मी टू मूवमेंट का असर सबसे ज्यादा आलोकनाथ के खिलाफ ही देखने को मिल रहा है। उन पर पुलिस का शिकंजा कसता जा रहा है। विंटा नंदा द्वारा दर्ज कराई गई शिकायत के आधार पर मुंबई पुलिस ने आलोक नाथ के खिलाफ रेप का केस दर्ज किया है। आलोकनाथ के खिलाफ आईपीसी की धारा 376 के तहत एफआईआर दर्ज की गई है, जो कि रेप से जुड़ी होती है। इस बात की जानकारी खुद मुंबई पुलिस द्वारा दी गई है। इससे ये साफ होता है कि आलोकनाथ की परेशानी अब बहुत ज्यादा बढ़ने वाली है।
मुंबई के अतिरिक्त पुलिस आयुक्त मनोज शर्मा ने बताया किओशिवरा पुलिस स्टेशन में विंटा नंदा की शिकायत के आधार पर आईपीसी की धारा 376 (बलात्कार) के तहत आलोकनाथ के खिलाफ केस दर्ज किया गया है। इससे पहले सिंटा (CINTAA) की ओर से आलोकनाथ पर कड़ा एक्शन लिया गया था।
CINTAA की ओर से आलोकनाथ को बाहर का रास्ता दिखा दिया है। मी टू अभियान के बाद आलोकनाथ पर टीवी कलाकार विंटा नंदा की ओर से यौन उत्पीड़न के आरोप लगाए। इसके बाद आलोकनाथ की मुश्किल बढ़ने लगी। CINTAA और अन्य संस्थान की ओर से जवाब मांगने पर आलोकनाथ कड़ी प्रतिक्रिया दिए थे।
संस्था की तरफ से ये बताया गया था कि आलोक नाथ को बाहर कर दिया गया है। उनकी ओर से कहा गया है कि आलोकनाथ के ऊपर यौन शोषण जैसे गंभीर आरोप लगे हैं। इन आरोपों के आधार पर संस्था उनको कार्यकारी सदस्य की सूची से बाहर करता है। इसके बाद आलोकनाथ का संस्था के साथ कोई संबंध नहीं है।
In view of the various allegations of sexual harassment and misconduct against Mr. Alok Nath, after due diligence and consideration, the Exec. Committee of #cintaa has decided to expel him from the Association. @sushant_says @renukashahane @FIA_actors @sagaftra @RichaChadha pic.twitter.com/tcNgooWLW6
— CINTAA_Official (@CintaaOfficial) November 13, 2018
सोनी राजदान का समर्थन
वहीं सोनी राजदान ने भी कहा था, ‘पितृसत्तात्मक समाज में रहना मुझे पता है। ऐसी बातें किसी भी लड़की के लिए भयावह है। आंदोलन एक सकारात्मक संकेत है, जहां लड़कियां अपनी कहानियों के साथ आ रही हैं। यह कहना आसान है कि अगर ऐसा उत्पीड़न होता है, तो अपनी नौकरी से बाहर निकलें लेकिन लोग उस नौकरी पर निर्भर करते हैं, यह उनकी आजीविका, अस्तित्व का सवाल है। इसलिए जब हमें अपनी #MeToo कहानियों के साथ आने के लिए बचे हुए लोगों को प्रोत्साहित करना होगा, हमें महिलाओं को उनकी कहानियों को साझा न करने के लिए न्याय नहीं करना चाहिए।’ सोनी राजदान ने भी आलोकनाथ की पोल खोली थी।