नेशनल अवॉर्ड सेरेमनी का आयोजन आज दिल्ली के विज्ञान भवन में किया जा रहा है| एक दिन पहले से ही सभी विजेता दिल्ली पहुँच चुके हैं| सभी ने बुधवार को विज्ञान भवन में इवेंट की रिहर्सल प्रोग्राम में भाग भी लिया हालाँकि इससे जुड़ा एक विवाद सामने आया है| अवॉर्ड सेरेमनी से पहले ही इस सम्मान के कई विजेता इस बात से नाराज हैं कि अवसर पर 131 विजेताओं में से सिर्फ 11 को राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद के हाथों सम्मान दिया गया| वहीँ बचे विजेताओं को केंद्रीय सूचना एवं प्रसारण मंत्री स्मृति ईरानी के हाथों अवॉर्ड मिल रहा है|
रिपोर्ट्स की माने तो 131 में से 120 विजेताओं ने फिल्म फेस्टिवल के एडिशनल डायरेक्टर जनरल चैतन्य प्रसाद और राष्ट्रपति कार्यालय को लिखा है कि वे अवॉर्ड सेरेमनी में हिस्सा नहीं लेंगे| वहीँ 68 विजेताओं ने बैठक कर अवॉर्ड लेने से मना कर दिया है|
आपको बता दें उनकी नाराज़गी इस बात को लेकर है कि राष्ट्रपति के हाथो से मिल रहा ये अवार्ड सभी को नहीं मिलने वाला है| इस बारे में ऑस्कर विजेता साउंड डिजाइनर रेसुल पूकुट्टी ने कहा है अगर भारत सरकार हमारे सम्मान में अपना तीन घंटे का समय भी नहीं दे सकती तो उन्हें हमें राष्ट्रीय पुरस्कार देने की जहमत नहीं उठानी चाहिए.| हमारे 50 फीसदी से ज्यादा पसीने की कमाई आप मनोरंजन कर के रूप में ले लेते हैं, हमारी जो प्रतिष्ठा है कम से कम उसका तो सम्मान कीजिए|
विजेताओं का कहना है ऐसा किसी भी साल नहीं हुआ है तो ऐसे में उन्हें यह बदलाव पसंद नहीं है| एक फिल्ममेकर ने मीडिया से कहा, “हमें बताया गया था कि हमेशा कि तरह इस बार भी राष्ट्रपति के हाथों सम्मान मिलेगा| लेकिन रिहर्सल में पता चला कि इस बार ऐसा नहीं होगा| यह हमारे लिए अपमान जैसा है| हमने इसके खिलाफ आवाज उठाई है| लेकिन आखिरी फैसला एडमिनिस्ट्रेटर की ओर से आने वाले किसी फैसले के बाद लेंगे|”
इस मामले पर बोलते हुए प्रेसिडेंट के प्रेस सेक्रेटरी अशोक मलिक ने कहा, “जब सौ से ज्यादा विजेता हों तो ऐसे में राष्ट्रपति का सभी को पर्सनली अवॉर्ड दे पाना संभव नहीं है|” इसलिए बाकी लोगों को ये अवॉर्ड केंद्रीय मंत्री स्मृति ईरानी, केंद्रीय राज्यमंत्री राज्यवर्धन सिंह राठौर और सूचना और प्रसारण सेक्रेटरी नरेंद्र कुमार सिंह द्वारा दिया जा रहा है|