भारत में तमाम मुश्किलों के बाद रिलीज़ हुई पद्मावत का विरोध जहाँ हिन्दू समुदाय कर रहा था तो वहीँ मलयेशिया में ‘इस्लामिक भावनाओं’ को ध्यान में रखते हुए पद्मावत को बैन करने का फैसला लिया गया है| मलयेशिया के नैशनल फिल्म सेंसरशिप बोर्ड ने इस फिल्म पर बैन लगा दिया है| रिपोर्ट्स की माने तो फिल्म में जिस तरह से अलाउद्दीन खिलजी के किरदार को दिखाया गया है, वह मुस्लिम समुदाय की भावनाओं को आहत कर सकता है।
संजय लीला भंसाली की फिल्म पद्मावत का विवाद रुकने का नाम नहीं ले रहा था जिसके बाद फिल्म को प्रोड्यूस कर रही वायाकॉम 18 ने सुप्रीम कोर्ट में एक याचिका दायर की जोकि चार राज्यों में फिल्म पर लगाए गए प्रतिबंधों के खिलाफ है| इस याचिका के बाद सुप्रीम कोर्ट ने आदेश दिया कि फिल्म अब हर राज्य में रिलीज़ होगी|
भले ही संजय लीला भंसाली की फिल्म पद्मावत नाम बदल गया था लेकिन मुश्किलें ख़त्म नहीं हो रही थी| मध्य प्रदेश सहित कुछ राज्यों के बाद हरियाणा में भी पद्मावत फिल्म पर प्रतिबंध लगा दिया गया था| ख़बरों की माने तो मनाेहरलाल सरकार ने फिल्म के हरियाणा में रिलीज पर पाबन्दी लगा दी है|
आपको बता दें मध्य प्रदेश में फिल्म को सर्टिफिकेट देने से पहले ही मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने यह घोषणा की थी कि वे ‘पद्मावत’ को यहाँ रिलीज़ नहीं होने देंगे मध्य प्रदेश में रिलीज नहीं होने देंगे। हालांकि अब फिल्म के लिए राहत की बात यह है कि भाजपा महासचिव कैलाश विजयवर्गीय ने कहा है कि अगर फिल्म की रिलीज से किसी की भावनाएं आहत नहीं होती हैं तो इसकी रिलीज में कोई परेशानी नहीं है।
सेंसर बोर्ड ने भले ही फिल्म को नाम बदलने के बाद इसे U/A सर्टिफिकेट दे दिया हो, लेकिन राजपूत कम्युनिटी खासकर करणी सेना अभी भी फिल्म का विरोध करने में लगी हुई है। करणी सेना ने धमकी दी है कि फिल्म रिलीज हुई तो वे थिएटर्स को जला देने और तोड़फोड़ करेंगे। राजस्थान सरकार भी राजपूत कम्युनिटी के साथ है और यहाँ फिल्म को रिलीज़ नहीं करने दे रहे| वसुंधरा राजे ने एक बयान में इस बात की पुष्टि की है|
अब देखना ये होगा कि फिल्म कितने बड़े पैमाने पर रिलीज़ हो सकेगी|