Soni Razdan B’Day: बॉलीवुड से टीवी तक कमाल दिखा चुकी हैं आलिया भट्ट की मां

सोनी राजदान 62 वां जन्मदिन मना रही हैं। सोनी राजदान के जन्मदिन पर उनकी बेटी आलिया भट्ट ने प्यारा सा गिफ्ट दिया है। महेश भट्ट और सोनी ने इस्लाम धर्म अपनाया..

सोनी राजदान के जन्मदिन पर उनकी बेटी आलिया भट्ट ने प्यारा सा गिफ्ट दिया है। पुरानी तस्वीर शेयर कर इन्होंने मां का दिल जीत लिया है। सोनी राजदान 62 वां जन्मदिन मना रही हैं। बॉलीवुड के जाने माने निर्देशक व निर्माता और पति महेश भट्ट की ओर से भी तोहफा मिल ही गया होगा। वैसे महेश भट्ट सोनी राजदान के प्यार के किस्से सबने सुने हैं। महेश भट्ट और सोनी राजदान ने अपना धर्म बदल कर शादी किया था। ब्रिटिश मुल्क में पली-बढ़ी सोनी राजदान के अंग्रेजी थियेटर से हिंदी सिनेमा में आना आसान नहीं था। फिर भी महेश भट्ट के लिए वह ब्रिटिश से भारत चली आईं और उनके लिए धर्म तक बदल लिया। वैसे इनकी प्रेम कहानी बेहद रोचक और फिल्मी है।

सोनी राजदान का जन्म 25 अक्टूबर 1956 को बर्मिघम (यूके) में हुआ था। इनकी शिक्षा और फिल्मी करियर की शुरुआत भी वहीं से हुई। जॉन फ्लावर के साथ अंग्रेजी थियेटर में शुरू कीं। भारत में उनका आना-जाना लगा रहता था लेकिन इसी बीच जब उन्होंने 1986 में दूरदर्शन के सीरीयल ‘बुनियाद’ में काम किया। इसमें काम करने के बाद उनको और भी सीरीयल में काम करने का मौका मिला। देखते ही देखते ब्रिटिश गर्ल भारतीय सिनेमा में अपना स्थान बना लीं। मीडिया रिपोर्ट्स की मानें तो सोनी और महेश की मुलाकात काफी पहले हो गई थी। सोनी राजदान के भारत आने का कारण भी महेश भट्ट हैं।

इसलिए अपनाया इस्लाम धर्म
सोनी राजदान और महेश भट्ट का अफेयर जग जाहिर हो चुका था। हालांकि महेश भट्ट अपनी पत्नी परवीन बॉबी को छोड़ना नहीं चाहते थे। इसलिए सोनी राजदान और महेश भट्ट शादी नहीं कर पा रहे थे। सोनी ने महेश पर शादी का दबाव बनाया। इसके बाद शादी करने का फैसला लिया गया। अब हिंदू धर्म इनकी शादी के आड़े आने लगा। परवीन बॉबी के कारण शादी कर पाना संभव नहीं था। इसलिए एक रास्ता निकाला और दोनों ने धर्म बदला। महेश भट्ट और सोनी राजदान इस्लाम धर्म अपना लिए। 20 अप्रैल, 1986 को दोनों की शादी हो गई। सोनी राजदान आलिया भट्ट और शाहीन भट्ट की मां हैं। जबकि पूजा भट्ट और राहुल भट्ट सौतेलें बच्चे हैं। महेश भट्ट अपनी सभी बच्चियों को बेहद प्यार करते हैं।

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रवि गुप्ता :पत्रकार, परिंदा ही तो है. जैसे मैं जन्मजात बिहारी, लेकिन घाट-घाट ठिकाने बनाते रहता हूं. साहित्य-मनोरंजन के सागर में गोते लगाना, खबर लिखना दिली तमन्ना है जो अब मेरी रोजी रोटी है. राजनीति तो रग-रग में है.