नसीरुद्दीन शाह के बयान पर मचा बवाल, अमित जानी ने भेजा PAK का टिकट, बीजेपी ने बताया PR स्टंट

अभिनेता नसीरुद्दीन शाह (Naseeruddin Shah) ने कहा है कि इस देश में एक पुलिस अफसर की मौत के बजाय एक गाय की मौत को ज्यादा अहमियत दी जाती है। जिसके बाद उत्तर प्रदेश नवनिर्माण सेना के प्रमुख अमित जानी ने उन्हें पाकिस्तान जाने का टिकट भिजवा दिया।

अभिनेता नसीरुद्दीन शाह ने पाकिस्तान के पीएम इमरान खान को करारा जवाब दिया है।

अभिनेता नसीरुद्दीन शाह (Naseeruddin Shah) इस समय अपनी बयानबाजी को लेकर सुर्खियों में बने हुए हैं। हाल ही में उन्होंने भारतीय क्रिकेट टीम के कप्तान विराट कोहली (Virat Kohli) को दुनिया का सबसे बदतमीज और घमंडी खिलाड़ी बताया था, अब उन्होंने कहा है कि देश में एक पुलिस अफसर की मौत के बजाय एक गाय की मौत को ज्यादा अहमियत दी जाती है। अभिनेता के इस बयान को आगे रख कांग्रेस समेत कई विपक्षी दलों ने मोदी सरकार पर हमला बोला है।

कांग्रेस ने अपने आधिकारिक ट्विटर हैंडल से अभिनेता के बयान को कोट करते हुए लिखा, ‘हम मिलेंगे-जुलेंगे। इस नफरत से डरेंगे नहीं बल्कि लड़ेंगे।’ कांग्रेस नेता और महाराष्ट्र के पूर्व सीएम पृथ्वीराज चव्हाण ने इंदौर में मीडिया से कहा, ‘धर्मनिरपेक्ष लोग इस देश में खौफ के साए में जी रहे हैं क्योंकि बीजेपी धर्म की राजनीति करते हुए लोगों का ध्रुवीकरण कर रही है।’ दूसरी ओर बीजेपी ने अभिनेता के बयान को पीआर स्टंट बताया।

अमित जानी ने नसीरुद्दीन शाह को भेजा पाकिस्तान जाने का फ्लाइट टिकट

बीजेपी ने इसे नसीरुद्दीन शाह का पीआर स्टंट बताया

बीजेपी प्रवक्ता संबित पात्रा ने कहा, ‘ये कोई सहिष्णुता-असहिष्णुता को लेकर डिबेट नहीं है बल्कि एक्टर का पीआर स्टंट है।’ बीजेपी सांसद प्रह्लाद पटेल ने कहा, ‘इस देश ने नसीरुद्दीन शाह (Naseeruddin Shah) को नाम, शोहरत, इज्जत सब दिया, उसके बावजूद उन्हें ये देश सुरक्षित नहीं लग रहा है। उन्हें खुद फैसला लेना चाहिए और अपनी पसंद के देश चले जाना चाहिए।’

नसीरुद्दीन शाह ने एक इंटरव्यू में कही थी ये बात

बताते चलें कि अभिनेता नसीरुद्दीन शाह (Naseeruddin Shah) ने कारवां-ए-मोहब्बत को दिए एक इंटरव्यू में कहा, ‘ये जहर फैल चुका है। इसको दोबारा..इस जिन्न को बोतल में बंद करना बड़ा मुश्किल होगा। खुली छूट मिल गई है, कानून को अपने हाथों में लेने की। कई इलाकों में हम लोग देख रहे हैं कि एक गाय की मौत को ज्यादा अहमियत दी जाती है एक पुलिस अफसर की मौत के बदले। मुझे फिक्र होती है अपनी औलाद की इसके बारे में सोचकर क्योंकि उनका मजहब ही नहीं है। मजहबी तालीम मुझे मिली थी और रत्ना को बहुत कम मिली थी।’

‘हमने अपने बच्चों को मजहबी तालीम बिल्कुल भी नहीं दी’

अभिनेता ने आगे कहा, ‘हमने अपने बच्चों को मजहबी तालीम बिल्कुल भी नहीं दी क्योंकि मेरा ये मानना है कि अच्छाई और बुराई का मजहब से कुछ लेना-देना नहीं है। अच्छाई और बुराई के बारे में जरूर उनको सिखाया। जो दुनिया की धारणा है वो हमने उनको सिखाई। कुरान शरीफ की एक-आध आयत याद जरूर करवाई क्योंकि उसके रियाज से तलस्सुफ सुधरता है। जिस तरह से हिंदी का तलस्सुफ सुधरता है रामायण या महाभारत पढ़कर। फिक्र मुझे होती है अपने बच्चों के बारे में क्योंकि कल को अगर उन्हें भीड़ ने घेर लिया कि तुम हिंदू हो या मुसलमान हो तो उनके पास तो कोई जवाब ही नहीं होगा।’

‘मुझे डर नहीं लगता बल्कि गुस्सा आता है’

नसीरुद्दीन शाह (Naseeruddin Shah) ने कहा, ‘मुझे इस बात की फिक्र होती है क्योंकि हालात जल्दी सुधरते तो मुझे नजर नहीं आ रहे। इन बातों से मुझे डर नहीं लगता, गु्स्सा आता है। और मैं चाहता हूं कि हर राइट थिंकिंग इंसान को गुस्सा आना चाहिए, डर नहीं लगना चाहिए हमें। ये हमारा घर है, हमें कौन निकाल सकता है यहां से।’ नसीरुद्दीन शाह (Naseeruddin Shah) के इस बयान को लेकर सोशल मीडिया भी दो धड़ों में बंट चुका है। एक वर्ग उनके बयान से सहमति जता रहा है तो दक्षिणपंथी संगठन से जुड़े लोग उनके बयान पर जमकर भड़ास निकाल रहे हैं।

अमित जानी ने अभिनेता के घर भेजा पाकिस्तान जाने का फ्लाइट टिकट

उत्तर प्रदेश नवनिर्माण सेना के प्रमुख अमित जानी ने तो अभिनेता के लिए 14 अगस्त, 2019 का मुंबई से कराची (पाकिस्तान) का फ्लाइट टिकट तक बुक करवा दिया है। अमित जानी ने फ्लाइट टिकट नसीरुद्दीन शाह (Naseeruddin Shah) के मुंबई स्थित घर पर भिजवा दिया है। अमित जानी ने कहा कि अगर अभिनेता को भारत में डर लगता है तो वह बगैर किसी देरी के पाकिस्तान जा सकते हैं। 14 अगस्त पाकिस्तान की आजादी का दिवस है और अगले दिन यानी 15 अगस्त तक हमारे देश से एक गद्दार कम हो जाएगा।

देखें किस तरह रणवीर सिंह ‘पद्मावत’ के लिए बनते थे अलाउद्दीन खिलजी…

देखें नसीरुद्दीन शाह की तस्वीरें…

राहुल सिंह :उत्तराखंड के छोटे से शहर हल्द्वानी से ताल्लुक रखता हूं। वैसे लिखने को बहुत कुछ है अपने बारे में, लेकिन यहां शब्दों की सीमा तय है। पत्रकारिता का छात्र रहा हूं। सीख रहा हूं और हमेशा सीखता रहूंगा।