बॉलीवुड ‘बादशाह’ को अब तक क्यों नहीं मिला नेशनल अवार्ड? शाहरुख खान ने खुद किया खुलासा

शाहरुख खान को नेशनल अवार्ड ना मिलने का मलाल है। कोलकाता फिल्म फेस्टिवल के दौरान उनका दर्द छलक उठा। मुख्यमंत्री ममता बनर्जी के सामने अपनी इच्छा प्रकट कर दिए।

बॉलीवुड के ‘बादशाह’ शाहरुख खान (Shah Rukh Khan) को नेशनल अवार्ड (National Film Award) ना मिलने का मलाल है। कोलकाता फिल्म फेस्टिवल (KIFF) के दौरान उनका दर्द छलक उठा। पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी के सामने अपनी इच्छा प्रकट कर दिए। इसके साथ ही वह ममता बनर्जी के हाथों सम्मान प्राप्त कर खुशी तो जाहिए किए लेकिन नेशनल अवार्ड के लिए थोड़े नाराज भी नजर आए। यहां पर उन्होंने बड़े ही खास अंदाज में अपनी बातों को रखा और आने वाली फिल्म ‘जीरो’ (ZERO) के ट्रेलर की स्क्रीनिंग कराई। इस फिल्म फेस्टिवल में महानायक अमिताभ बच्चन भी शामिल हुए।

कोलकाता फिल्म फेस्टिवल पर किंग खान ने कहा कि उनको महोत्सव में केवल नाचने-एक्टिंग करने और अतिथियों के स्वागत के लिए बुलाया जाता है। अब मैंने सत्तर से अधिक फिल्में की। कई फिल्में शानदार तरीके से सफल रहीं। इसके बावजूद भी मुझे नेशनल फिल्म अवार्ड के काबिल नहीं समझा जाता है। यहां पर वे सरकार पर निशाना साधते नजर आए। कोलाकाता के नेताजी इंडोर स्टेडियम में किंग खान ने अपने अंदर की बात को उजागर किया। शाहरुख खान ने ‘चक दे इंडिया’, ‘स्वदेस’ जैसे कई फिल्में की जिसको लेकर नेशनल अवार्ड की उम्मीद जताई जा रही थी लेकिन अब तक किंग खान के हाथ नेशनल अवार्ड नहीं लग पाया है।

ममता बनर्जी के हाथों मिला अवार्ड
कोलकाता फिल्म फेस्टिवल के मौके पर पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने शाहरुख खान को अवार्ड दिया गया। इस मौके पर किंग खान ने कहा कि मुझे इसे पाकर बेहद खुशी हो रही है। वाकई ये क्रिस्टल अवार्ड बहुत ही प्यारा है। इस मौके पर उन्होंने कहा, ‘ममतादी (ममता दीदी) मुझे ये अनुमित दें कि ‘जीरो’ के ट्रेलर को दिख सकूं।’ इसके बाद जीरो के ट्रेलर को दिखाया गया। जीरो में शाहरुख की एक्टिंग देखकर फैंस चिल्लाने लगे। इस दौरान शाहरुख खान ने बंगाली और हिंदी को मिक्स कर फैंस को खुश किया। यहां पर ममता बनर्जी ने बांग्ला सीखने की नसीहत भी दी।

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रवि गुप्ता :पत्रकार, परिंदा ही तो है. जैसे मैं जन्मजात बिहारी, लेकिन घाट-घाट ठिकाने बनाते रहता हूं. साहित्य-मनोरंजन के सागर में गोते लगाना, खबर लिखना दिली तमन्ना है जो अब मेरी रोजी रोटी है. राजनीति तो रग-रग में है.