भारत में बढ़ती जनसंख्या एक बड़ा मुद्दा बन गया है. राजनितिक मामलों की बात करें तो इस पर कानून लाने की बात कही जाती है. लेकिन एक तरफ बात होती तो वहीं दूसरी तरफ इस पर विपक्षी दल विरोध करते हैं. पूरी दुनिया की आबादी की बात करें तो इस समय लगभग 7.5 अरब के आसपास जनसंख्या है. जिसमें भारत दूसरे नंबर पर है, जिसकी आबादी लगभग 1.35 अरब हैं. वहीं चीन की आबादी 1.43 अरब हैं. इसके आलावा विश्व की कुल आबादी में से 17.85 फीसदी लोग भारत में रहते है, और दुनिया के हर 6 नागरिकों में से एक भारतीय है. अब आप ये सोच रहे होंगे की हम आपको ये क्यों बता रहे हैं. दरअसल, बॉलीवुड में अन्नू कपूर (Annu Kapoor) स्टारर फिल्म ‘हम दो हमारे बारह’ (Hum Do Hamare Barah) का पोस्टर रिलीज हुआ. जिसके बाद यह पोस्टर विवादों में घिर गया.
राणा अयूब ने उठाये सवाल :
बता दें, जनसंख्या विस्फोट पर बनी फिल्म ‘हम दो हमारे बारह’ (Hum Do Hamare Barah) के पोस्टर रिलीज होते ही बवाल मच गया. इस पोस्टर में मुस्लिम परिवार दिखाया गया हैं. जिसके बाद एक समुदाय विशेष आपत्ति जता रहे हैं. इस फिल्म में लीड रोल में अन्नू कपूर (Annu Kapoor) नजर आ रहे हैं. पोस्टर में अन्नू कपूर के आस-पास लड़कियां, बच्चे, वकील और एक प्रग्नेंट महिला नजर आ रही है. इस पर जॉर्नलिस्ट राणा अयूब ने सवाल किया और ट्वीट करते हुए लिखा कि, ‘सेंसर बोर्ड इस तरह की फिल्म की अनुमति कैसे देता है जो मुसलमानों को जनसंख्या विस्फोट के कारण के रूप में दर्शाती है और समुदाय पर लगातार हमले का विस्तार करती है. बेशर्म नफरत और इस्लामोफोबिया जब वे एक मुस्लिम परिवार की छवि का उपयोग करते हैं और इसे ‘हम दो हमारे बारह’ कहते हैं.’
किसी समुदाय विशेष को ठेस नहीं पहुंचना :
इस पोस्टर पर उठे बवाल पर फिल्म के डायरेक्टर कमल चंद्र सफाई देते नजर आये. उन्होंने बताया कि, हमारी फिल्म ‘हम दो हमारे बाराह’ का पोस्टर बिल्कुल भी आपत्तिजनक नहीं है. इसे सही संदर्भ में देखने की जरूरत है. हम आपको विश्वास दिलाते हैं कि हम अपनी फिल्म के माध्यम से किसी एक समुदाय विशेष को ठेस नहीं कर रहे हैं. मुझे पूरा यकीन है कि जब लोग इस फिल्म को देखने जाएंगे, तो वे हमारी फिल्म में हमारे समय के सबसे प्रासंगिक मुद्दों में से एक को देखकर खुश होंगे, क्योंकि बढ़ती पॉपुलेशन हमारे समय का सबसे बड़ा इश्यू है. हम इस फिल्म को बिना किसी विशेष समुदाय की भावनाओं को ठेस पहुंचाए बना रहे हैं.’
दूसरी कम्यूनिटी को भी दिक्कतें :
आगे कमल ने कहा कि, ‘जब भी मुझे कोई अच्छी स्क्रिप्ट मिलती है. मैं उसे लेकर बेहद खुश हो जाता हूं और उसे बनाने कि प्लानिंग करता हूं. मेरे जैसा कोई भी क्रिएटिव व्यक्ति सोशल इश्यू पर आधारित फिल्म को बनाने के लिए एक्ससाइटेड होगा. अगर हम पोस्टर पर किसी दूसरी कम्यूनिटी को दर्शाते, तो भी वो लोग ऐसा ही कुछ बोलते. आज लोग यह सोच रहे हैं कि उन्हें हमारी फिल्म के जरिए टारगेट किया जा रहा है. मुझे लगता हैं फ़िल्में हमारे विचारों और भावनाओं को दर्शाने का सबसे शानदार जरिया हैं.
जनसंख्या विस्फोट गंभीर मुद्दा :
आगे कमल ने जनसंख्या पर बात करते हुए कहा कि, ‘जनसंख्या विस्फोट एक बहुत ही गंभीर मुद्दा है जो लंबे समय से हमारे देश को परेशान कर रहा है. जब तक हम इस पर गंभीरता से विचार नहीं करेंगे, तब तक हमारा देश उस तरह का विकास नहीं कर पाएगा जिसकी हम उम्मीद करते हैं. मैं सभी से पोस्टर और फिल्म को सही संदर्भ में देखने का आग्रह करता हूं.’
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