प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी आज यानी मंगलवार को मध्यप्रदेश की राजधानी इंदौर में 856 करोड़ रुपये की महाकालेश्वर मंदिर कॉरिडोर विकास परियोजना के पहले चरण का उद्घाटन करेंगे, जिससे मध्य प्रदेश के इस पवित्र शहर में पर्यटन को बड़ा बढ़ावा मिलेगा. इस दौरान महाकाल लोक के लोकार्पण कार्यक्रम से पहले इंदौर आए कैलाश खेर (Kailash Kher) ने इंदौर प्रेस क्लब में पत्रकारों के साथ बातचीत की. इस दौरान उन्होंने पीएम नरेंद्र मोदी और सीएम शिवराज सिंह चौहान की जमकर सराहना की है.
कैलाश खेर ने कहा :
बता दें, इंदौर प्रेस क्लब में आयोजित कार्यक्रम ‘चाय पे चर्चा’ में कैलाश खेर (Kailash Kher) ने अपने जीवन और गायन से जुड़े कई मुद्दों पर अपनी बात व्यक्त की. उन्होंने बताया कि, ‘ये एक ऐसा शहर है जो फिल्मों के साथ-साथ ज्ञान से भी प्रभावित है. भारतीयों का ताना-बाना पहले से ही अध्यात्म से जुड़ा है. इस समय भारत जाग रहा है और यह एक बड़ा बदलाव है. प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने इसे जगाने के लिए जो काम किया, वो किसी ने नहीं किया’.
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गायों और गायकों को बचाना होगा:
वही कैलाश खेर (Kailash Kher) ने भारत की संस्कृति का जिक्र करते हुए कहा कि, ‘मैं उन्हें अवधूत अवतार मानता हूं. उन्होंने मंदिरों के रेनोवेशन पर जोर दिया. मंदिर ही नहीं बल्कि मंदिर के बाहर फूल और पूजा सामग्री बेचने वालों पर भी ध्यान दिया गया, जिस पर अब तक किसी ने ध्यान नहीं दिया था. अगर अपनी संस्कृति को बचाना है तो गायों और गायकों को बचाना होगा. ये प्राचीन सभ्यता का हिस्सा है. ये जरूरी है कि प्रत्येक व्यक्ति एक गाय को गोद ले. हमारे त्यौहार, पूजा-पद्धति, रहन-सहन भी वैज्ञानिक हैं और सनातनी भी. वास्तव में सनातन एक जीवन-पद्धति है, इसे धर्म कहकर संकुचित नहीं किया जा सकता’.
बाहुबली के अलावा कोई फिल्म नहीं देखी :
आगे कैलाश (Kailash Kher) कहते है कि, ‘मैंने बाहुबली के अलावा कोई फिल्म नहीं देखी है, मैं न तो फिल्में देखता हूं और न ही टीवी शो. मेरे घर में टीवी नहीं है. मैंने जितनी भी फिल्मों के लिए गाने गाए, उनमें से मैंने बाहुबली के अलावा कोई फिल्म नहीं देखी. इस फिल्म को इसलिए देखा क्योंकि इसमें भारत की संस्कृति, सभ्यता को दर्शाया गया है. ये एक ऐसी फिल्म है जो हमें बड़ों का सम्मान करना, राष्ट्र का सम्मान करना, शब्द की रक्षा करना आदि सिखाती है. वास्तव में, प्रत्येक व्यक्ति एक किताब है, अपने आप में एक फिल्म है जो गहन अध्ययन की गारंटी देती है’.
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