Good News: एशियन बेस्ट फिल्म अवार्ड की लिस्ट में राजकुमार राव और रणबीर कपूर की फिल्म

एशियन बेस्ट फिल्म अवार्ड 2018 के लिए नौ फिल्मों को चुना गया है, न्यूटन, संजू और गली गुलियां ने अपना जलवा कायम कर रखा है...

एशियन बेस्ट फिल्म अवार्ड AACTA 2018 (Best Asian Film) के लिए भारत की तीन फिल्मों को नॉमिनेट किया गया है। मनोज बाजेपयी, राजकुमार राव और रणबीर कपूर की फिल्म क्रमशः गली गुलियां, न्यूटन व संजू को शामिल किया गया है। इससे पहले न्यूटन को ऑस्कर के लिए भी नॉमिनेट किया गया था। हालांकि इन तीनों फिल्मों ने इंटरनेशल और नेशनल फिल्म फेस्टिवल में धूम मचाए हैं। इसके साथ ही इंटरनेशल और नेशनल अवार्ड्स भी बटोरे हैं।

AACTA की ओर से इस लिस्ट को अधिकारिक तौर पर पब्लिश किया गया है। इसमें एशियन देशों की नौ फिल्मों को शामिल किया गया है। लेकिन भारत के लिए सबसे बड़ी खबर यह है कि यहां की तीन फिल्मों को स्थान मिला है। वास्तव में यह देश और फिल्म इंडस्ट्री के लिए प्राउड मूमेंट है। इसी तरह चीन की दो और साउथ कोरिया, जापान, मलेशिया व ताईवान की एक-एक फिल्म को शामिल किया गया है।

संजू की कहानी
‘संजू’ अभिनेता संजय दत्त के जीवन की कहानी है। इसको राजकुमार हिरानी ने निर्देशित किया। इसके साथ ही ‘संजू’ की कहानी से ज्यादा रणबीर कपूर की एक्टिंग को सराहा गया। रणबीर की एक्टिंग ने वाकई में कमाल किया और नयी मिसाल कायम कर दी। अभिनेता संजय दत्त के जीवन पर आधारित है जिसमें अभिनेता के लाइफ से जुड़े विभिन्न पहलुओं को दिखाया गया है। हालांकि फिल्म में संजय दत्त की पूरी जीवनी नहीं दिखाई गई जिसको लेकर विवादित भी रही।

न्यूटन को राष्ट्रीय पुरस्कार
65वें राष्ट्रीय पुरस्कार के लिए न्यूटन को बेस्ट फिल्म का नेशनल अवार्ड मिला। इसमें एक्टर पंकज त्रिपाठी को उनकी शानदार एक्टिंग के लिए बेस्ट एक्टर के अवार्ड से नवाजा गया था। इसके अलावा राजकुमार राव की एक्टिंग ने भी कमाल कर दिखाया। फिल्म ने ऑस्कर तक का सफर तय किया। हालांकि ये फिल्म अपनी श्रेणी में सर्वश्रेष्ठ 9 फिल्मों में जगह बनाने में नाकाम रही। यह फिल्‍म नक्‍सल प्रभावित इलाके में सालों बाद इलेक्‍शन कराने जैसे विषय पर बनाई गई फिल्‍म है।

गली गुलियां का दर्द
गली गुलियां फिल्म की कहानी बेहद ही डरावनी है। आम जिंदगी को लेकर बनी फिल्म सोचने को विवश करती है कि हमारे आसपास बहुत अपराध होते हैं लेकिन हम जान नहीं पाते हैं। इस फिल्म की कहानी और मनोज बाजपेयी की दमदार एक्टिंग ने फिर से दर्शकों का दिल जीता। हालांकि ऐसी फिल्में कमाई तो नहीं करती हैं लेकिन गली गुलियां ने इंटरनेशल लेवल पर दर्शकों का दिल जीतने पर कामयाबी हासिल की।

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रवि गुप्ता :पत्रकार, परिंदा ही तो है. जैसे मैं जन्मजात बिहारी, लेकिन घाट-घाट ठिकाने बनाते रहता हूं. साहित्य-मनोरंजन के सागर में गोते लगाना, खबर लिखना दिली तमन्ना है जो अब मेरी रोजी रोटी है. राजनीति तो रग-रग में है.