डायरेक्टर अभिषेक चौबे ने फिल्म ‘सोनचिड़िया’ के नरेशन को एक्ट्रेस भूमि पेडनेकर को ध्यान में रखते हुए तैयार किया था। और एक ऐसा किरदार गढ़ा जो एक पल में असहज और दूसरे पल में खुद विशेषाधिकारी महसूस करती थी। आज फिल्म ‘सोनचिड़िया’ रिलीज हो गई है। इस मौके पर भूमि पेडनेकर ने फिल्म को लेकर कई बातें कहीं हैं। उन्होंने कहा कि फिल्म में जो उनके किरदार के साथ होता है वह बहुत ही दिल दुखाने वाला था।
भूमि पेडनेकर ने इंडियन एक्सप्रेस को दिए इंटरव्यू में कहा,’मैं जीवन अपने जीवन सवाल करने लगी हूं। मैं अपने आप से कहती हूं कि मैं इस शहर की लड़की हूं। मैं अपने विचार हैं और बहुत ही ज्यादा इगो है। मेरे पास शक्ति है और मैं मजबूत हूं। लेकिन, समाज का एक बहुत बड़ा वर्ग अब भी ना कहने की ताकत नहीं रखता है। मेरे किरदार के साथ जिस तरह की चीजें होती हैं, वह मेरे लिए बहुत दिल दुखाने वाली थी।’
इंदुमति तोमर का किरदार
आपको बता दें कि फिल्म ‘सोनचिड़िया’ में भूमि पेडनेकर चंबल की एक मायूस महिला इंदुमति तोमर का किरदार निभा रही हैं, जोकि एक लड़की को बचाने के लिए अपने घर से भाग जाती है। फिल्म में इंदुमति की को भारत की पितृसत्तात्मक सोच से पीड़िता महिला के रूप में दिखाया जाए।
पितृसत्ता को तोड़ने वाला कैरेक्टर
भूमि पेडनेकर ने कहा कि जब उन्होंने पहली बार फिल्म की स्क्रिप्ट सुनी तो वह अवाक रह गई। उन्होंने कहा कि डायरेक्टर अभिषेक चौबे उनसे कहा कि इस कैरेक्टर और कहानी के जरिए तुम अपनी लाइफ की सच्चाई को समझ पाओगी। यह फिल्म पितृसत्ता के बारे में है। भूमि पेडनेकर ने कहा,’मैं अपने कैरेक्टर के बारे में सबसे अधिक प्यार करती हूं कि क्योंकि यह लड़की नहीं जानती है कि उसके पास ताकत और अभिव्यक्ति है, लेकिन उसे चंबल के अंधकार में धकेल दिया जाता है, जहां उसकी स्वाभाविक प्रवृत्ति पर आघात होता है।’
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