कनाडाई मुक्केबाज की कहानी लेकर आ रहे हैं ‘सूरमा’ के निर्माता, दो बड़े देशों में होगी रिलीज

फिल्म 'सूरमा' के बाद निर्माता दीपक सिंह भारतीय मूल के कनाडाई मुक्केबाज परदीप नागर पर फिल्म बना चुके हैं। फिल्म दो देशों में 'टाइगर' रिलीज होने जा रही है।

फिल्म ‘सूरमा’ को लेकर वाहवाही बटोरने के बाद निर्माता दीपक सिंह एक और खिलाड़ी की कहानी लेकर आ रहे हैं। भारतीय मूल के कनाडाई मुक्केबाज परदीप नागर के जीवन पर आधारित फिल्म ‘टाइगर’ रिलीज होने के लिए तैयार है। फिल्म ‘टाइगर’ अमेरिका और कनाडा में 30 नवंबर को एक साथ रिलीज होगी। इसके बाद संभावना है कि फिल्म भारत में भी रिलीज हो। इस फिल्म में मिकी रॉर्के, जनेल पैरिश, प्रेम सिंह और माइकल पुग्लीज मुख्य कलाकार हैं। इस फिल्म को लेकर आने वाले ‘सूरमा’ के निर्माता दीपक सिंह मुक्केबाज परदीप नागर की जिंदगी से प्रभावित होकर इस फिल्म के लिए काम करना शुरू किए।

भारतीय मूल के कनाडाई मुक्केबाज परदीप नागर पर आधारित फिल्म ‘टाइगर’ को प्रस्तुत करने का निर्णय लिया। मुक्केबाज नागर की कहानी को लेकर दीपक बताते हैं, ‘सूरमा’ के बाद मैंने सोचा कि यह फिर से लोगों को बताए जाने वाली एक कहानी है, क्योंकि परदीप नागर एक लड़ाके हैं और वह मैदान छोड़ने के बजाय, अपनी भावनाओं और धार्मिक मान्यताओं के साथ डटे रहे हैं और एक बाघ की तरह लड़कर उन्होंने जीत हासिल की है।’ उन्होंने आगे कहा, ‘जब रोक्को पुग्लीज ने मुझे इस फिल्म का प्रस्ताव दिया तो मैंने तुरंत हां कह दिया, वह भी इसलिए क्योंकि नागर ने आगे बढ़कर सिख धर्म के लिए काम किया है। नागर की कहानी सभी को बताए जाने की जरूरत है।’

यहां पर देखिए फिल्म ‘टाइगर’ का ट्रेलर

‘टाइगर’ की स्क्रीनिंग
पिछले सप्ताह अमेरिका के जेके लिविन फाउंडेशन की तरफ से ‘टाइगर’ की स्क्रीनिंग की गई थी, जहां फिल्म से जुड़े कलाकार और अन्य लोग उपस्थित थे। फिल्म को सकारात्मक प्रतिक्रिया मिली। अब देखना है कि फिल्म कितनी सफल हो पाती है। वैसे दीपक सिंह की फिल्म ‘सूरमा’ ने तो कमाल कर दिया था। बताते चलें कि ‘सूरमा’ भारतीय हॉकी कप्तान संदीप सिंह के जीवन पर बनी है। भारतीय दर्शकों ने इस फिल्म को बहुत प्यार दिया। भारतीय मूल के कनाडाई मुक्केबाज परदीप नागर की कहानी भारत में कब आएगी इसकी घोषणा अभी नहीं हो पाई है।

‘सूरमा’ फिल्म का ट्रेलर यहां देखिए…

यहां देखिए सूरमा के और वीडियो…

 

रवि गुप्ता :पत्रकार, परिंदा ही तो है. जैसे मैं जन्मजात बिहारी, लेकिन घाट-घाट ठिकाने बनाते रहता हूं. साहित्य-मनोरंजन के सागर में गोते लगाना, खबर लिखना दिली तमन्ना है जो अब मेरी रोजी रोटी है. राजनीति तो रग-रग में है.