#MeTooMovenment तनुश्री दत्ता केस और चेतन भगत मामले को लेकर एक्ट्रेस प्रीति जिंटा ने खुलकर अपनी बात रखी। उन्होंने पिंकविला के एक्सक्लूसिव इंटरव्यू में उन सभी लोगों पर निशाना साधा है जो की महिला द्वारा यौन उत्पीड़न को लेकर आवाज उठाने पर सवाल खड़ा करते हुए नजर आते हैं। प्रीति जिंटा ने अपनी बात में बताया कि कैसे समाज में इन सभी बातों पर ध्यान नहीं दिया जाता और मामले को छुपाने की कोशिश की जाती है। वहीं, मीडिया इंडस्ट्री को उन्होंने महिलाओं के लिए सुरक्षित इंडस्ट्री बताया।
पिंकवीला को दिए इंटरव्यू में प्रीति जिंटा ने कहा, ‘पहली बात तो यह की यदि ऐसी कोई भी बात सबके सामने आती है तो खुलकर समाज में कोई इसे स्वीकार नहीं करता यहां तक की मामले को छुपाने की कोशिश भी की जाती है। मुझे लगता है कि यदि ये सभी चीजें बाहर आ रही हैं तो यह एक बहुत ही सकारात्मक कदम है क्योंकि जब तक आप अपनी परेशानियों को नहीं जानेंगे तब तक उसका हल कैसे निकालेंगे।’
प्रीति जिंटा कहती हैं,’ मीडिया इंडस्ट्री विशेष रूप से महिलाओं के लिए बाकी इंडस्ट्री से ज्यादा सुरक्षित हैं क्योंकि यह मीडिया है, जहां बातों पर ज्यादा ध्यान दिया जाता है और स्पॉटलाइट में चीजें मौजूद रहती है। मैं आपको कई अलग-अलग इंडस्ट्री के बारे में बता सकती हूं जहां महिलाओं के खिलाफ भेदभाव और दुर्व्यवहार होता हैं। जहां उनकी कोई भी नहीं सुनता है। यह तक की मीडिया भी उनसे मुलाकात नहीं करना चाहेगी। यदि कोई महिला कभी शिकायत करना भी चाहती होगी तो पैसे और पॉवर के दम पर उसकी आवाज को दबा दिया जाता है। इस तरह से हमारी इंडस्ट्री भी शायद सबसे ज्यादा सुरक्षित है।’
अपने पति के साथ प्रीति जिंटा की तस्वीर…
प्रीति जिंटा इस पूरे मामले को एक आदमी बनाम महिला की चीज न मानते हुए कहती हैं,’ मैं इस इंडस्ट्री में पिछले 20 साल से हूं और मुझे कभी ऐसी परिस्थिति का सामना नहीं करना पड़ा, मुझे जो भी लोग मिले वो काफी अच्छे रहें। लेकिन इसका मतलब यह बिल्कुल नहीं है कि ऐसे लोग इंडस्ट्री में मौजूद नहीं होंगे। मुझे लगता है कि जब कोई बोलता है तो उस पर ध्यान देने की बहुत जरूरत होती है। लेकिन जब लोग कहते हैं, ‘तुमने तब ये बात क्यों नहीं उठाई ?’ तो यह सब काफी मुश्किल हो जाता है। यहां तक कि मेरे मामले में (नेस वाडिया छेड़छाड़ का मामला) जब मैंने पहली बार बात की थी तब दिल्ली में एक महिला पत्रकार ने कहा था कि मैं प्रचार के लिए ऐसा कर रही हूं। क्या सही में आपको लगता है कि महिलाएं इस तरह के प्रचार करना चाहती हैं? क्योंकि आपके द्वारा प्राप्त बैकलैश अविश्वसनीय है। मुझे लगता है कि इसलिए यह आंदोलन एक सकारात्मक कदम है क्योंकि आपके पास ऐसा माहौल है जो लोगों के लिए काम करने के लिए अनुकूल है। गौरव और आत्म-सम्मान एक मौलिक अधिकार है, आप लोगों से दुर्व्यवहार नहीं कर सकते हैं। साथ ही आपको सभी चीजों का ध्यान भी रखना होता। यदि आप भी प्रींति जिंटा की बातों से सहमत है तो आप भी इस मामले में अपनी राय या सवाल जरुर कमेंट बॉक्स पर शेयर करें।