एक्टर शेखर सुमन ने मीटू मूवमेंट को लेकर अपनी बात बेहद ही अलग तरीके से रखी हैं। उन्होंने इस मूवमेंट को महिला और पुरुष दोनों से ही जुड़ा हुआ बताया है। वहीं, कुछ दिन पहले अपने बेटे अध्ययन सुमन द्वारा अपनी आपबीती बताए जाने को लेकर उन्होंने कहा कि जब उनके बेटे ने अपनी मीटू स्टोरी शेयर की तो इस कदम को पब्लिसिटी करार दिया गया था।
अपने बेटे अध्ययन सुमन का स्पोर्ट करते हुए शेखर सुमन ने ट्विटर के जरिए कहा कि जब अध्ययन ने अपनी आपबीती लोगों के सामने शेयर की थी तो कहा गया था कि अध्ययन ये सब सिर्फ पब्लिसिटी के लिए कर रहे हैं, लेकिन जब सारी महिलाएं एक साथ आकर मी टू के तहत अपनी स्टोर रखने लगी तो क्या वो सब पब्लिसिटी के लिए नहीं किया जा रहा था?
इसके साथ ही शेखर सुमन ने कहा कि #MeToo आंदोलन क्या मर चुका है? आरोप प्रत्यारोप का सिलसिला अब खत्म हो गया है? सुर्खियां चली गई है? शेखर सुमन ने इस पूरे मूवमेंट को लेकर कहा कि चार दिन की चांदनी फिर अंधेरी रात। उन्होंने मीटू आंदोलन पर अपने विचार साझा किए हैं और कहा है कि यह एक महान आंदोलन है जो महिलाओं को सशक्त बनाएगा लेकिन यह जेंडर बेस नहीं होना चाहिए।
देखें शेखर सुमन का ट्वीट…
Is the #MeToo movement dead?The din the allegations the cacophony over?The debates over?The headlines gone?Some shamed some sacked others got away scot free.women's revolution over?char 'din'ki chandini phir andheri raat.khoda pahad nikla 4 chuha.
— Shekhar Suman (@shekharsuman7) October 30, 2018
बताते चलें कि मीटू मूवमेंट के तहत कंगना रनौत के एक्स बॉयफ्रेंड अध्ययन सुमन ने उन्हीं के खिलाफ टि्वटर पर कई आरोप लगाए थे और अपनी आपबीती सुनाई थी।
so sad..sadly it was not a movement but an opportunity for some.sad sad v sad.
— Shekhar Suman (@shekharsuman7) October 30, 2018
अपने ट्वीट में अध्ययन ने कहा,’ बहुत से लोगों ने मुझसे मेरी #MeToo कहानी साझा करने के लिए कहा, जब मैंने 2 साल पहले ऐसा किया तो मुझे शर्मिंदा और बदनाम किया गया। अध्ययन सुमन ने आगे बताया कि इस पूरे केस के चलते मेरे माता – पिता को भी नेशनल टीवी पर कुछ अश्लील बातों को झेलना पड़ा।
इतना ही नहीं मुझे पूरी तरह से एक असफल करियर वाला एक लड़का तक कहा गया। हर किसी को हक है कि वह अपने दर्दनाक और अंधेरे से भरे पलों को साझा कर सकें। मैं उन मुट्ठीभर लोगों का दिल से शुक्रियाद करता हूं जिनका सर्मथन हमेशा मेरे साथ रहा है।’
But in the same breath i dont blindly support it…i said it shld not be gender specific.wen adhyayan spoke about it he was shamed n ridiculed.where as wen the victim was a woman she was idolized.
The predator must be punished whether man or woman.— Shekhar Suman (@shekharsuman7) October 30, 2018
देखें शेखर सुमन का एक और ट्विट…
Wen Adhyayan spoke up 2 yrs ago ppl said he did it for publicity bcoz he had a failed career,though he was fairly well known.Wat about all the girls coming out and speaking up now?some of them unknown n with no careers.Are they doing it for publicity too?
— Shekhar Suman (@shekharsuman7) October 15, 2018
अध्ययन सुमन का दर्द इतने भर से कम नहीं हुआ। उन्होंने आगे लिखा,’ मुझे इस बात की खुशी है कि #MeToo अभियान उन सभी लोगों को कम से कम मौका दे रहा है जिन्होंने इतने लंबे समय तक अपने अंधेरे और निराशाजनक अनुभवों को दबाकर रखना पड़ा था।’