काला हिरण शिकार केस (Salman Khan Blackbuck Poaching Case) से जुड़े एक मामले में जोधपुर कोर्ट ने बॉलीवुड के भाईजान सलमान खान को बरी आरोप मुक्त यानी बरी कर दिया है। दरअसल, काला हिरण शिकार के साथ-साथ उन पर एक और मुकदमा चल रहा था। वो मुकदमा था फर्जी शपथ पत्र (एफिडेविट) पेश करने का। सलमान खान ने ये शपथ पत्र 1998 में जमा कराया था। प्राप्त जानकारी के मुताबिक, इस शपथ पत्र में सलमान खान ने कोर्ट को कहा था कि उन्होंने अपना लाइसेंस खो दिया था और उसे रिन्यू करने के लिए भेज दिया था।
सलमान खान के वकील हस्तिमल सारस्वत ने अदालत में कहा था कि सलमान खान का फर्जी एफिडेविट दर्ज करने का कोई इंटेशन नहीं था। उन्होंने कहा कि सलमान खान ने इन्वेस्टिगेशन में पूरा सहयोग किया है और किसी को मिस्लीड नहीं किया। जब उनसे जमा करवाने के लिए कहा गया था, उस वक्त लाइसेंस खो गया था। बाद में लाइसेंस को मुंबई पुलिस को सौंप दिया गया था। इसे मुंबई पुलिस ने भी कोर्ट में दी गवाही में कहा कि सलमान खान ने मुंबई में पुलिस कमिश्नर और डिप्टी पुलिस कमिश्नर को लाइसेंस सौंप दिया था।
ये था मामला
काला हिरण शिकार केस सहित सलमान खान के खिलाफ तीन केस दर्ज हुए थे। एक काला हिरण शिकार मामला, दूसरा फर्जी दस्तावेज (Fake Affidavit Case) पेश करने का मामला और तीसरा आर्म्स एक्ट के तहत हथियार ना रखने का मामला। आर्म्स एक्ट (Arms Act Case) में तो सलमान खान को पिछले साल बरी कर दिया गया। इसी मामले की सुनवाई के दौरान सलमान को उनका लाइसेंस कोर्ट में जमा कराना था। सलमान ने कोर्ट में एक एफिडेविट जमा कराते हुए दलील दी थी कि उनका लाइसेंस खो गया है। उन पर आरोप लगा कि सलमान के पास लाइसेंस है, लेकिन उन्होंने इसे रिन्यूवल के लिए दे रखा है। सलमान के इसी शपथपत्र को झूठा कहा गया था।
अब चलेगा सिर्फ ये केस
जोधपुर कोर्ट ने फर्जी दस्तावेज मामले पर अपना फैसला सुनाया और सलमान खान (Salman Khan) को बरी कर दिया है। तीन में दो मामले पर सलमान खान को रिहा कर दिया है। अब उन पर सिर्फ काला हिरण शिकार मामला चलेगा।
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