प्रियंका चोपड़ा फिल्म ‘पहुना : द लिटिल विजिटर्स’, इस कारण रिलीज से पहले बटोरे इंटरनेशनल अवार्ड्स

प्रियंका चोपड़ा की प्रोडक्शन फिल्म 'पहुना : द लिटिल विजिटर्स' 7 दिसंबर को रिलीज होगी। इसने रिलीज से पहले कई इंटरनेशनल अवार्ड्स बटोर लिए हैं।

प्रियंका चोपड़ा की प्रोडक्शन फिल्म ‘पहुना : द लिटिल विजिटर्स’ (Pahuna The Little Visitors) का रिलीज डेट सामने आ गया है। प्रियंका चोपड़ा के इस रिजनल फिल्म को 7 दिसंबर को रिलीज किया जाएगा। प्रियंका चोपड़ा की प्रोडक्शन फिल्म ‘पहुना : द लिटिल विजिटर्स’ की कहानी बच्चों और माओवाद पर आधारित है। इसकी कहानी बेहद दर्दनाक है। इस फिल्म को विदेश में अवार्ड मिल चुके हैं। अक्टूबर में अवार्ड मिलने पर इस फिल्म को लेकर चर्चा छिड़ी थी। प्रियंका चोपड़ा ने इस फिल्म को लेकर जानकारी दी थी कि ये फिल्म बहुत संवेदनशील है। बच्चों की कहानी दिल तोड़ सकती है।

प्राप्त जानकारी के मुताबिक, प्रियंका चोपड़ा की प्रोडक्शन फिल्म ‘पहुना : द लिटिल विजिटर्स’ 7 दिसंबर को सिनेमाघरों में आएगी। पहुना तीन नेपाली बच्चों की कहानी है जो अपने माता-पिता से बिछड़ जाते हैं। परिवार से अलग होने के बाद बच्चे नेपाल में माओवादी आंदोलन से किसी तरह बच कर सिक्किम पहुंचते हैं। माओवाद और चाइल्ड दोनों को देखना बेहद ही दिलचस्प होगा। फिल्म का विषय भी शानदार है। पर्पल पेबल पिक्चर्स बैनर के तहत बनी ‘पहुना : द लिटिल विजिटर्स’ की पहली झलकी पिछले साल मई में कान्स फिल्मोत्सव में दिखाई गई। मधु ने बयान में कहा, ‘यह फिल्म बहुत खास है क्योंकि यह वयस्कों के कठोर निर्णय लेने पर इसके बच्चों पर दूरगामी परिणामों के बारे में हैं। यह कहानी वैश्विक रूप से प्रासंगिक है।’

इंटरनेशनल लेवल पर धमाल
प्रियंका चोपड़ा ने इंटरनेशनल अवार्ड हासिल किया है। प्रियंका के प्रोडक्शन पर्पल पेबल पिक्चर्स के बैनर तले बनीं फिल्म ‘पहुना’ को जर्मन ऑनर के SCHLINGEL नाम के इंटरनेशनल चिल्ड्रन फिल्म फेस्टिवल में जूरी चॉइस का बेस्ट फिल्म और इंटरनेशनल फीचर फिल्म का अवार्ड हासिल किया है। पाखी ए टायरवाला द्वारा निर्देशित इस फिल्म की स्क्रीनिंग 5 अक्टूबर को जर्मन फिल्म फेस्टिवल में भी हुई थी। इसके अलावा यह फिल्म पिछले साल टोरंटो फिल्म फेस्टिवल में भी दिखाई गई थी। रिलीज से पहले ही फिल्म ने इतने सारे अवार्ड हासिल कर लिए हैं।

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रवि गुप्ता :पत्रकार, परिंदा ही तो है. जैसे मैं जन्मजात बिहारी, लेकिन घाट-घाट ठिकाने बनाते रहता हूं. साहित्य-मनोरंजन के सागर में गोते लगाना, खबर लिखना दिली तमन्ना है जो अब मेरी रोजी रोटी है. राजनीति तो रग-रग में है.