वर्तमान समय में छोटे पर्दे पर रियलिटी शो का दौर चल रहा है। सिंगिंग, डांसिंग और बच्चों में टैलेंट तलाशने से जुड़े तमाम रियलिटी शो टीआरपी के आंकड़ों में सुपरहिट साबित हो रहे हैं। इन सबके बीच केंद्र सरकार की नजर अब डांस रियलिटी शो में बच्चों के डांस पर है। सूचना एवं प्रसारण मंत्रालय ने सभी प्राइवेट चैनलों को एडवाइजरी जारी करते हुए निर्देश दिए हैं कि डांस शो में बच्चों को अश्लील डांस या फिर अभद्र तरीके से दिखाने से बचें।
मंत्रालय की ओर से यह एडवाइजरी इस संबंध में मिली कई शिकायतों के बाद जारी की गई है। एडवाइजरी में कहा गया है कि कई डांस रियलिटी शो में बच्चों को वयस्कों की तरह डांस करते हुए दिखाया जाता है। अश्लीलता को बढ़ावा देते यह डांस स्टेप्स बच्चों की उम्र के मुताबिक सरासर गलत होते हैं। बच्चों के दिमागी विकास और व्यक्तिगत जीवन पर इसका नकारात्मक प्रभाव पड़ सकता है।
लिहाजा सभी चैनल रियलिटी शो में बच्चों से संबंधी कंटेंट को दिखाने से पहले सावधानी और संवेदनशीलता बरतें। उम्मीद की जाती है कि सभी चैनल केबल टीवी नेटवर्क (नियमन) अधिनियम, 1995 के तहत कार्यक्रम एवं विज्ञापन कोड के नियमों का पालन करेंगे। इस बारे में ‘सुपर डांसर्स- चैप्टर 3’ के जज अनुराग बसु कहते हैं, ‘मुझे नहीं लगता है कि हमारे शो के किसी एपिसोड की वजह से मंत्रालय ने ये एडवाइजरी जारी की है।’
उन्होंने कहा, ‘मंत्रालय का फैसला सही है। मैं इसका स्वागत करता हूं। इस मुद्दे पर सबसे ज्यादा ध्यान देने वाली बात ये है कि अब हमें अच्छा दिखने और अश्लील दिखने के बीच का फर्क करना होगा। इसके बीच बहुत बारीक लाइन है।’ कोरियोग्राफर-फिल्ममेकर रेमो डिसूजा कहते हैं, ‘मैं कई डांस शो का जज रहा हूं। मैं हमेशा से इस बात का ख्याल रखता आया हूं कि बच्चे व्यस्कों की तरह डांस न करें। सेट पर थेरेपिस्ट और डॉक्टर्स मौजूद रहते हैं। बच्चों की बढ़ती उम्र के समय उनका खास ख्याल रखा जाना चाहिए।’
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