#MeToo: राष्ट्रीय महिला आयोग का नोटिस, पीड़िता को FIR दर्ज कराने का निर्देश

राष्ट्रीय महिला आयोग ने कहा है कि पीड़िता FIR दर्ज कराएं, सुरक्षित वर्कप्लेस के लिए हर कदम उठाए जाएंगे...

राष्ट्रीय महिला आयोग (National Commission for Women) ने यौन शोषण के बढ़ते मामलों को देखकर ठोस कदम उठाया है। राष्ट्रीय महिला आयोग (NCW) नोटिस जारी किया है। इसके जरिए आयोग ने कहा है कि पीड़िता ऐसे मामलों की लिखित शिकायत दर्ज कराएं। इसके बाद हमारी ओर से हर संभव कानूनी कदम उठाए जाएंगे। राष्ट्रीय महिला आयोग की इस कदम से आरोपियों की मुश्किल बढ़ती दिख रही है। इसके साथ ही महिलाओं को बल भी मिलेगा। आयोग ने इसको लेकर एक पेज का नोटिस सोशल मीडिया पर भी शेयर किया है।

जानकारी के मुताबिक, 10 अक्टूबर को दोपहर 1 बजे (करीब) नोटिस जारी किया गया। नोटिस में लिखा है कि महिलाएं (पीड़िता) अपने साथ हो रहे या हुए यौन शोषण व उत्पीड़न या किसी प्रकार की शिकायत लिखित रूप से करें। इसके बाद आयोग पूरी तरह से कानूनी कदम उठाएगा। इससे हमारी कानून व्यवस्था बरकरार रहेगी और दोषियों पर कार्रवाई करने में आसानी होगी। आयोग ने दावा किया है कि वह पीड़िता की हर संभव मदद करने के लिए तैयार है। जो महिलाएं पूरे सबूत के साथ शिकायत दर्ज कराएंगी उनको जल्द से जल्द इंसाफ दिलाने का प्रयास किया जाएगा। आयोग ने यह भी कहा है कि सेफ वर्कप्लेस के लिए हर जरूरी कदम उठाए जाएंगे।

नाना पाटेकर पर आयोग का कदम
हाल ही में महाराष्ट्र महिला आयोग (Maharashtra Woman Commission) ने तनुश्री दत्ता की शिकायत के आधार ठोस कदम उठाया। आयोग की ओर से नाना पाटेकर, गणेश आचार्य और हॉर्न ओके प्लीज (Horn Ok Pleasss) के डायरेक्टर राकेश सारंग व प्रोड्यूसर समीम सिद्दीकी को नोटिस जारी किया। इसके अलावा #MeToo (मी टू) अभियान को बढ़ता देखकर CINTAA सिने एंड टीवी आर्टिस्ट एसोसिएशन ( Cine and TV Artists Association को भी नोटिस जारी किया गया।

दस दिन में जवाब
तनुश्री के शिकायत देने के बाद महाराष्ट्र महिला आयोग ने फौरन कार्रवाई की। बीते मंगलवार को तनुश्री दत्ता के केस पर कार्रवाई को बढ़ाते हुए आयोग ने नाना पाटेकर समेत कईयों पर नोटिस जारी किया गया। आयोग की ओर से 10 दिनों के भीतर जवाब मांगा गया। इस मामले में सिने एंड टीवी आर्टिस्ट एसोसिएशन को भी नोटिस जारी कर कहा गया है कि कलाकार यौन शोषण के मामले लेकर सामने आ रहे हैं। इस बात को ध्यान में रखकर संघ की ओर से कदम उठाए जाएं। अब इस मामले में कानूनी कार्रवाई तेज होने के बाद नाना की मुश्किल बढ़ती दिख रही है।

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रवि गुप्ता :पत्रकार, परिंदा ही तो है. जैसे मैं जन्मजात बिहारी, लेकिन घाट-घाट ठिकाने बनाते रहता हूं. साहित्य-मनोरंजन के सागर में गोते लगाना, खबर लिखना दिली तमन्ना है जो अब मेरी रोजी रोटी है. राजनीति तो रग-रग में है.