दक्षिण भारतीय फिल्मों के थलाइवा यानी रजनीकांत (Rajinikanth) आज 68 साल के हो गए हैं। तमिलनाडु में उनके फैंस थलाइवा का जन्मदिन बड़े ही धूमधाम से मना रहे हैं। राज्य के कई शहरों में रजनीकांत (Rajinikanth) के नाम और उनकी फोटो वाले केक काटे जा रहे हैं। फैंस से लेकर सेलिब्रिटीज़ तक उन्हें सोशल मीडिया के जरिए बधाई दे रहे हैं। ऐसा नहीं है कि रजनीकांत (Rajinikanth) ने टॉलीवुड में ही अपनी पहचान बनाई है, उन्होंने बॉलीवुड की भी कई हिट फिल्मों में अपनी एक्टिंग का लोहा मनवाया है।
रजनीकांत (Rajinikanth) का जन्म 12 दिसंबर, 1950 को कर्नाटक के बेंगलुरु में हुआ था। उनके माता-पिता ने उनका नाम शिवाजी गायकवाड़ रखा था। उनकी माता का नाम जीजाबाई और पिता का नाम रामोजी राव गायकवाड़ था। उनके पिता पेशे से कांस्टेबल थे। रजनीकांत (Rajinikanth) अपने भाई-बहनों में सबसे छोटे हैं। 4 साल की उम्र में ही रजनीकांत (Rajinikanth) की मां का देहांत हो गया था।
‘अपूर्वा रागांगल’ फिल्म में पहली बार मिला था मौका
परिवार की आर्थिक स्थिति खराब होने की वजह से उन्होंने कम उम्र में ही काम करना शुरू कर दिया था। रजनीकांत (Rajinikanth) ने कुली से लेकर बस कंडक्टर तक की नौकरी की है लेकिन उन्हें बचपन से ही एक्टिंग का शौक था। साल 1975 में उन्होंने किसी तरह अपने सपने की पहली सीढ़ी पर कदम रखे। दरअसल यह वो साल था जब उन्हें के.बालचंद्र के निर्देशन में बनी तमिल फिल्म ‘अपूर्वा रागांगल’ में काम करने का मौका मिला।
तमिल फिल्म ‘भैरवी’ ने बना दिया था सुपरस्टार
साल 1978 में आई तमिल फिल्म ‘भैरवी’ में उन्हें बतौर लीड रोल साइन किया गया था। इस फिल्म ने उन्हें रातोंरात सुपरस्टार बना दिया। इसके बाद रजनीकांत (Rajinikanth) ने फिर कभी पीछे मुड़कर नहीं देखा। थलाइवा ने ‘अंधा कानून’ फिल्म से बॉलीवुड में डेब्यू किया था। इस फिल्म में उनकी एक्टिंग, उनके दमदार डायलॉग्स के लोग दीवाने हो गए थे। थलाइवा के जन्मदिन पर आज हम आपके लिए लेकर आए हैं उनकी फिल्मों के 10 दमदार डायलॉग्स।
1- मैंने उसे मारा भी नहीं और मार भी डाला- अंधा कानून।
2- समुंदर के किनारे रहने वाले नदियों से नहीं डरते और ना कीचड़ में पलने वाला खून के छीटों से भागते हैं- आतंक ही आतंक।
3- रिवॉल्वर से ज्यादा खतरनाक चीज अगर कोई है तो वो हैं तुम्हारी आंखें- आतंक ही आतंक।
4- गोरे रंग पे अगर काला तिल पड़ भी जाए तो उसे खुरचकर नहीं मिटाया जाता, बल्कि लोग उसका और एहसान मानते हैं, इसलिए कि वो बुरी नजर से बचाता भी है- आतंक ही आतंक।
5- मैं शक की बुनियाद पर केस का पन्ना खोलता हूं और उसे यकीन में बदलकर किताब बंद कर देता हूं- फूल बने अंगारे।
6- आज के बाद किसी ईमानदार ऑफिसर को बेईमान बनाने की कोशिश मत करना, वरना किसी दिन किसी ईमानदार ऑफिसर कि खोपड़ी घूम गई तो वो सारी की सारी गोलियां तेरी खोपड़ी के आर-पार कर देगा- फूल बने अंगारे।
7- जिस तरह जमीन पर पैर रखे बगैर इंसान चल नहीं सकता, उसी तरह मुजरिम कानून से भाग सकता है लेकिन बच नहीं सकता- हम।
8- झुण्ड में तो सूअर आते हैं, शेर अकेले ही आता है- शिवाजी द बॉस।
9- स्पीड वन टेराहर्ट्ज, मेमोरी वन गीगाबाइट- रोबोट।
10- सपने में चाहे जितनी भी तकलीफें हो, आंख खुलते ही सारी तकलीफें मिट जाती हैं- कबाली।
देखें रजनीकांत-अक्षय कुमार की फिल्म ‘2.0’का ट्रेलर…
देखें रजनीकांत की अगली फिल्म ‘पेट्टा’ में उनका लुक…