Nirbhaya Rape Case: साल 2012 के निर्भया रेप केस के बाद से पूरा देश काप उठा था। लेकिन 7 साल बाद आखिरकार दोषियों को मृत घोषित किया गया। बता दे,फांसी के बाद निर्भया के पिता के चेहरे पर इंसाफ पूरा होने का संतोष तो दिखा, लेकिन फिर भी उनके चेहरे पर एक अलग ही उदासी थी साथ ही आखों में आंसू दिखाई दे रहा था। आजतक से बातचीत में बद्रीनाथ ने कहा कि निर्भया को लेकर आम मां-बाप की तरह हमारे भी बहुत से सपने थे। लेकिन इस हादसे के बाद से हमारा सारा सपना हमारी बेटी के साथ चला गया।
निर्भया के पिता बद्रीनाथ ने कहा कि जिस बच्ची को गोद में पाला उसकी इतनी यादें हैं, उसकी शादी होती, उसका अपना घर होता। लेकिन उसकी तकलीफ के अलावा हमें अब कुछ याद ही नहीं है। मेरी छोटी बहन नानी बन गई है और हम आज भी वहीं खड़े हुए हैं। निर्भया के पिता ने अपना दुख शेयर करते हुए कहा कि हम कहीं रिश्तेदारी में जाते हैं तो वहां खुशी का माहौल होता है लेकिन हमारी आंखों में आंसू आ जाते हैं। क्योंकि खुशी का वह माहौल देखकर हमें निर्भया की याद आ जाती है। हम वह नहीं बन पाए जो हम बनना चाहते थे। हम अपने पिता का कर्तव्य नहीं निभा पाए। यानी ना हम उसकी शादी कर पाए और ना ही हमें उसके बच्चों को खिलाने का सुख मिल सका। अब कभी हम ये ख़ुशी नहीं पा सकते सब खत्म हो गया है।
आगे बात करते हुए बद्रीनाथ निर्भया को मिलीं ट्रॉफियों को दिखाते हुए बोले कि पढ़ाई के दौरान उसको यह सब ट्रॉफी मिली थी। उसके साथ बिताया हुआ हर एक पल हमें याद आता है। बद्रीनाथ ने अंत में कहा कि निर्भया ने जाते-जाते हमसे कहा कि इन सभी को जिंदा जला देना चाहिए। इनको ऐसी सजा दी जानी चाहिए, जिससे जो मेरे साथ हुआ वह किसी भी और लड़की के साथ समाज में ना हो। बस संतोष इसी बात का है कि भले ही हमने अपनी बेटी को लेकर देखे तमाम सपनों को चकनाचूर होते हुए देखा हो लेकिन जिस वीभत्स घटना की वो शिकार हुई, उसके अपराधियों को हम सजा दिलवाने में कामयाब हो गए हैं।
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