उत्तराखंड के किसान की कहानी ‘मोती बाग’ (Moti Bagh) अब ‘ऑस्कर अवॉर्ड’ (Oscar Awards 2019) की दौड़ में है। इस डॉक्यूमेंट्री को ‘ऑस्कर’ के लिए नॉमिनेट किया गया है। यह शॉर्ट फिल्म राज्य में सबसे बड़ी समस्या पलायन और सूबे के किसानों की आपबीती पर बनाई गई है। यह फिल्म पौड़ी गढ़वाल जिले के कल्जीखाल ब्लॉक स्थित सांगुडा गांव के 83 वर्षीय किसान विद्यादत्त शर्मा की कहानी है।
उत्तराखंड के मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत ने फिल्म के ‘ऑस्कर’ की रेस में पहुंचने पर खुशी जाहिर की। उन्होंने ट्वीट किया, ‘यह अत्यंत गर्व का विषय है कि पौड़ी के एक किसान विद्यादत्त जी के जीवन संघर्ष पर बनी डॉक्यूमेंट्री फिल्म मोतीबाग का चयन ऑस्कर अवॉर्ड के लिए हुआ है। मैं फिल्म के निर्देशक निर्मल चंद्र डंडरियाल को इस सुधी प्रयास के लिए हार्दिक बधाई व शुभकामनाएं देता हूं।’
मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत ने यह ट्वीट किया है…
मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत ने कहा, ‘ये फिल्म उत्तराखंड के युवाओं को अपना गांव ना छोड़ने के लिए प्रेरित करेगी। युवाओं को अपनी कम्युनिटी के लिए काम करने के लिए प्रेरित करेगी। मुझे यकीन है कि इस फिल्म से राज्य में पलायन की समस्या खत्म होगी। मैं सूबे के युवाओं से अपील करता हूं कि वो पलायन को रोकने के लिए काम करें और युवा राज्य सरकार द्वारा लाई गई योजनाओं का लाभ उठाएं।’
59 मिनट की है शॉर्ट फिल्म ‘मोती बाग’
शॉर्ट फिल्म ‘मोती बाग’ के निर्देशक निर्मल चंद्र डंडरियाल और विद्या दत्त शर्मा के बेटे त्रिभुवन उनियाल शर्मा ने फिल्म के ऑस्कर के लिए नॉमिनेट होने पर खुशी जताई। निर्मल चंद्र ने बताया कि उनकी फिल्म 59 मिनट की है। इस फिल्म में उत्तराखंड के किसानों की दुर्दशा, रोजगार, पलायन, बागवानी, मधुमक्खी पालन, जल संरक्षण सहित कई मुद्दों को दिखाया गया है।
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