91वें ऑस्कर अवॉर्ड के लिए फिल्म ‘पीरियड, एंड ऑफ सेंटेंस’ को नोमिनेटेड किया गया है। यह फिल्म भारतीय पृष्ठभूमि में बनाई गई है, जहां महिलाओं को होने वाले मासिक धर्म यानि पीरियड्स को एक टैबू के रूप में माना जाता है। इस फिल्म में वास्तविक ‘पैडमैन’ अरुणाचलम मुरुगनाथन ने किरदार निभाया है।
फिल्म ‘पीरियड, एंड ऑफ सेंटेंस’ को डॉक्यूमेंटरी शॉर्ट सबजेक्ट कैटेगरी में रखा गया है। इस कैटेगरी में पांच फिल्में शामिल हैं। इस फिल्म के अलावा कैटेगरी में अन्य चार फिल्में ‘ब्लैक शीप’, ‘एंड गेम’, ‘लाइफबोट’ और ‘ए नाइट एट द गार्डन’ शामिल हैं। इस फिल्म के एक्सकुटिव प्रोड्यूसर गुनीत मोंगा हैं।
गुनीत मोंगा ने फिल्म के टॉप फाइव में सिलेक्ट होने पर खुशी जताई है। उन्होंने इस फिल्म में सहयोग करने वाले और कलाकारों और ऑकवुड स्कूल की लड़कियों नाम लेते अपने सपने को पूरा होने जैसा बताया है। ‘पीरियड, एंड ऑफ सेंटेंस‘ को मोंगा की सिख्या एंटरटेनमेंट ने को-प्रोड्यूस किया है।
सोच से भी ज्यादा
गुनीत मोंगा कहा कि उन्होंने इसे बनाया है, उन्होंने जितना सोचा था यह उससे कई ज्यादा है। मोंगा और उनकी कंपनी ने ‘गैंग ऑफ वासेपुर’, ‘द लंच बॉक्स’, ‘मसान’ और ‘हरामखोर’ जैसी फिल्मों को प्रोड्यूस किया है। ‘पीरियड, एंड ऑफ सेंटेंस’ का डायरेक्शन इरानियन-अमेरिकन फिल्ममेकर रायका जेहताब्ची ने डायरेक्ट किया है।
गुनीत मोंगा ने ट्वीट कर जताई खुशी
फिल्म का क्रिएशन ‘द पैड प्रोजेक्ट’ नाम की एक संस्था ने किया है। यह संस्था लॉस एंजिल्स के ऑकवुड स्कूल की कुछ छात्रों और उनके टीचर मेलिसा बर्टन से प्रेरित द्वारा स्थापित की गई है। यह फिल्म 26 मिनट की है। इसे उत्तर प्रदेश के हापुड़ में रहने वाली महिलाओं और लड़कियों के बारे में हैं। उनके गांव में पैड मशीन लगने से उनके अनुभव के बारे में है।
रूढ़िवादी सोच के खिलाफ
यह फिल्म मासिक धर्म यानि पीरियड्स को लेकर भारतीय समाज में व्याप्त रूढ़िवादी सोच को तोड़ती है। महिलाओं और लड़कियों में जागरुकता फैलाती है। इसमें रियल ‘पैडमैन’ अरुणाचलम मुरुगनाथन के कामों के बारे में भी दिखाया गया है और मासिक धर्म के प्रति हो गलत जानकारियों को दूर किया गया है।
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