काला हिरण मामला भले ही दो दशक पुराना क्यों न हो लेकिन जोधपुर की अदालत का फैसला बॉलीवुड स्टार सलमान खान, सैफ अली खान, तब्बू और सोनाली बेंद्रे पर मुसिबतें लाया। काला हिरण शिकार मामले में जोधपुर सेशन कोर्ट ने सलमान खान को पांच साल की सजा सुनाई है। जबकि शुक्रवार को सलमान को जेल जाना पड़ा था। हालाँकि, सलमान खान को बेल मिल गयी है। बता दे कि, इसी मामले में बाकी आरोपियों को बरी कर दिया गया। कोर्ट में यह साफ हो गया था कि सलमान की जिप्सी में कुल सात लोग थे। आगे सलमान और सैफ, पीछे सोनाली बेंद्रे, तब्बू और नीलम। उससे पीछे दो और लोग दुष्यंत सिंह और दिनेश गावरे। काला हिरण मामले में सलमान खान को बेल मिल गयी है। मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक, 5० हजार का बेल बॉन्ड बनाया गया है। सलमान खान अब जेल से बाहर आ गए हैं| यहाँ देखिये Photos
दो दशक से चल रहे इस मामले पर एक बार फिर लोगों के बीच कौतूहल बन कर सामने आया है। आइए जानें की 1998 के काला हिरण मामला का क्या है। और अब तक मामले की सुनवाई कैसे और कब हुई। मामले में किस को लेकर अब कोर्ट में क्या हुआ। यह घटना 1998 की है। जब फिल्म ‘हम साथ साथ हैं’ की शुटिंग के दौरान जब सलमान खान, सैफ अली खान, तब्बू और सोनाली बेंद्रे एक जिप्सी में बैठकर जोधपुर के कणकणी गांव की सैर कर रहे थे।
तभी उनके सामने से हिरणों का एक झूंड निकला। जिसका इन कलाकरों ने पीछा करते हुए गोली चला दी। गोली से दो हिरण की मौत हो जाती है। गोली की आवाज सुनकर लोगों ने जब इनका पीछा किया तो कलाकरों में मृत हिरणों को छोड़कर वहां से भाग जाते हैं।
काला हिरण मामला उस समय लोगों के सामने आया जब 2 अक्टूबर 1998 में हिरणों के शिकार का केस दर्ज कराया गया। यह केस
विश्नोई के ग्रामीण द्वारा कराया था। जिसमें सलमान खान और अन्य के खिलाफ मामला दर्ज कराया गया। विलुप्त हो रहे काले हिरणों के शिकार मामले में 12 अक्टूबर 1998 में सलमान खान की पहली गिरफ्तारी हुई।
लेकिन तुरंत ही जमानत मिल गई। मामले में ट्वीस्ट तब आया जब सलमान खान को ट्रायल कोर्ट ने 10 अप्रैल 2006 में वाइल्ड लाइफ प्रोटेक्शन एक्ट के तहत दोषी करार देते हुए 5 साल की सजा और 25 हजार रुपये का जुर्माना लगाया।
इसके बाद यह मामला राजस्थान हाई कोर्ट ने 31 अगस्त 2007 में काले हिरण के मामले में सलमान खान को 5 साल तक सजा सुनाई।
और सलमान खान एक सप्ताह तक जोधपुर जेल में बंद रहे। लेकिन सलमान की अपील के बाद सजा सस्पेंड कर दी गई। 2012 में राजस्थान कोर्ट में मामले में आरोपियों के खिलाफ आरोप तय किए और मामले में ट्रायल का नया मोड़ जुड़ गया।