Raj Kapoor Birth Anniversary: फर्श से अर्श तक यूं पहुंचे राज कपूर, जानें क्लैपर ब्वॉय से शो मैन तक का सफर

राज कपूर का पूरा नाम 'रणबीर राज कपूर' था। रणबीर अब उनके पोते यानी ऋषि कपूर-नीतू सिंह के बेटे का नाम है। चलिए इस मौके पर आपको बताते हैं राजकूपर की जिंदगी से जुड़े कुछ Unknown Facts...

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Raj Kapoor Birth Anniversary: फर्श से अर्श तक यूं पहुंचे राज कपूर, जानें क्लैपर ब्वॉय से शो मैन तक का सफर

पृथ्वीराज कपूर के बेटे राज कपूर का आज 94वां जन्मदिन है। राज कपूर (Raj Kapoor) तीन भाइयों में सबसे बड़े थे। उनके दोनों भाई शशि कपूर और शम्मी कपूर भी अपने दौर के दिग्गज अभिनेता रहे हैं। राज कपूर का पूरा नाम ‘रणबीर राज कपूर’ था। रणबीर अब उनके पोते यानी ऋषि कपूर-नीतू सिंह के बेटे का नाम है। चलिए इस मौके पर आपको बताते हैं राज कूपर की जिंदगी से जुड़ी अनसुनी कहानियां…

राजकपूर का जन्म 14 दिसंबर 1924 को पेशावर (पाकिस्तान) में हुआ था। राजकूपर के पिता पृथ्वी राज कपूर एक जाने माने थियेटर और फिल्म कलाकार थे।

राज तीन भाइयों में सबसे बड़े थे। उनके दोनों भाई शशि कपूर और शम्मी कपूर भी अपने दौर के दिग्गज अभिनेता रहे हैं।

राज कपूर का पूरा नाम ‘रणबीर राज कपूर’ था। रणबीर अब उनके पोते यानी ऋषि कपूर-नीतू सिंह के बेटे का नाम है।

पिता पृथ्वीराज कपूर चाहते राजकपूर अपने दम पर कुछ हासिल करें। वो अपने दम पर राज को फिल्मों में ब्रेक नहीं देनिा चाहते थे।

राज कपूर ने इंडस्ट्री में अपने करियर की शुरुआत एक क्लैपर ब्वॉय के तौर पर की थी। यह फिल्म केदार शर्मा डायरेक्ट कर रहे थे। शूटिंग चल ही रही थी कि एक बार केदार शर्मा ने राज कपूर को जोरदार थप्पड़ लगाया।

शूटिंग के दौरान हुआ यह था कि राज सीन के वक्त हीरो के इतने करीब आ गए थे कि क्लैप देते ही हीरो की दाढ़ी क्लैप में फंस गई थी।

राज कपूर ने 24 साल की उम्र में अपना प्रोडक्शन स्टूडियो ‘आर के फिल्म्स’ शुरू किया। उनके प्रोडक्शन की पहली ‘आग’ थी।

इस फिल्म में वो डायरेक्टर और एक्टर दोनों ही की भूमिका में थे।

राज कपूर और नर्गिस 1940-1960 के दशक की बॉलीवुड की सबसे खूबसूरत और पॉपुलर जोड़ियों में से एक है।

भारत सरकार ने राज कपूर को सिनेमा में उनके योगदान के लिए साल 1971 में ‘पद्मभूषण’ से सम्मनित किया।

जबकि साल 1987 में उन्हें सिनेमा का सर्वोच्च सम्मान ‘दादा साहब फाल्के पुरस्कार’ भी दिया गया। उससे पहले वो 1960 की फिल्म ‘अनाड़ी’ और 1962 की फिल्म ‘जिस देश में गंगा बहती है’ के लिए बेस्ट एक्टर का फिल्मफेयर पुरस्कार भी जीत चुके थे।

बता दें कि सिर्फ एक्टिंग ही नहीं डायरेक्शन के लिए भी राज कपूर ने कई अवॉर्ड जीते।

उन्हें 1965 में ‘संगम’, 1970 में ‘मेरा नाम जोकर’ और 1983 में ‘प्रेम रोग’ के लिए बेस्ट डायरेक्टर का फिल्मफेयर अवॉर्ड मिला था।

टाइम मैगजीन ने आवारा में राजकूपर के अभिनय को टॉप 10 सबसे अच्छे अभिनय की लिस्ट में रखा हुआ है।

राजकूपर ने ही म्यूजिक डायरेक्टर शंकर जयकिशन और गीतकार हर्षत जयपुरी और शैलेन्द्र का बॉलीवुड से परिचय कराया था।

राजकूपर ने बतौर चाइल्ड आर्टिस्ट सन 1935 में फिल्म इंकलाब में काम किया है। उस वक्त उनकी उम्र महज 10 साल की थी।

राजकूपर अभिनेता बनने से पहले म्यूजिक डायरेक्टर बनना चाहते थे। वो 24 साल की उम्र में सबसे जवान फिल्म डायरेक्टर रह चुके हैं।

बॉबी फिल्म में ऋषि कपूर और डिंपल कपाड़िया की पहली मुलाकात राजकपूर और नरगिस की असली जिंदगी की मुलाकात से प्रेरित था।

बॉबी फिल्म में ऋषि कपूर और डिंपल कपाड़िया की पहली मुलाकात राजकपूर और नरगिस की असली जिंदगी की मुलाकात से प्रेरित था।

देखिए ये वीडियो…

देखिए राज कपूर की कुछ अन्य वीडियो और तस्वीरें…

 

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Story Author: कविता सिंह

विवाह के लिए 36 गुण होते हैं, ऐसा फ़िल्मों में दिखाते हैं, पर लिखने के लिए 36 गुण भी कम हैं। पर लेखन के लिए थोड़े बहुत गुण तो है हीं। बाकी उम्र के साथ-साथ आ जायेंगे।

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