#MeToo: महाराष्ट्र महिला आयोग को नाना पाटेकर ने दी सफाई, आरोपों को बताया बेबुनियाद

#MeToo मूवमेंट के चलते तनुश्री दत्ता और नाना पाटेकर विवाद दिन पर दिन तूल पकड़ता जा रहा है। तनुश्री दत्ता द्वारा लगाए आरोपों पर महाराष्ट्र महिला आयोग ने नाना पाटेकर को नोटिस भेजा था।

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#MeToo: महाराष्ट्र महिला आयोग को नाना पाटेकर ने दी सफाई, आरोपों को बताया बेबुनियाद

#MeToo मूवमेंट के चलते तनुश्री दत्ता और नाना पाटेकर विवाद दिन पर दिन तूल पकड़ता जा रहा है। तनुश्री दत्ता द्वारा लगाए आरोपों पर महाराष्ट्र महिला आयोग ने नाना पाटेकर को नोटिस भेजा था। इस नोटिस का नाना पाटेकर ने जवाब दिया है। इसमें उन्होंने तनुश्री द्वारा लगाए लगे सारे आरोपों को बेबुनियाद बताया है।

नाना पाटेकर ने महिला आयोग को भेजे गए नोटिस का जवाब वकील द्वारा भेजा है। जिसमें उन्होंने तनुश्री दत्ता के बयानों को बेबुनियाद बताया है। महिला आयोग को सफाई देते हुए उन्होंने कहा कि तनुश्री ने उनपर गलत आरोप लगाया है। नाना का कहना है कि 2008 में जब तनु ने थाने में शिकायत की थी तो सिर्फ अपनी गाड़ी की तोड़-फोड़ की कि थी। उस दौरान उन्होंने छेड़छाड़ की शिकायत क्यों नहीं की थी। अब दस साल बाद ये आरोप क्यों लगाया।

नाना की नार्को टेस्ट की मांग 

इससे पहले तनुश्री दत्ता के वकील ने नार्को टेस्ट, ब्रेन मैपिंग और लाइ डिटेक्टर टेस्ट कराने की मांग की है। मुंबई के ओशिवरा पुलिस स्टेशन में इसको लेकर वकील ने अर्जी दी। इसकी मंजूरी मिलते ही तनुश्री दत्ता यौन शोषण केस में नाना पाटेकर, गणेश आचार्य, समी सिद्दीकी और राकेश सारंग के नार्को टेस्ट, ब्रेन मैपिंग और लाइ डिटेक्टर टेस्ट कराए जाएंगे। इसके बाद यह तो साफ हो जाएगा कि कौन झूठ बोल रहा है और कौन सच। हालांकि अभी देखना है कि इस केस में कानून-पुलिस की ओर से क्या निर्णय लिया जाता है। अभी इसकी अनुमति नहीं दी गई है।

नाना पर भड़की तनुश्री

तनुश्री दत्ता इंडिया टुडे के मुबंई मंथन के #MeToo कार्यक्रम का हिस्सा बनी। इस दौरान उन्होंने नाना पाटेकर पर निशाना साधते हुए कहा, ‘नाना माफी मांगने के बयाय मुझे झूठा बता रहे हैं। ऐसे इंसान से क्या कह सकती हूं। मैं इन लोगों के बारें में बोलकर अपनी एनर्जी बर्बाद नहीं करना चाहती हूं।’

तनुश्री दत्ता ने कहा, मीटू 2008 में था लेकिन सोशल मीडिया में 2018 में आया है। ऐसे मामलों को गंभीरता से नहीं लिया जाता है। उन्हें भरोसा है कि उन्हें इंसाफ मिलेगा। लेकिन ये नहीं पता की किस तरह का इंसाफ मिलेगा। नियम और कानून है, चीजों को मोड़ा-तोड़ा जाता है और भ्रष्टाचार भी है जिससे न्याय मिलने में देरी हो जाती हैं।’

इसके साथ ही उन्होंने कहा कि हमारे देश में यौन उत्पीड़न की शिकार हुई महिलाओं को गंभीरता से नहीं लिया जाता है। पीड़िता को हमेशा सबकुछ भूलने की सलाह दी जाती है। मैं लड़ाई लड़ रही हूं और मुझे पता है कि मुझे इसका प्रतिफल मिलेगा।

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Story Author: कविता सिंह

विवाह के लिए 36 गुण होते हैं, ऐसा फ़िल्मों में दिखाते हैं, पर लिखने के लिए 36 गुण भी कम हैं। पर लेखन के लिए थोड़े बहुत गुण तो है हीं। बाकी उम्र के साथ-साथ आ जायेंगे।

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