Hockey World Cup: कलिंग सेना की धमकी के बाद ओडिशा पुलिस हुई चौकन्नी, शाहरुख खान की सुरक्षा बढ़ी

शाहरुख खान को पुरुष हॉकी विश्वकप 2018 में शामिल होने से पहले धमकी मिली। भुवनेश्वर डीसीपी का कहना है कि शाहरुख खान की सुरक्षा का पुरा ध्यान रखा जएगा।

शाहरुख खान के घर 'मन्नत' की कीमत आज तकरीबन 200 करोड़ रुपए है।

शाहरुख खान को पुरुष हॉकी विश्वकप 2018 (Mens Hockey World Cup 2018) में शामिल होने से पहले धमकी मिली। इसके बाद ओडिशा पुलिस सुरक्षा को लेकर चौकन्नी दिख रही है। भुवनेश्वर डीसीपी का कहना है कि शाहरुख खान की सुरक्षा को लेकर कोई कोताही नहीं बरती जाएगी। यहां पर उनके सुरक्षा के लिए पुख्ता इंतजाम होंगे। जबकि, कलिंग सेना की ओर से विरोध के सुर तेज होते दिख रहे हैं। बीते शुक्रवार को कलिंग सेना (Kalinga Sena) ने की ओर से शाहरुख खान को धमकी मिली थी कि ओडिशा आए तो उनके मुहं पर काली स्याही फेंकी जाएगी।

इस घटना के बाद डीसीपी अनुप साहू ने कहा है, शाहरुख खान के कार्यक्रम को लेकर अभी तक रुपरेखा तैयार नहीं की गई है। लेकिन अगर वह आते हैं तो उनकी सुरक्षा का पूरा ख्याल रखा जाएगा। दरअसल, पुरुष हॉकी विश्वकप 2018 के उद्घाटन कार्यक्रम के लिए किंग खान को आमंत्रित किया गया है। 27 नवंबर को पुरुष हॉकी विश्वकप का उद्घाटन कलिंग स्टेडियम, भुवनेश्वर में होगा। अक्टूबर में किंग खान ने आने के लिए हामी भर दी थी। जिसमें कि अन्य बॉलीवुड सितारें भी शिरकत कर सकते हैं। किंग खान के आने की खबर पाकर कलिंग सेना का 17 साल पुराना दर्द याद आ गया। इसके बाद काली स्याही फेंकने की बात कही गई।

फिल्म अशोका के कारण विवाद
17 साल पहले शाहरुख खान की फिल्म अशोका 2001 आई थी जिसमें राजा अशोक और कलिंग साम्राज्य के इतिहास को दिखाया गया। इसको लेकर 17 साल पहले भी ओडिशा में विरोध किया गया था। लेकिन किंग खान की ओर से माफी नहीं मांगी गई थी। इसी बात को कलिंग सेना के अध्यक्ष हमेंत रथ ने एक बार फिर उठाया है और शाहरुख खान से माफी मांगने के लिए कहा है। यदि वे बगैर माफी मांगे ओडिशा जाते हैं तो फिर उनको विरोध का सामना करना पड़ेगा। इतना ही नहीं काली स्याही फेंकी जाएंगी। संभावना है कि कहीं शाहरुख खान इस कार्यक्रम को रद्द ना कर दें। बताते चलें कि 28 नवंबर को बारबाटी स्टेडियम, कटक में एक कंसर्ट कराया जाएगा, जिसमें संगीतकार एआर रहमान शामिल होंगे।

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यहां देखिए पुरुष हॉकी विश्वकप 2018 की तैयारियां

रवि गुप्ता :पत्रकार, परिंदा ही तो है. जैसे मैं जन्मजात बिहारी, लेकिन घाट-घाट ठिकाने बनाते रहता हूं. साहित्य-मनोरंजन के सागर में गोते लगाना, खबर लिखना दिली तमन्ना है जो अब मेरी रोजी रोटी है. राजनीति तो रग-रग में है.