नवजोत सिंह सिद्धू को कई बार महंगी पड़ी है हाजिर जवाबी, विवादों में पहले भी फंस चुके हैं पूर्व क्रिकेटर

पुलवामा आतंकी हमले पर बयान देकर चौतरफा घिरे पंजाब सरकार में मंत्री नवजोत सिंह सिद्धू की मुंबई फिल्म सिटी में एंट्री पर बैन लगाने की मांग की गई है। सिद्धू फिल्म सिटी स्थित स्टूडियो से ही 'द कपिल शर्मा शो' के लिए शूटिंग करते थे।

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नवजोत सिंह सिद्धू को कई बार महंगी पड़ी है हाजिर जवाबी, विवादों में पहले भी फंस चुके हैं पूर्व क्रिकेटर
पुलवामा आतंकी हमले पर बयान देने के बाद मुंबई फिल्म सिटी में नवजोत सिंह सिद्धू की नो एंट्री! (फोटो- ट्विटर)

क्रिकेट के गलियारे से निकले राजनीति के विवादित सितारे का नाम है नवजोत सिंह सिद्धू। एक समय था जब सिद्धू किसी से बात करने में भी घबराते थे। ड्रेसिंग रूम में अगर सिद्धू से कोई मजाक करे तो वह पलटकर जवाब देने की हिम्मत नहीं कर पाते थे और आज वह अपनी हाजिरजवाबी और शायराना अंदाज से महफिल लूट ले जाया करते हैं। उनके इसी अंदाज ने उनकी लोकप्रियता में इजाफा किया तो वहीं सिद्धू को उनका यह अंदाज कई बार महंगा भी साबित हुआ है। हाल के दिनों में सिद्धू पुलवामा में हुए आतंकी हमले पर दिए बयान को लेकर चौतरफा घिरे हुए हैं। कपिल शर्मा के शो से छुट्टी होने के बाद अब उनकी मुंबई फिल्म सिटी में एंट्री पर भी बैन लगाए जाने की मांग की गई है।

14 फरवरी को पुलवामा जिले के अवंतीपोरा में सीआरपीएफ की बस पर हुए आत्मघाती हमले में 40 जवान शहीद हो गए। इस हमले के बाद नवजोत सिंह सिद्धू ने कहा था, ‘क्या कुछ लोगों की वजह से आप पूरे मुल्क को गलत ठहरा सकते हैं। क्या आप किसी व्यक्ति विशेष को जिम्मेदार ठहरा सकते हैं। इस तरह के लोगों (आतंकवादियों) का कोई देश, धर्म और जाति नहीं होती है। चंद लोगों की वजह से पूरे देश (पाकिस्तान) को जिम्मेदार नहीं ठहराया जा सकता।’ इस बयान के बाद पाकिस्तान की तरफदारी का आरोप लगाते हुए सिद्धू के खिलाफ सोशल मीडिया पर #BoycottSidhu और #BoycottKapilSharmaShow हैशटैग ट्रेंड करने लगे। आनन-फानन में शो के प्रोड्यूसर सलमान खान ने उन्हें शो से बाहर का रास्ता दिखा दिया।

ऐसा पहली बार नहीं है कि नवजोत सिंह सिद्धू का नाम किसी विवाद से जुड़ा हो, इससे पहले भी वह पाकिस्तान के पीएम इमरान खान के शपथ ग्रहण समारोह में जाने, समारोह में पड़ोसी मुल्क के आर्मी चीफ कमर जावेद बाजवा से गले मिलने, करतारपुर साहिब कॉरिडोर के शिलान्यास में पाकिस्तान जाने और करीब 30 साल पुराने पटियाला रोडरेज केस में दोषी पाए जाने को लेकर भी वह खूब सुर्खियों में रह चुके हैं।

1- पाकिस्तान के पीएम इमरान खान के शपथ ग्रहण समारोह में जाना

साल 2017 में नवजोत सिंह सिद्धू ने बीजेपी छोड़कर कांग्रेस में एंट्री की। जिसके बाद पीएम नरेंद्र मोदी कई बार उनके निशाने पर रहे। 2017 में पंजाब में कांग्रेस ने बाजी मारी और सिद्धू के हाथ लगा मंत्री पद (पर्यटन मंत्रालय)। 2018 में पाकिस्तान के आम चुनाव में पूर्व क्रिकेटर रहे इमरान खान की पार्टी सबसे आगे रही और इमरान खान प्रधानमंत्री पद पर काबिज हुए। शपथ ग्रहण समारोह में सिद्धू को न्योता दिया गया था। बीजेपी नेताओं, यहां तक कि अपने सीएम की बात को नजरअंदाज कर सिद्धू इमरान खान के शपथ ग्रहण समारोह में शामिल होने के लिए पाकिस्तान गए थे। इसके बाद कई बार उनकी सीएम कैप्टन अमरिंदर सिंह से अनबन की खबरें आईं। कई सभाओं में दोनों एक दूसरे को नजरअंदाज करते हुए भी देखे गए।

2- पाकिस्तान के सेना प्रमुख कमर जावेद बाजवा से गले मिलना

इमरान खान के शपथ ग्रहण समारोह में नवजोत सिंह सिद्धू पाकिस्तान के आर्मी चीफ कमर जावेद बाजवा से गले मिले थे। उनकी तस्वीरें वायरल होने के बाद देश में बवाल मच गया। सोशल मीडिया और विपक्षी नेताओं द्वारा सिद्धू को देशद्रोही करार दिया जाने लगा। इसके बावजूद सिद्धू ने डटकर अपनी बात रखी और अपनी करनी पर अंत तक डटे रहे। कांग्रेस ने इसे उनका निजी मामला बताते हुए पल्ला झाड़ लिया था।

3- करतारपुर साहिब कॉरिडोर के शिलान्यास समारोह में जाना

पिछले साल 28 नवंबर को पाकिस्तान के करतारपुर साहिब कॉरिडोर का शिलान्यास हुआ था। इस समारोह में केंद्रीय विदेश मंत्री सुषमा स्वराज, पंजाब के मुख्यमंत्री कैप्टन अमरिंदर सिंह और अकाल तख्त के जत्थेदार ने जाने से इंकार कर दिया था। वहीं इस बार भी अपने सीएम की बात को अनदेखा कर नवजोत सिंह सिद्धू पाकिस्तान पहुंच गए। एक बार फिर अपने पाकिस्तान प्रेम को लेकर सिद्धू पर सवाल खड़े किए गए। सीएम अमरिंदर सिंह इस बार भी सिद्धू से खासा नाराज हुए।

4- पटियाला रोडरेज केस में सिद्धू दोषी करार

27 दिसंबर, 1988 को नवजोत सिंह सिद्धू और उनके दोस्त रुपिंदर सिंह संधू का पटियाला में कार पार्किंग को लेकर गुरनाम सिंह नामक बुजुर्ग से विवाद हो गया था। हाथापाई में गुरनाम सिंह की मौत हो गई थी। दोनों आरोपियों के खिलाफ गैर-इरादतन हत्या का केस दर्ज किया गया। कई साल तक मामला चलता रहा और 2006 में सिद्धू को तीन साल की जेल की सजा सुनाई गई। सिद्धू उस समय सांसद थे और नियमों के मुताबिक उन्हें लोकसभा की सदस्यता से इस्तीफा देना पड़ा। सिद्धू ने सजा के खिलाफ सुप्रीम कोर्ट में अपील की और शीर्ष अदालत ने उनकी अर्जी पर सुनवाई करते हुए सजा निरस्त कर दी थी।

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Story Author: राहुल सिंह

उत्तराखंड के छोटे से शहर हल्द्वानी से ताल्लुक रखता हूं। वैसे लिखने को बहुत कुछ है अपने बारे में, लेकिन यहां शब्दों की सीमा तय है। पत्रकारिता का छात्र रहा हूं। सीख रहा हूं और हमेशा सीखता रहूंगा।

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