दू भाषा को प्रमोट करने के लिए बॉलीवुड कलाकारों की मदद लेने का प्लान बना रही है। शाहरुख खान, सलमान खान और कैटरीना कैफ उर्दू भाषा को प्रमोट करेंगे।
परिषद अब उर्दू को प्रमोट करने के लिए कार्यक्रम आयोजित करेगी
मानव संसाधन मंत्रालय के अंतर्गत आने वाले स्वायत्त निकाय ‘नेशनल काउंसिल फॉर प्रमोशन ऑफ उर्दू भाषा’ (एनसीपीयूएल) अब उर्दू भाषा को प्रमोट करने के लिए पूरी तरह एक्टिव होने की बात कह रहा है। एनसीपीयूएल चाहती है कि उर्दू भाषा के विस्तार के लिए कार्यक्रम आयोजित किए जाए और इनके जरिए युवाओं को इकट्ठा किया जाए। एनसीपीयूएल के डायरेक्टर अकील अहमद कहते हैं, ‘परिषद को उर्दू को एक भाषा के रूप में बढ़ावा देने का काम सौंपा गया है, लेकिन हम अब तक जो कुछ भी कर रहे हैं वह भाषा में साहित्य का उत्पादन कर रहा है। हम अब केवल साहित्य ही नहीं बल्कि उर्दू भाषा को भी बढ़ावा देना चाहते हैं।’
शाहरुख खान, सलमान खान और कैटरीना कैफ से संपर्क करेगा परिषद
अकील अहमद ने आगे कहा, ‘हम बॉलीवुड अभिनेताओं जैसे शाहरुख खान, सलमान खान और कैटरीना कैफ से संपर्क करने की तैयारी कर रहे हैं। उन्हें उर्दू में कुछ पंक्तियां बोलनी होंगी जो रिकॉर्ड की जाएंगी और हम अपने कार्यक्रमों में उनके इन वीडियो का इस्तेमाल करेंगे।’ उन्होंने आगे कहा कि कला और सिनेमा के क्षेत्र में उर्दू भाषा का भरपूर इस्तेमाल होता है। इसी वजह से हम चाहते हैं कि इसे पुरजोर तरीके से बढ़ावा दिया जाए। अभी तक जावेद अख्तर और शबाना आजमी उर्दू को सपोर्ट करने के लिए आगे आए हैं, लेकिन हम और एक्टर्स को भी इस मुहिम में शामिल कराना चाहते हैं।
उर्दू को प्रमोट कराने के लिए एफटीआईआई से भी संपर्क करेगा परिषद
उन्होंने आगे कहा, ‘एनसीपीयूएल जल्द ही फिल्म एंड टेलिविजन इंस्टीट्यूट ऑफ इंडिया (एफटीआईआई) को अप्रोच करेगी और उनसे गुजारिश करेगी कि वह एक्टर्स को उर्दू भाषा को बढ़ावा देने संबंधी मुहिम में शामिल कराने के लिए आग्रह करें।’ बताते चलें कि दिल्ली स्थित ‘रेखता फाउंडेशन’ समय-समय पर उर्दू से जुड़े कार्यक्रमों का आयोजन करता रहता है। जावेद अख्तर, गुलजार, इम्तियाज अली जैसी तमाम बॉलीवुड से जुड़ी हस्तियां इस फाउंडेशन से जुड़ी हैं। ‘रेखता फाउंडेशन’ को ट्विटर पर 3 लाख 78 हजार लोग फॉलो करते हैं, वहीं एनसीपीयूएल सोशल मीडिया पर दूर-दूर तक नजर नहीं आता है।
मोदी सरकार ने परिषद को आवंटित किया 332.76 करोड़ रुपये का बजट
गौरतलब है कि मोदी सरकार के कार्यकाल (2014-2019) के दौरान एनसीपीयूएल को 332.76 करोड़ रुपये का बजट आवंटित किया गया। यूपीए-2 में संस्था को 176.48 करोड़ रुपये का बजट आवंटित किया गया था। बताते चलें कि यह संस्था उर्दू भाषा में किताबें पब्लिश करती है। उर्दू भाषा के बढ़ावे के लिए राष्ट्रीय-अंतरराष्ट्रीय लेवल पर कॉन्फ्रेंस आयोजित करती है। इसके साथ ही संस्था अरबी और उर्दू भाषा को प्रमोट करने के लिए डिप्लोमा कोर्सेज़ भी चलाती है।
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