यौन उत्पीड़न केस: प्रोड्यूसर्स गिल्ड ऑफ इंडिया ने उठाए सख्त कदम, जारी किए नए दिशा-निर्देश

प्रोड्यूसर्स गिल्ड ऑफ इंडिया ने घोषणा की कि सभी भारतीय फिल्म प्रोडक्शन हाउस कार्यस्थल पर महिला यौन उत्पीड़न अधिनियम 2013 के क्रियान्वयन के लिए बाध्य हैं...

प्रोड्यूसर्स गिल्ड ऑफ इंडिया ने गुरुवार को घोषणा की कि सभी भारतीय फिल्म प्रोडक्शन हाउस कार्यस्थल पर महिला यौन उत्पीड़न (रोकथाम, निषेध व निवारण) अधिनियम 2013 (पीओएसएच) के क्रियान्वयन के लिए बाध्य हैं। गिल्ड ने बुधवार को अपने असाधारण सामान्य बैठक (ईजीएम) में अपने कानून में संशोधन के लिए सर्वसम्मित से पीओएसएच के दायरे में आने वाले सभी सदस्यों को अपेक्षित कानून को अनिवार्य रूप से लागू करने के लिए एक प्रस्ताव पारित किया।

इसमें आंतरिक शिकायत समिति (आईसीसी) का गठन और नियमानुसार पीजीआई के पास अपने संगठन में पीओएसएच के जरूरी दिशा-निर्देश को लागू करने का एक घोषणापत्र जमा करना है। ईजीएम से पहले प्रोड्यूसर्स गिल्ड ने एक विशेष बाह्य एजेंसी के जरिए एक कार्यशाला का आयोजन किया, जिसमें पीओएसएच अधिनियम 2013 के तहत वैधानिक रूप से निष्पादित किए जाने वाले विभिन्न तथ्यों व प्रावधानों की जानकारी दी गई।

पीजीआई के अध्यक्ष सिद्धार्थ राय कपूर ने कहा, “हमारे सदस्यों द्वारा गिल्ड की हमारे उद्योग में महिलाओं के लिए सुरक्षित कार्यस्थल बनाने की पहल के समर्थन को देखकर काफी गदगद हूं। हम पीओएसएच के दिशा-निर्देश का पूरी तरह से उद्योग में अनुपालन सुनिश्चित करने के लिए अपने सदस्यों के साथ कार्य करने के लिए प्रतिबद्ध है।’

बताते चलें कि CINTAA ने आलोकनाथ को बाहर का रास्ता दिखा दिया है। मी टू अभियान के बाद आलोकनाथ पर टीवी कलाकार विंटा नंदा की ओर से यौन उत्पीड़न के आरोप लगाए। इसके बाद आलोकनाथ की मुश्किल बढ़ने लगी। CINTAA और अन्य संस्थान की ओर से जवाब मांगने पर आलोकनाथ कड़ी प्रतिक्रिया दिए थे। इसके बाद ऐसा लग रहा था कि आलोकनाथ फंस रहे हैं।

जानकारी के मुताबिक, Cine & TV Artist Association (CINTAA) की ओर से कठोर कदम उठाए गए हैं। मंगलवार की शाम संस्था की ओर बताया गया कि आलोकनाथ को बाहर कर दिया गया है। सिंटा (Cine & TV Artist Association) की ओर से कहा गया है कि आलोकनाथ के ऊपर यौन शोषण जैसे गंभीर आरोप लगे हैं। इन आरोपों के आधार पर संस्था उनको कार्यकारी सदस्य की सूची से बाहर करता है। इसके बाद आलोकनाथ का संस्था के साथ कोई संबंध नहीं है।

कविता सिंह :विवाह के लिए 36 गुण होते हैं, ऐसा फ़िल्मों में दिखाते हैं, पर लिखने के लिए 36 गुण भी कम हैं। पर लेखन के लिए थोड़े बहुत गुण तो है हीं। बाकी उम्र के साथ-साथ आ जायेंगे।