प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी बेहद करिश्माई व्यक्ति हैं। देश ही नहीं बल्कि दुनियाभर में उनके करोड़ों प्रशंसक हैं। लोग उन्हें पर्सनल लाइफ से लेकर सोशल मीडिया तक फॉलो करते हैं। नरेंद्र मोदी का जीवन, उनका परिवार, संघर्ष, रहन-सहन, सत्ता तक पहुंचने का सफर, उनके खानपान से लेकर पीएम की दिनचर्या तक के बारे में जानने के लिए उनके समर्थक उत्सुक रहते हैं। ओमंग कुमार, संदीप सिंह, उमेश शुक्ला और आशीष वाघ तो फिलहाल ऐसा ही मानते हैं।
आप सोच रहे होंगे कि यह लोग कौन हैं तो आपकी जानकारी के लिए बता दें कि यह लोग फिल्ममेकर्स हैं और इन्हीं लोगों ने पीएम मोदी की बायोपिक ‘पीएम नरेंद्र मोदी’ और पीएम मोदी की वेब सीरीज ‘मोदी- जर्नी ऑफ अ कॉमन मैन’ का निर्माण किया है। चुनावी साल में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी पर बनने वाली फिल्म (पीएम नरेंद्र मोदी) और वेब सीरीज (मोदी- जर्नी ऑफ अ कॉमन मैन) काफी सुर्खियों में है।
‘पीएम नरेंद्र मोदी’ की रिलीज डेट बनी मेकर्स के गले की फांस
पीएम नरेंद्र मोदी फिल्म की रिलीज की तारीख पर विपक्ष ने घमासान मचा रखा है। लोकसभा चुनाव की तारीखों के ऐलान से पहले फिल्म का 12 अप्रैल को रिलीज होना और फिर चुनावी तारीखों को देखते हुए फिल्म की रिलीज डेट बदल देने के मामले में विपक्ष को सत्ताधारियों की चाल नजर आती है। विपक्षी पार्टियों और जनहित याचिकाओं को लेकर न्याय के दरवाजे पर पहुंचे लोगों को यह फिल्म चुनावी प्रोपेगेंडा जान पड़ती है।
अब 11 अप्रैल को रिलीज हो रही है फिल्म ‘पीएम नरेंद्र मोदी’
दिल्ली और बॉम्बे हाईकोर्ट ने इसकी रिलीज पर रोक लगाने की मांग संबंधी याचिकाओं को खारिज करते हुए गेंद चुनाव आयोग और सेंसर बोर्ड के पाले में डाल दी थी। विवाद को पनपता देख फिल्म की रिलीज की तारीख एक बार फिर बदली गई और अब इसकी नई तारीख 11 अप्रैल है यानी ठीक लोकसभा चुनाव के पहले चरण के मतदान वाले दिन। विपक्षियां पार्टियां अभी भी इसपर घमासान मचाए हुए हैं।
‘पीएम नरेंद्र मोदी’ से पहले रिलीज हुई प्रधानमंत्री पर बनी वेब सीरीज
बहरहाल फिल्म जब भी रिलीज हो, लेकिन उससे पहले पीएम नरेंद्र मोदी पर वेब सीरीज (मोदी- जर्नी ऑफ अ कॉमन मैन) बनकर तैयार हो चुकी है और यह रिलीज भी हो चुकी है। ऑनलाइन स्ट्रीमिंग प्लेटफॉर्म इरोस नाऊ पर आप इसे देख सकते हैं। इस सीरीज में 40 से 45 मिनट के 10 एपिसोड हैं। रियल लोकेशंस पर सीरीज की शूटिंग की गई है। मिहिर भूटिया और राधिका आनंद ने इस सीरीज की पटकथा लिखी है और उमेश शुक्ला ने इसका निर्देशन किया है।
वेब सीरीज में किया गया है इमरजेंसी के दौर का जिक्र
इस वेब सीरीज में किशोरावस्था में नरेंद्र मोदी को गुजरात के वडनगर रेलवे स्टेशन पर चाय बेचते हुए दिखाया गया है। किशोरावस्था से लेकर युवावस्था तक मोदी को कबड्डी खेलते हुए, जानवरों के प्रति लगाव दिखाते हुए और घर त्यागते हुए दिखाया गया है। वेब सीरीज में नरेंद्र मोदी का संन्यासी रूप और देश में 25 जून, 1975 से लेकर 21 मार्च, 1977 तक लागू रही इमरजेंसी की कड़वी हकीकत को भी दिखलाया गया है।
पॉलिटिकल करियर और पर्सनालिटी पर फोकस
कुल मिलाकर सीरीज में उनके पॉलिटिकल करियर और उनकी पर्सनालिटी पर खूब फोकस किया गया है। ‘इरोस नाऊ’ की इस वेब सीरीज में नरेंद्र मोदी को गुजरात की सत्ता पर काबिज होने से लेकर उनकी छवि पर गुजरात दंगों (गोधरा कांड) के दाग लगने तक के हिस्से को भी बखूबी फिल्माया गया है। सड़क से लेकर दिल्ली की सत्ता तक पहुंचने के इस सफर में नरेंद्र मोदी ने क्या कुछ देखा, क्या कुछ सहा है, इस वेब सीरीज में यह सब आपको देखने को मिलेगा।
‘हमारी वेब सीरीज बीजेपी का प्रचार अभियान नहीं’
फैसल खान, आशीष शर्मा और महेश ठाकुर ने सीरीज में नरेंद्र मोदी का किरदार निभाया है। महेश ठाकुर इस सीरीज को चुनावी प्रचार नहीं मानते हैं। उन्होंने सीरीज पर लग रहे आरोपों पर कहा, ‘हमारी वेब सीरीज बीजेपी का प्रचार अभियान नहीं है। इसका चुनावी अभियान से कोई लेना-देना नहीं है। ये सीरीज पीएम मोदी की शख्सियत को पेश कर रही है। इसमें बीजेपी-आरएसएस नहीं बल्कि नरेंद्र मोदी की यात्रा का वर्णन किया गया है।’
पिछले साल आई थी डॉक्यूमेंट्री ‘चलो जीते हैं’
बताते चलें कि फिल्म और वेब सीरीज से पहले पिछले साल एक डॉक्यूमेंट्री में पीएम नरेंद्र मोदी के जीवन की झलक देखने को मिली थी। इसका नाम था चलो जीते हैं। यह शॉर्ट फिल्म पीएम मोदी के बाल्यकाल जीवन से प्रेरित बताई गई। मंगेश हदावाले ने इसका निर्देशन किया था और ‘जीरो’ फिल्म के डायरेक्टर आनंद एल. राय ने इसे पेश किया था। बहरहाल चुनावी माहौल के इर्द-गिर्द इस बार बॉलीवुड भी खूब छाया हुआ है।
पूर्व प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह पर भी बन चुकी है फिल्म
बताते चलें कि इसी साल जनवरी में पूर्व प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह पर लिखी गई किताब ‘द एक्सिडेंटल प्राइम मिनिस्टर’ पर इसी नाम से फिल्म रिलीज हुई थी। अनुपम खेर ने मनमोहन सिंह का किरदार निभाया था। फिल्म को लेकर जबरदस्त विवाद हुआ था। कांग्रेस ने इस फिल्म का पुरजोर विरोध किया था। कई शहरों में कांग्रेस कार्यकर्ताओं पर थिएटर्स में तोड़फोड़ करने का भी आरोप लगा था। इस फिल्म ने औसत कमाई की थी। ‘द एक्सिडेंटल प्राइम मिनिस्टर’ किताब पूर्व पीएम के मीडिया सलाहकार रहे संजय बारू ने लिखी थी।
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