रणबीर कपूर जल्द ही परदे पर संजय दत्त की भूमिका को निभाते हुए नज़र आने वाले हैं। उनके लिए ये बहुत ही बड़ा टास्क है क्योंकि संजय दत्त अभी भी लोगों के सामने हैं और लोग उन्हें असल लाइफ में देख रहे हैं। ऐसे में उनके जीवन को परदे पर उतारना बहुत ही मुश्किल था। हालाँकि रणबीर कपूर स्टारर इस फिल्म का ट्रेलर देखने से ये बात साफ़ है की रणबीर कपूर ने इसे बखूबी निभाया है।
हाल में ही हिंदी रश से बात करते हुए रणबीर कपूर ने बताया की फिल्म में कुछ ऐसे सीन्स थे जिसकी शूटिंग करना बहुत ही मुश्किल थी और कुछ इमोशनल सीन्स की शूटिंग करते वक़्त रणबीर कपूर सच में रो पड़े थे। इस बारे में बताते हुए रणबीर कपूर ने कहा, “बहुत सारे ऐसे सीन थे जिन्हे शूट करते समय मेरी आंखें भर आईं थी, लेकिन मैं दो ऐसे सीन चुनूंगा जहां पर सबसे ज्यादा इमोशनल हुआ था। पहला सीन जब उनकी फिल्म रॉकी का प्रीमियर चल रहा था और ठीक 2 दिन पहले उनकी मां का निधन हो गया था। वह ड्रग्स में बहुत ज्यादा इन्वॉल्व हो गए थे। जब फिल्म चल रही थी तो लोग अंदर फिल्म देख रहे थे और वह बाहर सीढ़ियों में अपने पिता के साथ बैठकर उन्हें बता रहे थे कि पता नहीं मुझे क्या हो गया है, मैं ड्रग्स में बहुत ज्यादा घुस गया हूं। मुझे कुछ समझ नहीं आ रहा कि क्या सच है और क्या झूठ, यह सीन बहुत इमोशनल था। दूसरा सीन था जब सुनील दत्त साहब की डेथ हुई, तब संजय दत्त पर गुजर रही थी, जब वह अपने पिता की अर्थी लेकर जा रहे थे तो उनके दिमाग में क्या चल रहा था। इस सीन को बहुत ही प्यारे ढंग से राजू सर ने लिखा है, इस समय संजय दत्त अपने पिता को धन्यवाद बोल रहे थे।
फिल्म के सबसे मुश्किल सीन के बारे में जब रणबीर कपूर से पूछा गया तो उनका कहना था, “फिल्म में 2 सीन थे जो सबसे मुश्किल थे, इस सीन्स को करते समय मैं सोचता था कि जब यह निभाते हुए मुश्किल लग रहे हैं तो असल जिंदगी में जिस पर बीते होंगे उस पर क्या गुजरी होगी। पहला मुश्किल सीन जब वह ड्रग्स में डूब जाते हैं और दूसरा जब जेल जाते हैं। इन दोनों सिचुएशन में कैसे और किस दिमागी हालत में उन्होंने अपनी जिंदगी होगी। मेरे लिए इन सीन्स में असल इमोशन भरना बेहद चैलन्जिंग हो गया था|”
यही नहीं बल्कि आपको जानकर हैरानी हो सकती है की रणबीर कपूर और संजय दत्त का रिश्ता सिर्फ फिल्म का ही नहीं है बल्कि इन दोनों के परिवार का रिश्ता भी गहरा रहा है। रणबीर कपूर ने बताया, “संजय दत्त और उनके परिवार से हमारा बेहद लगाव रहा है। चाहे वह उनकी बहनें रही हो, मां या उनकी पहली पत्नी की बेटी त्रिशाला, जो मेरी बहुत अच्छी दोस्त है। सभी लोगों से हम बेहद करीब रहे हैं। मैं अपनी दादी जी से इस परिवार की बहुत सी कहानियां सुनता आया हूं। “