Pihu Trailer: दो साल की बच्ची की डरावनी कहानी, खड़े हो जाएंगे रोंगटे

आज 'पीहू' के ट्रेलर को रिलीज किया गया है। फिल्म के ट्रेलर ने डर कायम कर रखा है। पत्रकार से फिल्मकार बने विनोद कापड़ी की फिल्म ने रोंगटे खड़े कर दिये है।

‘पीहू’ फिल्म को लेकर चर्चा चल रही थी। आज ‘पीहू’ के ट्रेलर को रिलीज किया गया है। फिल्म के ट्रेलर ने डर कायम कर रखा है। सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म पर ‘पीहू’ के रोल के बारे में चर्चा शुरू हो गई है। पत्रकार से फिल्मकार बने विनोद कापड़ी की फिल्म ने रोंगटे खड़े कर दिये है। हालांकि, फिल्म के ट्रेलर में नन्ही पीहू की मासूमियत दिल चुराती है लेकिन अगले ही पल दिल में खौफ भर जा रहा है। खौफ ऐसा कि सांस थम जा रही है। यहां पर हमें राजकुमार राव की फिल्म ट्रैप्ड की याद आती है लेकिन पीहू की कहानी थोड़ी अलग है। ऐसा लग रहा है कि पीहू के घर में कुछ ऐसा हादसा होता है जिसके कारण सबकी मौत हो जाती है। बच जाती है सिर्फ पीहू।

आगे ट्रेलर में दो साल की पीहू को इस बात का अंदाजा तक नहीं है। खैर मासूम बच्ची को ये कैसे पता चलता। लेकिन भूख इंसान को क्या से क्या बना देता है। पीहू गैस चुल्हे पर रोटी सेंकती और भी तमाम ऐसे कामों को करती है। इसे देखकर लगता है कि अब कोई हादसा हो सकता है। ऐसे सीन हैं जिसे देखकर मन में बेचैनी भर जाती है। हालांकि ट्रेलर को देखने पर घूंटन महसूस होती है। ट्रेलर तो लोगों ने खूब पसंद किया है। इसकी दो बातें लोगों को देखने के लिए विवश करेगी। पहली बात हादसा क्या होता है और दूसरी बात यह कि पीहू अंतिम तक बच पाएगी या नहीं। वैसे नन्ही-सी बच्ची के साथ ऐसी फिल्म करना आसान नहीं।

रॉनी स्क्रूवाला और सिद्धार्थ रॉय कपूर
हालांकि इस फिल्म को लेकर लंबे समय से बहस छिड़ी हुई थी। ट्रेलर आने के बाद वह बहस सार्थक होती दिख रही है। अब देखना होगा कि पीहू पर्दे पर कितना करिश्मा दिखा पाती है। पत्रकार से फिल्मकार बने विनोद कापड़ी की फिल्म ‘पीहू’ के लिए रॉनी स्क्रूवाला और सिद्धार्थ रॉय कपूर जैसे बड़े निर्माता आगे आए। विनोद कापड़ी के निर्देशन में बनी फिल्म में कुछ नया प्रयोग किया गया है। हिंदी सिनेमा के लिए ऐसी डरावनी फिल्म कितना जलवा कायम कर पाएगी। इस फिल्म के लिए विनोद कापड़ी ने काफी मेहनत की है।

रवि गुप्ता :पत्रकार, परिंदा ही तो है. जैसे मैं जन्मजात बिहारी, लेकिन घाट-घाट ठिकाने बनाते रहता हूं. साहित्य-मनोरंजन के सागर में गोते लगाना, खबर लिखना दिली तमन्ना है जो अब मेरी रोजी रोटी है. राजनीति तो रग-रग में है.