लोकसभा चुनाव में इस बार लगा है बॉलीवुड का जबरदस्त तड़का, खूब सुर्खियों में रहे इन फिल्मों से जुड़े विवाद

लोकसभा चुनाव 2019 (Lok Sabha Elections 2019 Results) के नतीजों में महज कुछ घंटे बाकी रह गए हैं। इस बार बॉलीवुड फिल्मों (Bollywood Films) ने भी आम चुनाव में विवादों का जबरदस्त तड़का लगाया।

लोकसभा चुनाव 2019 की वजह से विवादों में रहीं यह फिल्में। (फोटो- इंस्टाग्राम, ट्विटर)

लोकसभा चुनाव 2019 (Lok Sabha Elections 2019 Results) का रण कई मायनों में बेहद खास रहा। बीजेपी (BJP) नेता और मोदी सरकार के मंत्री इसे ‘तीर्थ यात्रा’ और ‘एकतरफा मुकाबला’ बताने से गुरेज नहीं कर रहे थे, तो कांग्रेस (Congress) चौकीदार पर चोरी का आरोप लगाते हुए राफेल के मु्द्दे पर सत्ता पाने का ख्वाब लिए चुनावी मैदान में उतरी थी। आम चुनाव के रण में इस बार बॉलीवुड फिल्मों ने भी अहम भूमिका निभाई।

बॉलीवुड की कई फिल्मों (Bollywood Films on Politics) पर लोकसभा चुनाव 2019 को प्रभावित करने का आरोप लगा। इन फिल्मों को लेकर खूब विवाद भी हुआ, लेकिन अंत भला तो सब भला। विवादों की काली छटा छंट चुकी है और अब चंद घंटों बाद देश पर अगले पांच वर्षों के लिए किसका राज होगा, पता चल जाएगा। बहरहाल इससे पहले आपको बताते हैं उन फिल्मों के बारे में जो लोकसभा चुनाव से जोड़कर देखी गई और उनपर जबरदस्त विवाद हुआ।

1- पीएम नरेंद्र मोदी

‘पीएम नरेंद्र मोदी’ फिल्म प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की बायोपिक फिल्म (PM Narendra Modi Biopic) है। पहले यह फिल्म 12 अप्रैल को रिलीज होने वाली थी। फिर मेकर्स ने इसे 5 अप्रैल को रिलीज करने का फैसला किया। विपक्षी पार्टियों के विरोध और एक के बाद एक देश के कई राज्यों में हाईकोर्ट में दाखिल की जा रही फिल्म के खिलाफ याचिकाओं के चलते मेकर्स बैकफुट पर आए और मजबूरन फिल्म की रिलीज को टालना पड़ा। अब यह फिल्म 24 मई को रिलीज हो रही है। फिल्म में विवेक ओबेरॉय पीएम मोदी (Vivek Oberoi PM Modi Movie) का किरदार निभा रहे हैं।

2- द एक्सिडेंटल प्राइम मिनिस्टर

भारत के पूर्व प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह (Manmohan Singh) पर बनी फिल्म ‘द एक्सिडेंटल प्राइम मिनिस्टर’ (The Accidental Prime Minister Movie) को लेकर भी खूब विवाद हुआ। यह फिल्म इस साल जनवरी में रिलीज हुई थी। फिल्म का विवादों से इस कदर सामना हुआ कि कई राज्यों में कांग्रेस कार्यकर्ताओं ने सिनेमाघरों में खूब तोड़फोड़ की। जिसका खामियाजा फिल्म के कलेक्शन को उठाना पड़ा। इस फिल्म में अनुपम खेर (Anupam Kher Manmohan Singh) ने पूर्व पीएम का किरदार निभाया था और अक्षय खन्ना मनमोहन सिंह के मीडिया सलाहकार रहे संजय बारू के रोल में नजर आए थे।

3- ठाकरे

शिवसेना के संस्थापक बालासाहेब ठाकरे की बायोपिक ‘ठाकरे’ (Thackeray Movie) भी इसी साल जनवरी में रिलीज हुई थी। शिवसेना सांसद संजय राउत फिल्म के लेखक और निर्माता थे। नवाजुद्दीन सिद्दीकी (Nawazuddin Siddiqui) ने फिल्म में बाल ठाकरे का किरदार निभाया था। इस फिल्म को भी चुनाव में राजनीतिक फायदे से जोड़कर देखा गया, लेकिन मुखर तौर पर आक्रामक छवि के लिए पहचानी जाने वाली शिवसेना पार्टी से इसका ताल्लुक होने की वजह से किसी ने भी फिल्म का विरोध नहीं किया।

4- द ताशकंद फाइल्स

विवेक अग्निहोत्री की फिल्म ‘द ताशकंद फाइल्स’ (The Tashkent Files Movie) पर भी खूब घमासान मचा। यह फिल्म पूर्व पीएम लाल बहादुर शास्त्री (Lal Bahadur Shastri Death) की रहस्यमयी मौत पर आधारित थी। लोकसभा चुनाव के चलते इस फिल्म की रिलीज पर भी रोक की मांग की गई थी, लेकिन उन मांगों को अनसुना करते हुए 12 अप्रैल यानी पहले चरण की वोटिंग के ठीक अगले दिन फिल्म को रिलीज कर दिया गया। इस फिल्म में पूर्व पीएम की मौत को संदिग्ध बताते हुए कांग्रेस के तत्कालीन हुक्मरानों को शक के घेरे में दिखाया गया था।

5- माय नेम इज रागा

‘माय नेम इज रागा’ फिल्म (My Name is RAGA) कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी (Rahul Gandhi) के जीवन पर आधारित थी। ‘कामसूत्र 3डी’ के डायरेक्टर रुपेश पॉल इसके निर्माता-निर्देशक थे। रुपेश पॉल ने एक अखबार को दिए इंटरव्यू में यह कहकर सनसनी फैला दी थी कि वह केवल कागजों में इस फिल्म के निर्माता हैं। इस फिल्म में जिन लोगों ने पैसा लगाया है वह अपने नाम का खुलासा नहीं करना चाहते। उनमें से कुछ बीजेपी कार्यकर्ता हैं और कुछ पार्टी (बीजेपी) के काफी करीबी हैं।

6- उदयामा सिम्हम

तेलुगू फिल्म ‘उदयामा सिम्हम’ (Udyama Simham Biopic) तेलंगाना के मुख्यमंत्री के. चंद्रशेखर राव (केसीआर) की बायोपिक थी। विपक्षी नेताओं ने आरोप लगाया कि राजनीतिक फायदे के लिए केसीआर ने अपनी बायोपिक तैयार करवाई है। मामले के तूल पकड़ने के बाद इस फिल्म की रिलीज पर रोक लगा दी गई।

7- लक्ष्मीज़ एनटीआर

रामगोपाल वर्मा (Ram Gopal Varma) की फिल्म ‘लक्ष्मीज़ एनटीआर’ (Lakshmi’s NTR Movie) को लेकर भी दक्षिण भारत की राजनीति में खूब तूफान उठा। यह फिल्म आंध्र प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री एनटी रामाराव के जीवन पर आधारित थी। आंध्र प्रदेश के मुख्यमंत्री एन. चंद्रबाबू नायडू (N. Chandrababu Naidu) ने चुनाव आयोग के समक्ष इस फिल्म को लेकर शिकायत दर्ज कराई। सीएम का आरोप था कि यह फिल्म उनकी छवि खराब करने के मकसद से बनाई गई है, लिहाजा फिल्म की रिलीज पर रोक लगाई जाए। आयोग ने शिकायत पर संज्ञान लेते हुए आंध्र प्रदेश में फिल्म की रिलीज पर रोक लगा दी, हालांकि तेलंगाना में फिल्म को रिलीज कर दिया गया।

8- बाघिनीः बंगाल टाइग्रेस

बांग्ला भाषा में बनी फिल्म ‘बाघिनीः बंगाल टाइग्रेस’ (Baghini: Bengal Tigress Movie) पर भी खूब विवाद हुआ। इस फिल्म को पश्चिम बंगाल की सीएम ममता बनर्जी (Mamata Banarjee) की बायोपिक बताया गया, लेकिन मुख्यमंत्री ने इन खबरों को महज अफवाह करार दिया।

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राहुल सिंह :उत्तराखंड के छोटे से शहर हल्द्वानी से ताल्लुक रखता हूं। वैसे लिखने को बहुत कुछ है अपने बारे में, लेकिन यहां शब्दों की सीमा तय है। पत्रकारिता का छात्र रहा हूं। सीख रहा हूं और हमेशा सीखता रहूंगा।