Gulzar Birthday: ‘मेरा कुछ सामान’ से लेकर ‘तुझसे नाराज नहीं जिंदगी’ तक, ये हैं गुलजार के 5 सदाबहार गाने

मशहूर गीतकार फिल्म निर्देशक और नाटककार गुलज़ार 18 अगस्त को अपना 84वां (Gulzar's 84th birthday) बर्थडे सेलिब्रेट कर रहे हैं। संपूर्ण सिंह कालरा उर्फ गुलज़ार का जन्म 1934 में हुआ था।

अपने नायाब नगमों से मदहोश करने वाले गुलज़ार साहब (फोटो-सोशल मीडिया)

बॉलीवुड के प्रतिष्ठित गीतकार और कवि गुलज़ार आज अपना 84वां (Gulzar’s 84th birthday) जन्मदिन बना रहे हैं। अपने गीतों के हर शब्द से लोगों के दिलों पर छाप छोड़ने वाले गुलजार साहब बॉलीवुड इंडस्ट्री का एक जाना-पहचाना नाम है। उन्होंने सर्वश्रेष्ठ फिल्मों के साथ-साथ दर्शकों के लिए दिल को छू लेने वाले गीत भी लिखे हैं। एक गराज में मैकेनिक से लेकर बॉलीवुड में बेशुमार नाम कमाने की कला को गीतकार गुलजार साहब ने अपनी जिंदगी में बड़ी उमीदों से पिरोया है।

18 अगस्त 1934 को पाकिस्तान के हिस्से वाले पंजाब में जन्मे गुलजार साहब का बचपन बड़ी मुश्किलों से बिता था। उन्होंने अपने जीवन में कई तरह के काम किये। अपने खाली वक्त में कविताएं और शायरी का शौक पालने वाले गुलजार को साल 1963 में सही मंजिल मिली। उन्होंने फिल्म बंदिनी से बतौर गीतकार अपना फिल्मी सफर शुरू किया था। गुलजार साहब ने हिंदी सिनेमा को एक से बढ़कर एक बेहतरीन गाने दिए हैं।

उन्होंने जब पहला फ़िल्मी गीत ‘मोरा गोरा अंग लई ले’ लिखा तब वो गाने लिखने को लेकर खुश नहीं थे। हालांकि इसके बावजूद उन्हें गाने लिखने का मौका मिलता रहा और वो गाने लिखते चले गए और अपनी इन्हीं किवदंतियो के लिए उन्हें साल 2002 में साहित्य अकादमी, 2004 में पद्म भूषण और 2008 में आई स्लमडॉग मिलेनियर’ के गाने ‘जय हो’ के लिए ग्रैमी अवॉर्ड मिला है। आज नायाब नगमों के बादशाह को याद करते हुए हम आज उनके जन्मदिन पर उनके कुछ चुनिंदा गाने लेकर आये हैं।

तेरे बिना जिंदगी से कोई शिकवा नहीं, शिकवा नहीं, शिकवा नहीं
तेरे बिना जिंदगी भी लेकिन जिंदगी नहीं, जिंदगी नहीं, जिंदगी नहीं

साल 1975 में आई फिल्म आंधी के इस गाने को लता मंगेशकर और किशोर कुमार ने अपनी आवाज दी, जबकि आरडी बर्मन ने इसका संगीत दिया है। इस गाने को फिल्म में संजीव कुमार और सुचित्रा सेन पर फिल्माया गया है।

आने वाला पल जाने वाला है
हो सके तो इसमें जिंदगी बिता दो
पल जो ये जाने वाला है

फिल्म गोलमाल (1979) का ये गाना किशोर कुमार ने गया था। इसका संगीत भी आरडी बर्मन ने दिया है। फिल्म में अमोल पालेकर और बिंदिया गोस्वामी ने मुख्य भूमिका निभाई थी।

तुझसे नाराज नहीं जिंदगी हैरान हूं मैं
तेरे मासूम सवालों से परेशान हूं मैं

साल 1983 में रिलीज हुई फिल्म मासूम के इस गाने को भी लता मंगेशकर ने गाया है, इसका संगीत भी आरडी बर्मन ने दिया है।

मेरा कुछ सामान, तुम्हारे पास पड़ा है

साल 1987 में रिलीज हुई फिल्म इजाजत के इस गाने को आशा भोसले ने गाया है। फिल्म में नसीरुद्दीन शाह, रेखा, अनुराधा पटेल ने मुख्य भूमिका निभाई थी। गाने का संगीत आरडी बर्मन ने दिया है।

रोज-रोज आंखों तले, एक ही सपना चले

1986 में रिलीज हुए जीवा फिल्म के इस गाने को आशा भोसले और अमित कुमार ने गाया है। संजय दत्त और मंदाकिनी पर फिल्माए गए इस गाने का संगीत आरडी बर्मन ने दिया है।

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गुलज़ार साहब के जन्मदिन पर सुनें उनके ये सदाबहार गानें…

तृप्ति शर्मा :दो साल से मीडिया जगत में काम कर रही हूं। हर दिन कुछ नया करने की जिद है। वीडियो एडिटिंग के साथ ही फिल्मी खबरें लिखना मुझे बहुत अच्छा लगता है। कुछ और बेहतर होगा इसी उम्मीद के साथ मैं हिन्दी रश डॉट कॉम के साथ जुड़ी हूं।