बॉलीवुड में अपनी दो फिल्मों को लेकर सारा अली खान ने दिया ये जवाब, सुनकर आप भी कहेंगे ‘वाह’

सारा अली खान और सुशांत सिंह राजपूत अपनी फिल्म के प्रमोशन के चलते दिल्ली आए थे। सारा अली खान के हालिया हुए इंटरव्यू में उन्होंने कई मुद्दों पर खुलकर बातचीत की। इस दौरान उन्होंने अपनी फिल्म के बारें में भी राय दी।

सारा अली खान ने कई मुद्दों पर खुलकर बात की।

बॉलीवुड में फिल्म केदारनाथ (Kedarnath) से डेब्यू करने वाली सारा अली खान (Sara Ali Khan) की पहली फिल्म शुक्रवार को रिलीज हो गई है। सारा अली खान और सुशांत सिंह राजपूत अपनी फिल्म के प्रमोशन के चलते दिल्ली आए थे। सारा अली खान के हालिया हुए इंटरव्यू में उन्होंने कई मुद्दों पर खुलकर बातचीत की। इस दौरान उन्होंने अपनी फिल्म के बारें में भी राय दी।

सारा अली खान ने कहा कि केदारनाथ में सच्ची प्रेम कहानी है। मोहब्बत की एक ऐसी चीज है जिसे शब्दों में बयान नहीं किया जा सकता है। इस फिल्म के बाद मुझे महसूस हुआ कि जब आप सच्ची प्रेम कहानी से गुजरते हैं, तब आप हिंदू हो या मुस्लिम इससे कोई फर्क नहीं पड़ता है। यदि आपको प्यार चाहिए तो चाहिए, इसे ही बेइंतहा मोहब्बत कहते हैं। इस फिल्म में नाजुक प्रेम कहानी है। हम सभी ने बहुत लगन और ईमानदारी से काम किया है। लोगों को इसे देखने जाना चाहिए।

सारा अली खान से जब पूछा गया कि जब आपको केदारनाथ पहली फिल्म के तौर पर ऑफर हुई तो उन्होंने कहा कि ये अनुभव अविश्वसनीय था, ये मेरे लिए किसी सपने की तरह था। उन्होंने कहा कि फिल्म के सेट पर कदम रखना मेरे लिए किसी सपने से कम नहीं था। उन्होंने बताया कि उनका किरदार बड़ी खूबसूरती से लिखा गया है। इसके साथ ही उन्होंने कहा कि सुशांत के साथ काम करना मेरे लिए बहुत अच्छा अनुभव रहा। सारा ने सुशांत को बहुत अच्छा इंसान और एक टैलेंट अभिनेता बताया।

वही एक ही महीने में दो फिल्मों के रिलीज को लेकर सारा अली खान ने कहा कि उन्हे बहुत एक्साइटमेंट हो रहा है। क्यों कि कुछ ऐसा हो रहा है जो वो हमेशा से चाहती थी। सारा ने कहा ये एक ऐसा अहसास है। जिसको मैं शब्दों में बयां नहीं कर पा रही हूं। मुझे बाद में पता चलेगा कि मैंने कैसा काम किया है। मेरे लिए सच में कुछ भी नहीं बदला है। वेल सारा अली खान का ये बयान आपको कैसा लगा हमें नीचें कमेंट्स करके जरूर बताएं।

देखिए सारा अली खान का ये वीडियो…

देखिए सारा अली खान की अन्य तस्वीरें…

कविता सिंह :विवाह के लिए 36 गुण होते हैं, ऐसा फ़िल्मों में दिखाते हैं, पर लिखने के लिए 36 गुण भी कम हैं। पर लेखन के लिए थोड़े बहुत गुण तो है हीं। बाकी उम्र के साथ-साथ आ जायेंगे।