सैफ अली खान का छलका दर्द, कहा- विरासत में कुछ नहीं मिला, अपनी कमाई से वापस पाया पटौदी पैलेस

एक इंटरव्यू में सैफ अली खान (Saif Ali Khan) पुरानी बातें याद कर इमोशनल हो गए। उन्होंने कहा, 'मुझे विरासत में कुछ नहीं मिला। मैंने पटौदी पैलेस (Pataudi Palace) अपनी फिल्मों की कमाई से वापस पाया।'

सैफ अली खान की तस्वीर (फोटो- ट्विटर)

सैफ अली खान (Saif Ali Khan) बॉलीवुड में दो दशक से भी ज्यादा समय बिता चुके हैं। उन्होंने करियर में कई बार उतार-चढ़ाव देखा है। सैफ इस समय अपने करियर के पीक पर हैं। एक इंटरव्यू के दौरान वह पुरानी बातों को याद कर भावुक हो गए। उन्होंने कहा कि उन्हें विरासत में कुछ भी नहीं मिला था। अपनी फिल्मों की कमाई से उन्होंने पटौदी पैलेस वापस पाया था।

सैफ अली खान ने कहा, ‘मेरे पिता मंसूर अली खान पटौदी के निधन के बाद पटौदी पैलेस नीमराणा होटल्स के पास किराए पर चला गया था। इसे वापस पाने के लिए मुझे बहुत मेहनत करनी पड़ी।’ एक्टर ने बताया कि फ्रांसिस वैकजार्ग और अमन नाथ उनका पैलेस चलाते थे। एक दिन फ्रांसिस ने उनसे पूछा कि क्या वह पैलेस वापस चाहते हैं और अगर हां तो उन्हें बहुत सारे पैसे देने होंगे।

‘मैं पटौदी पैलेस वापस चाहता था’

सैफ अली खान ने कहा, ‘मैं पटौदी पैलेस वापस चाहता था। मैंने इसके लिए लगातार पैसे कमाना शुरू किया और पैलेस को छुड़ाया। जो घर मुझे विरासत में मिलना चाहिए था, उसे मैंने अपनी फिल्मों की कमाई से पाया। आप अतीत और अपने परिवार से दूर नहीं रह सकते। मेरी परवरिश ऐसी ही हुई है। बचपन में मेरी दुनिया फिल्मों से ज्यादा मेरे पिता से प्रभावित रही थी। जब मैं 4-5 साल का था तो उन्होंने अपने करियर की अंतिम टेस्ट सीरीज खेली थी।’

इस साल रिलीज होगी फिल्म जवानी जानेमन

सैफ ने आगे कहा, ‘मेरी मां कहती हैं कि वो (पिता) अपनी जिम्मेदारियों से बचते रहे थे। उनकी मां भोपाल और पटौदी की देखभाल करती थीं। जब वो बूढ़ी हुईं तो हम उनके साथ रहने के लिए दिल्ली चले गए थे। दिल्ली में उनका बहुत बड़ा और खूबसूरत घर था। वो घर भारत सरकार ने समझौतों के तहत उन्हें जिंदगीभर के लिए दिया था।’ बताते चलें कि हाल ही में सैफ अली खान की फिल्म लाल कप्तान रिलीज हुई थी। इस साल के अंत में उनकी फिल्म जवानी जानेमन भी रिलीज होगी।

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राहुल सिंह :उत्तराखंड के छोटे से शहर हल्द्वानी से ताल्लुक रखता हूं। वैसे लिखने को बहुत कुछ है अपने बारे में, लेकिन यहां शब्दों की सीमा तय है। पत्रकारिता का छात्र रहा हूं। सीख रहा हूं और हमेशा सीखता रहूंगा।

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  • Hi. saif ali sir. Sir main bhi ayse hi ek badi problem men fasa hun koi rasta batao na sir jisse mera ghar chhut jay please help me sir thank you